सार
यूपी में हरदोई के रहने वाले दिव्यांशु शुक्ला ने एक ऐसा स्टार्टअप शुरू किया है, जो लोगों को स्टार्टअप शुरू करने में सपोर्ट करता है। जानते हैं दिव्यांशु के पास यह आइडिया कैसे आया, कैसे काम शुरू हुआ।
Divyanshu Shukla Success Story. स्टार्टअप्स में मदद करने के लिए नया स्टार्टअप शुरू करने वाले दिव्यांशु शुक्ला पहले मॉल इंडस्ट्री में काम करते थे। दिल्ली-एनसीआर के कई मॉल्स को लांच करने में दिव्यांशु शामिल रहे हैं लेकिन उनके मन में हमेशा उन लोगों की मदद करने का विचार आता, जो नया काम शुरू कर रहे हैं। उन्होंने सरकारी नीतियों और योजनाओं का लाभ युवाओं तक पहुंचाने की हसरत रखते थे। आखिरकार एक दिन उन्हें वह आइडिया मिल गया, जिससे वे अपनी सोच को आगे बढ़ा सकें।
दिव्यांशु ने शुरू किया सिविक टेक पब्लिक स्टार्टअप
दिव्यांशु शुक्ला बताते हैं कि लोगों की मदद करने के उद्देश्य से उन्होंने सिविक टेक पब्लिक पॉलिसी नाम से स्टार्टअप शुरू कर दिया। इसके जरिए हम जमीनी स्तर पर काम करने वाले छोटे-छोटे स्टार्टअप्स और एंटरप्रेन्योर्स की मदद करते हैं। उनके बिजनेस को बढ़ाने का काम करते हैं। उन्हें सलाह देते हैं और कारोबार से जुड़ी हर छोटी-बड़ी जानकारियों को शेयर करते हैं। इससे नए लोगों को काफी मदद मिलती है और वे अपने स्टार्टअप को आगे बढ़ा पाते हैं। वे हर जिले में पुराने व्यापारियों को भी इस स्टार्टअप से जोड़ रहे हैं ताकि पुराने व्यापार को नई तकनीक से लैस करके बेहतर कमाई कराई जा सकते।
ट्रेनिंग से करते हैं बिजनेस को डेवलप
दिव्यांशु ने बताया कि उन्होंने हाल ही में मेघालय और हैदराबाद में कोलेबोरेशन किया है ताकि यूपी के नए एंटरप्रेन्योर को मदद मिले। ताइवान की एक कंपनी भी यूपी पहुंची थी। दिव्यांशु कहते हैं कि एंटरप्रेन्योरशिप के लिए कोई डिग्री नहीं है लेकिन ट्रेनिंग से आप बिजनेस को बेहतर चला सकते हैं। यही वजह है कि नए स्टार्टअप्स को ट्रेनिंग देते हैं ताकि उन्हें अपने बिजनेस की गहरी समझ हो और वे आगे चलकर सफल कारोबारी बन सकें।
यूपी सरकार से मिलकर कर रहे काम
दिव्यांशु का कहना है कि हमने यूपी सरकार के साथ सितंबर 2022 में एक एमओयू साइन किया है। इंवेस्टर समिट के दौरान हमारी यह शुरूआत हुई। हमने नए लोगों को सोल्यूएशन देना शुरू किया है और रिजल्ट काफी अच्छे मिले हैं। पहले हम लखनऊ तक ही सीमित थे लेकिन पूरे यूपी में काम कर रहे हैं। हमारे ज्वाइन करने से पहले यूपी में कुल 8 हजार स्टार्टअप थे और यह संख्या 10 हजार को पार कर चुकी है। हमारा टार्गेट है कि 2024 तक हम यह संख्या 14 हजार स्टार्टअप तक पहुंचा दें। यूपी में कुल 60 स्टार्टअप स्कूल हैं, जिन्हें 150 तक पहुंचाना है।
सरकारी योजनाओं का ज्यादा लाभ दिलान लक्ष्य
दिव्यांशु कहते हैं कि हमारा एक मॉडल है और हम संबंधित विभाग से नॉन फाइनेंसियल एमओयू साइन करते हैं। फिर उन्हें चल रही नीतियों के अनुसार ही प्रपोजल भेजते हैं। हम स्टेक होल्डर्स और एक्सपर्ट भी अरेंज करते हैं, जब विभाग से मंजूरी मिल जाती है तो हमारा काम शुरू हो जाता है। दिव्यांशु का सपना है कि वे वाराणसी को पॉलिसी कैपिटल ऑफ इंडिया बनाएं।
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