Market Crash Reasons: बिहार चुनाव 2025 में NDA की जबरदस्त बढ़त के बावजूद भारतीय शेयर बाजार में तेजी नहीं दिखी। कमजोर ग्लोबल संकेत खासकर US, जापान और एशियाई बाजारों में भारी गिरावट देखने को मिल रही है। जानिए बाजार में गिरावट के क्या-क्या कारण हैं... 

Bihar Election Results Impact on Share Market: बिहार चुनाव 2025 के नतीजे आते-आते NDA की बड़ी जीत एक तरह से तय हो चुकी है। एग्जिट पोल पहले से ही एनडीए की शानदार जीत की भविष्यवाणी कर चुके थे, इसलिए शेयर बाजार को भी इसी नतीजे की उम्मीद थी। लेकिन शुक्रवार को बाजार का माहौल एकदम उलट रहा। सुबह सेंसेक्स 400 अंक गिरकर 84,042 पर फिसल गया, हालांकि, बाजार बंद होते-होते 139 अंक से ज्यादा बढ़त के साथ बंद हुआ और निफ्टी 50 सुबह में आधा प्रतिशत लुढ़ककर 25,751 पर आ गया, लेकिन आखिरी मोमेंट पर 36 की बढ़त लेकर बंद हुआ। यानी बिहार में एनडीए की जीत जितनी बड़ी, बाजार की चाल उतनी शानदार नहीं दिखी। ऐसे में सवाल कि जब जीत उम्मीद के मुताबिक है, तब भी शेयर बाजार चढ़ क्यों नहीं रहा और इसमें गिरावट के क्या-क्या कारण हैं?

ग्लोबल मार्केट्स में भूचाल

भारत का बाजार आज भले गिरा हो, लेकिन फिर भी दुनिया के मुकाबले काफी मजबूत दिखा। अमेरिका में बीती रात बड़ी गिरावट देखने को मिली S&P 500 करीब 1.7% गिरा, नैस्डैक 2.3% टूटा। एशियाई बाजारों में भी खलबली देखने को मिली। जापान निक्केई 1.77%, हांगकांग हैंग सेंग 1.5% और कोरिया कोस्पी में 3.6% का क्रैश आया। इतने भारी ग्लोबल प्रेशर के बीच भारत का 0.5-0.6% गिरना बहुत छोटा झटका माना जा रहा है। मतलब अगर ग्लोबल मार्केट्स इतने खराब न होते, तो बिहार चुनाव का पॉजिटिव इफेक्ट भारतीय बाजार को आज ऊपर ले जा सकता था।

बिहार चुनाव रिजल्ट तो पॉजिटिव हैं, लेकिन US मार्केट ने गेम खराब कर दिया

मार्केट एक्सपर्ट्स कह रहे हैं कि भारतीय बाजार ने आज असल में मजबूती दिखाई है, वरना गिरावट और भी बड़ी हो सकती थी। अगर US मार्केट के खराब संकेत और एशियाई बाजारों का दबाव न होता, तो आज भारत में जोरदार रैली दिखती। NDA की उम्मीद से बेहतर जीत बाजार के लिए पॉजिटिव है।

इंडिया-US ट्रेड डील में देरी

हालिया हफ्तों में उम्मीद थी कि भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील पर बड़ी घोषणा होगी। खुद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कह चुके हैं कि डील बहुत नजदीक है। लेकिन अभी तक कोई फाइनल एनाउंसमेंट नहीं हुआ। इससे बाजार में थोड़ा डर है कि कहीं भारत ने ज्यादा समझौता तो नहीं कर लिया? कहीं डील अटक तो नहीं गई? कहीं शर्तें भारत के खिलाफ तो नहीं होंगी? इन सवालों का जवाब आने तक, निवेशक सुरक्षित खेलने में लगे हैं।

AI स्टॉक्स को लेकर घबराहट

एक और बड़ी टेंशन AI से जुड़े US स्टॉक्स में भारी गिरावट की है। कुछ लोग इसे नया टेक बबल बता रहे हैं। हालांकि, एक्सपर्ट्स इससे सहमत नहीं हैं। उनका कहना है कि ये बबल नहीं है। 2000 के टेक बबल से तुलना गलत है। नैस्डैक का PE तब 70 था, आज 32 है। AI कंपनियां प्रॉफिट में हैं। अभी जो हो रहा है, वह सिर्फ प्रॉफिट बुकिंग है।

भारतीय बाजार का फ्यूचर

मार्केट एक्सपर्ट्स के अनुसार, भारत का बाजार लंबी अवधि में मजबूत है। Q2 के नतीजे ठीक-ठाक रहे, Q3 और बेहतर होने की उम्मीद है, बड़े स्टॉक्स की वैल्यूएशन कम हुई और FPI की बिकवाली घटी है। लेकिन अगले एक साल में केवल सीमित रैली देखने को मिल सकती है, क्योंकि ग्लोबल माहौल अभी भी अनिश्चित है।

डिस्क्लेमर: इस आर्टिकल में दी गई जानकारी सिर्फ सामान्य सूचना के लिए है। यह किसी भी तरह की निवेश सलाह (Investment Advice) नहीं है। शेयर बाजार में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। किसी भी वित्तीय निर्णय से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह जरूर लें।

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