सार
माइंडट्री कंपनी की कोफाउंडर होने के साथ साहित्य के क्षेत्र में कई किताबें लिखकर योगदान देने वाली ओडिया लेखिका सुष्मिता बागची चर्चा में आ गई हैं। बागची ने 213 करोड़ रुपये दान देकर देश के दानवीरों की सूची में पांचवां स्थान प्राप्त किया है।
बिजनेस डेस्क। अपनी मेहनत से करोड़ों की संपत्ति तो कई लोग बना लेेते हैं लेकिन बहुत कम लोग होते हैं जो कमाई का एक हिस्सा दान-पुण्य, सहायता और नेक काज के लिए डोनेट करते हैं। आज हम आपको एक ऐसी ही महिला के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने 213 करोड़ रुपये दान कर देश के टॉप 5 दानवीरों की सूची में अपना नाम दर्ज करा लिया है।
2022 की रिपोर्ट में पता चला है सुष्मिता बागची और सुब्रता बागची ने माइंडट्री के अन्य कोफाउंडर्स के साथ मिलकर स्वास्थ पेशे के लिए 213 करोड़ रुपये दान दिया है। यह समाज को आगे बढ़ाने के लिए निभाई गई उनकी जिम्मेदारी को दर्शाता है।
प्रसिद्ध ओडिया लेखिका हैं सुस्मिता बागची
सुष्मिता बागची प्रसिद्ध ओडिया लेखिका होने के साथ माइंडट्री कंपनी की कोफाउंडर हैं। कंपनी के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को निभाने के साथ उन्होंने अपने लिखने के शौक को भी बनाए रखा है। साहित्य के क्षेत्र में सुस्मिता बागची महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के साथ महिला शक्ति के लिए एक उदाहरण बन रही हैं।
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यात्रा वृत्तांत के साथ पांच उपन्यास शामिल
सुष्मिता बागची ने जॉब करते हुए अपनी साहित्यिक यात्रा शुरू की थी। सुष्मिता की साहित्यिक यात्रा में अब तक यात्रा वृत्तांत , लघु कथा के साथ ही पांच नॉवेल भी शामिल है। सुष्मिता की सभी किताबें ओडिया और अंग्रेजी भाषा में प्रकाशित की गई हैं। उनकी लघु कथा का सेट ‘आकाशा जेउंथी कथा" 1990 में प्रकाशित हुई थी। वहीं 2006 में उनका ओडिया उपन्यास ‘देबा शिशु’ को पहचान मिली। उनकी अंग्रेजी उपन्यास 'चिन्ड्रेन ऑफ ए बेटर गॉड’ 2010 में प्रकाशित हुई थी।
देश के पांच बड़े दानवीरों में सुष्मिता भी शामिल
सुष्मिता बागची को देश की दानवीरों की सूची में पांच स्थान प्राप्त हुआ है। 2022 की परोपकार सूची में पहले स्थान पर शिव नादर हैं। दूसरे स्थान पर विप्रो के पूर्व अध्यक्ष मुकेश अंबानी और आदित्य बिड़ला समूह के अध्यक्ष कुमार मंगलम बिड़ला शामिल हैं।