सार

UPI से पेमेंट तो आसान है, लेकिन फ्रॉड से बचने के लिए आपको सतर्क रहना होगा। जानिए UPI पिन कैसे मजबूत बनाएं, फिशिंग स्कैम से कैसे बचें और अपने लेनदेन को सुरक्षित कैसे रखें।

बिजनेस डेस्क। डिजिटल ट्रांजैक्शन में UPI (Unified Payments Interface) गेम चेंजर बन गया है। अब QR कोड स्कैन कर सिर्फ कुछ सेकेंड में ही पैसे ट्रांसफर से लेकर पेमेंट तक जैसे काम आसानी से हो जाता है। UPI के बढ़ते इस्तेमाल के चलते फ्रॉड की घटनाएं भी बढ़ गई हैं। साइबर स्कैमर्स लोगों को ठगने का हर दिन नया तरीका निकाल रहे हैं। ऐसे में डेटा और पैसा दोनों ही सुरक्षित रखना चुनौती बन गया है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि UPI ट्रांजैक्शन के फ्रॉड से बचने के क्या तरीके हैं।

1) समझें UPI कैसे काम करता है

सबसे पहले यह समझना जरूरी है कि UPI काम कैसे करता है? UPI एक मोबाइल ऐप के जरिए बैंक अकाउंट खाते को आपके स्मार्टफोन से लिंक करता है। यूजर्स एक वर्चुअल पेमेंट एड्रेस (VPA) बनाते हैं, जो उनके बैंक खाता नंबर के लिए प्रॉक्सी की तरह काम करता है। पेमेंट करते समय, बैंक डिटेल्स शेयर करने के बजाय UPI आईडी का इस्तेमाल होता है, जिससे डेटा एक्सपोजर का रिस्क कम हो जाता है। यूपीआई पेमेंट को सुरक्षित बनाने के लिए टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन, पेमेंट एन्क्रिप्शन और वन-टाइम पासवर्ड (OTP) जैसे फीचर्स दिए गए हैं।

2) सही UPI ऐप चुनें

अपने लेनदेन को सुरक्षित बनाने के लिए जरूरी है कि सुरक्षित यूपीआई ऐप चुना जाए। बड़े बैंकों या बजाज फिनसर्व जैसी फिनटेक कंपनियों के यूपीआई ऐप काफी मजबूत सुरक्षा फीचर्स के साथ आते हैं। अननोन सोर्स या किसी लिंक से यूपीआई ऐप डाउनलोड करने से बचें।

सही UPI ऐप कैसे चुनें

ऑफिशियल सर्टिफिकेशन चेक करें: उन ऐप्स का ही यूज करें, जो नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) से रेगुलेटेड और बड़े बैंकों के सपोर्ट से चलते हैं।

ऐप स्टोर रिव्यूज और और रेटिंग: हाई रेटिंग और पॉजिटिव रिव्यू वाले यूपीआई ऐप्स ही डाउनलोड करें।

नियमित अपडेट: जिस भी यूपीआई ऐप को आप चुन रहे हैं, वह नियमित तौर पर अपडेट होता है या नहीं, इसे भी चेक करें। इससे पता चलता है कि डेवलपर बग्स को ठीक कर रहा है या नहीं।

3) स्ट्रॉन्ग UPI पिन सेट करें

आपकी UPI पिन बैंक खाते की सेफ्टी की चाबी है। इसे हमेशा स्ट्रॉन्ग बनाएं। ऐसा पिन बनाएं जिसमें लेटर, नंबर, सिंबल हो और उसका अनुमान लगा पाना मुश्किल हो।

