टाटा को भारत का सबसे पुराना औद्योगिक घराना माना जाता है। आज के समय में टाटा ग्रुप की मार्केट वैल्यू पाकिस्तान की पूरी जीडीपी से भी अधिक है। टाटा ग्रुप में 30 से ज्यादा बड़ी कंपनियां हैं, जो इसे नई ऊंचाइयों पर ले जा रही हैं।
Ratan Tata Death Anniversary: टाटा ग्रुप की पहचान रहे रतन टाटा की आज (9 अक्टूबर) फर्स्ट डेथ एनिवर्सरी है। 86 साल की उम्र में उनका आज ही के दिन निधन हुआ था। रतन टाटा के नेतृत्व में ग्रुप ने नई ऊंचाइयों को छुआ। टाटा ग्रुप की विशालता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसकी कुल मार्केट वैल्यू पाकिस्तान की कुल जीडीपी से भी कहीं ज्यादा है।
पाकिस्तान से कितनी ज्यादा है टाटा ग्रुप की मार्केट वैल्यू
रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान की कुल जीडीपी 373.1 अरब डॉलर है। वहीं, टाटा ग्रुप की मार्केट वैल्यू अगस्त, 2025 के आंकड़ों के मुताबिक 378.4 अरब डॉलर पहुंच चुकी है। यानी टाटा समूह का वैल्यूएशन पाकिस्तान की पूरी अर्थव्यवस्था से 5.3 अरब डॉलर ज्यादा है।
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TCS भारत की तीसरी सबसे मूल्यवान कंपनी
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अक्टूबर 2025 में टाटा ग्रुप की सबसे बड़ी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS Market Value) की मार्केट वैल्यू ₹11.068 खरब रुपए है। इसमें 26.88% की गिरावट आई है। 2024 में ये ₹15.138 खरब रुपए थी। बता दें कि टीसीएस भारत की तीसरी सबसे मूल्यवान कंपनी है। उससे ज्यादा मार्केट कैप सिर्फ एचडीएफसी बैंक (₹15.722 खरब) और रिलायंस इंडस्ट्रीज (₹18.592 खरब) का ही है।
Tata ग्रुप की वैल्यूएशन में इन कंपनियों की बड़ी हिस्सेदारी
टाटा ग्रुप की कुल वैल्यूएशन में जिन कंपनियों की सबसे बड़ी हिस्सेदारी है, उनमें टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, टाटा मोटर्स लिमिटेड, टाइटन, टाटा स्टील, टाटा केमिकल्स, टाटा पावर, द इंडियन होटल्स कंपनी, टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, टाटा कम्युनिकेशन, वोल्टास, ट्रेंट, टाटा इन्वेस्टमेंट, टाटा एलेक्सी, नेल्को और टाटा टेक्नोलॉजी लिमिटेड शामिल हैं।
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था गहरे संकट में
रतन टाटा के निधन के बाद भी जहां टाटा ग्रुप तेजी से आगे बढ़ रहा है, वहीं पाकिस्तान की इकोनॉमी संकट के दौर से गुजर रही है। अगस्त 2025 की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 19.50 अरब डॉलर के आसपास था, जिसमें स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के पास 14.24 अरब डॉलर और कमर्शियल बैंकों के पास 5.25 अरब डॉलर थे। पाकिस्तान के पास करीब ₹21.6 लाख करोड़ का कर्ज है। उसने सऊदी अरब, चीन और IMF से भारी-भरकम कर्ज ले रखा है। पाकिस्तान में महंगाई और बेरोजगारी चरम पर है, जिससे वहां की जनता त्रस्त है। पीओके में लोग सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं।
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