सार
टोल कलेक्शन में पिछले एक साल में काफी उछाल आया है। यही वजह है कि मौजूदा फाइनेंशियल ईयर में जनवरी के आखिर तक राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) पर टोल कलेक्शन 50,000 करोड़ रुपये के पार हो चुका है।
Toll Collection Latest Data: नेशनल हाइवे पर टोल कलेक्शन में पिछले एक साल में तगड़ी तेजी आई है। चालू वित्त वर्ष में जनवरी के आखिर तक नेशनल हाइवेज पर टोल कलेक्शन 50,000 करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है। इस हिसाब से वित्त वर्ष के आखिर तक टोल कलेक्शन के 62,000 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड लेवल तक पहुंचने की उम्मीद है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल से जनवरी तक एवरेज मंथली टोल कलेक्शन 5,328.9 करोड़ रुपये रहा।
आखिर क्या है टोल कलेक्शन बढ़ने की वजह?
टोल कलेक्शन में तेजी की वजह टोल टैक्स वाली सड़कों का डेवलपमेंट और FASTag यूजर्स की बढ़ती हुई संख्या को भी माना जा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, इस वित्त वर्ष के शुरुआती 10 महीनों में नेशनल हाइवेज पर आधुनिक टोल प्लाजा और नई सड़कों के निर्माण की वजह से टोल कलेक्शन 53,289.41 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।
नवंबर, 2023 तक कितनी है टोल वाली सड़कों की लंबाई
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, फाइनेंशिशल ईयर 2023-24 में टोल कलेक्शन 62,000 करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है। बता दें कि नवंबर,2023 तक देशभर में टोल वाली सड़कों की कुल लंबाई 25,996 KM से बढ़कर 45,428 KM हो गई है।
NH पर हर दिन कितना है FASTag टोल कलेक्शन
वहीं, नवंबर 2023 तक देशभर में 79.8 मिलियन (7.98 करोड़) से ज्यादा FASTag जारी किए जा चुके हैं। नेशनल हाइवे टोल प्लाजा पर FASTag के जरिए हर दिन का औसत टोल कलेक्शन करीब 147.31 करोड़ रुपये है।
जल्द शुरू होंगे GPS बेस्ड Toll Plaza
केंद्र सरकार टोल टैक्स कलेक्शन बढ़ाने के लिए जल्द ही GPS बेस्ड टोल प्लाजा शुरू करने वाली है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि जीपीएस बेस्ड टोल कलेक्शन सिस्टम से सरकारी खजाने में बढ़ोतरी होगी। इससे ड्राइवर वैकल्पिक रास्तों की जगह टोल सड़कों का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करेंगे। हालांकि, इसकी वजह से टोल वाली सड़कों पर ट्रैफिक बढ़ने का खतरा है।
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