UPI पिन मजबूत कैसे बनाएं

अपना डेट ऑफ बर्थ या जन्म का साल जैसे सिंपल नंबर के इस्तेमाल से बचें।

कई अकाउंट के लिए एक ही पिन न बनाएं. वरना छेड़छाड़ की आशंका बढ़ जाती है।

समय-समय पर पिन अपडेट करते रहें।

अपना यूपीआई पिन कभी भी किसी के साथ शेयर न करें।

4) फिशिंग स्कैम से सावधान रहें

फिशिंग स्कैम UPI और UPI लाइट यूजर्स के लिए सबसे बड़े खतरों में से एक है। स्कैमर्स बैंकों या भुगतान ऐप्स के प्रतिनिधि बनकर बात करते हैं और यूपीआई पिन, ओटीपी या अन्य जानकारी मांग सकते हैं, या बदलवाने की कोशिश कर सकते हैं। ऐसे फोन कॉल्स, SMS या ईमेल से सावधान रहें, इन्हें कोई जानकारी न दें और इनकी शिकायत करें।

फिशिंग स्कैम का पता कैसे लगाएं

संदिग्ध लिंक: किसी अननोन लिंक पर क्लिक करने से बचें। ये लिंक आपको आपकी जानकारी चुराने के लिए डिजाइन की गई नकली वेबसाइट्स तक ले जा सकते हैं।

संदिग्ध पेमेंट रिक्वेस्ट: कभी भी उन पेमेंट्स के लिए आगे न बढ़े, जिसे आपने शुरू ही नहीं किया है।

यूपीआई पिन या ओटीपी की मांग: अच्छी कंपनियां कभी भी फोन कॉल या मैसेज से आपका यूपीआई पिन या ओटीपी नहीं मांगेंगी। ऐसे किसी भी रिक्वेस्ट को खतरे की घंटी समझें।

ऑफिशियल कम्युनकेशन चैनल: हमेशा ऑफिशियल कम्युनकेशन चैनल जैसे कस्टमर केयर या सीधे बैंक कॉल करके ही कोई जानकारी लें।

5) टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) का यूज करें

टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) आपके UPI लेनदेन में सुरक्षा को मजबूत बना देता है। 2FA के साथ यूजर्स को अपना UPI पिन दर्ज करने के अलावा दूसरा वैरिफिकेशन फेज को पूरा करना होता है। यह आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर भेजा गया ओटीपी होता है।

टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन के फायदे

भले ही किसी के पास आपका यूपीआई पिन हो, वे ओटीपी या टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन के बिना पेमेंट नहीं कर सकते हैं।

जब भी कोई लेनदेन शुरू किया जाता है तो ज्यादातर यूपीआई ऐप्स एक ओटीपी भेजेंगे, जिससे यूजर्स को कोई संदिग्ध लेनदेन दिखाई देने पर अलर्ट होने का मौका मिल जाएगा।

आपके बैंक खाते से जुड़ा मोबाइल नंबर एक्टिव और सुरक्षित होना चाहिए, क्योंकि ओटीपी इसी पर आता है।

6) पेमेंट-ट्रांजैक्शन की नियमित निगरानी करें

हमेशा अपनने यूपीआई ट्रांजैक्शन की हिस्ट्री चेक करते रहना चाहिए, इससे पता चलता है कि कहीं पैसा गलत तरीके से तो नहीं कट रहा है। इससे खर्चों का अनुमान लगाना और पता करना कि कहां-कहां पेमेंट हुआ है, आसान हो जाता है। इसके लिए नियमित स्टेटमेंट चेक करें, SMS और ईमेल अलर्ट इनेबल करें. ऑटो-डेबिट पेमेंट पर नरजर रखें।

7) UPI यूज करने के बाद लॉगआउट करें

यह भले ही आसान लगे लेकिन कई यूजर्स पेमेंट के बाद अपना यूपीआई ऐप से लॉगआउट नहीं करते हैं। इससे फोन खोने या चोरी होने पर बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है। यूपीआई लॉगआउट करने से अगर आपका फोन किसी गलत हाथ में पहुंचता है तो आपकी यूपीआई डेटा सुरक्षित रहेगा और कोई भी ट्रांजैक्शन नहीं कर पाएगा।

निष्कर्ष: UPI हमारी लाइफ का हिस्सा बन गया है। दिन में कई-कई बार हम इसका यूज करते हैं। ऐसे में इससे पेमेंट को सुरक्षित बनाना चाहिए. इसका फायदा यह होगा कि आप डिजिटली एक्टिव रहेंगे और आपका पैसा भी सुरक्षित रहेगा।