Youngest Self Made Billionaires: दुनिया में 30 साल से कम उम्र के सेल्फ-मेड अरबपतियों की संख्या बढ़कर 13 हो गई है, जो अब तक का रिकॉर्ड है। इनमें सबसे कम उम्र के 22 साल के तीन युवा हैं, जिन्होंने AI स्टार्टअप से इतिहास रचा। इनमें से दो भारतवंशी हैं।
Under-30 Self Made Billionaires: जिस उम्र में ज्यादातर यूथ करियर की शुरुआत, जॉब स्विच या स्टार्टअप आइडिया सोच रहे होते हैं, उसी उम्र में कुछ लड़के अरबों नेटवर्थ की दुनिया में एंट्री कर चुके हैं। ये लड़के महज 22, 25 और 27 साल की उम्र में अरबपति बन चुके हैं। फोर्ब्स के ताजा आंकड़ों मुताबिक, 30 साल से कम उम्र के सेल्फ-मेड अरबपतियों की संख्या अब 13 हो चुकी है, जो अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड है। नवंबर-दिसंबर के सिर्फ दो महीनों में अंडर-30 सेल्फ-मेड अरबपतियों की लिस्ट में 7 नए नाम जुड़े। आइए जानते हैं इतनी कम उम्र में इतनी बड़ी दौलत बनाने की दिलचस्प कहानी...
सूर्य मिधा: AI से इतिहास रचने वाले सबसे कम उम्र के अरबपति
भारतवंशी सूर्य मिधा ने 22 साल की उम्र में वह कर दिखाया, जो पहले असंभव लगता था। अमेरिका में बसे सूर्य मिधा एआई स्टार्टअप मर्कर के चेयरमैन हैं। 2023 में शुरू हुई यह कंपनी एआई मॉडल ट्रेनिंग पर काम करती है। अक्टूबर में जब निजी निवेशकों ने मर्कर को करीब 89,600 करोड़ रुपये के मूल्यांकन पर फंडिंग दी, तो सूर्य मिधा की नेटवर्थ 19,712 करोड़ रुपए पहुंच गई।
ब्रेंडन फूडी: AI को बिजनेस में बदलने वाला दिमाग
मर्कर के को-फाउंडर और सीईओ ब्रेंडन फूडी भी 22 साल की उम्र में अरबपति बने। ब्रेंडन ने एआई को सिर्फ टेक्नोलॉजी नहीं, बल्कि स्केलेबल बिजनेस मॉडल के रूप में देखा। उनकी रणनीति की वजह से मर्कर कुछ ही समय में निवेशकों का फेवरेट बन गई। उनकी नेटवर्थ भी करीब 19,712 करोड़ रुपए है, जो उन्हें सबसे कम उम्र के अरबपतियों में शामिल करती है।
आदर्श हीरेमथ: भारतवंशी टेक्नोलॉजिस्ट ने AI की नींव मजबूत की
मर्कर के तीसरे को-फाउंडर आदर्श हीरेमथ कंपनी के चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर हैं। भारतवंशी आदर्श ने एआई मॉडल आर्किटेक्चर और सिस्टम डेवलपमेंट में अहम भूमिका निभाई। टेक्नोलॉजी की गहराई और इनोवेशन की वजह से मर्कर इतनी तेजी से ग्रो कर पाई। 22 साल की उम्र में उनकी नेटवर्थ भी 19,712 करोड़ रुपए पहुंच गई। वे सबसे युवा सेल्फ-मेड अरबपतियों में हैं।
एम ट्रुएल: MIT से निकलकर अरबों का स्टार्टअप
एम. ट्रुएल की कहानी कॉलेज फ्रेंडशिप से शुरू होती है। MIT में पढ़ाई के दौरान उनकी मुलाकात अमन सैंगर, एस आसिफ और ए लुन्नेमार्क से हुई। 2022 में इन्होंने मिलकर सैन फ्रांसिस्को में एआई कोडिंग स्टार्टअप एनीस्फीयर शुरू किया। आज कंपनी का एआई कोड एडिटिंग सॉफ्टवेयर कर्सर (Cursor) दुनियाभर के डेवलपर्स इस्तेमाल कर रहे हैं। 25 साल की उम्र में ट्रुएल की नेटवर्थ 11,648 करोड़ रुपए हो चुकी है।
अमन सैंगर: दोस्ती से शुरू हुआ अरबपति बनने का सफर
अमन सैंगर भी एनीस्फीयर के को-फाउंडर हैं। उन्होंने एआई कोडिंग को आसान और तेज बनाने पर फोकस किया। उनकी सोच की वजह से कंपनी का रेवेन्यू तेजी से बढ़ा और बड़े टेक ब्रांड्स इसके क्लाइंट बने। 25 साल की उम्र में अमन सैंगर 11,648 करोड़ रुपये की नेटवर्थ के साथ सेल्फ-मेड अरबपति बन गए।
एस आसिफ: पाकिस्तान से सिलिकॉन वैली तक
पाकिस्तान से ताल्लुक रखने वाले एस आसिफ ने दिखाया कि टैलेंट किसी एक देश का मोहताज नहीं होता। एनीस्फीयर के को-फाउंडर के रूप में उन्होंने एआई कोडिंग टेक्नोलॉजी को ग्लोबल लेवल पर पहुंचाया। कंपनी के जबरदस्त ग्रोथ के साथ 25 साल की उम्र में ही उनकी नेटवर्थ 11,648 करोड़ रुपए तक पहुंच गई।
ए लुन्नेमार्क: स्वीडन का युवा जिसने एआई कोडिंग में क्रांति की
स्वीडन के ए लुन्नेमार्क एनीस्फीयर के चौथे को-फाउंडर हैं। 26 साल की उम्र में वे भी अरबपति क्लब में शामिल हो गए। कंपनी का वैल्यूएशन नवंबर में 2,62,528 करोड़ रुपए तक पहुंचा और सालाना रेवेन्यू 8,960 करोड़ रुपए से ज्यादा हो गया।
फैबियन हेडिन: यूरोप से उभरा एआई कोडिंग स्टार
स्वीडन के फैबियन हेडिन ने एआई कोडिंग टूल्स पर फोकस किया, जो सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट को कई गुना तेज बना देते हैं। उनकी टेक्नोलॉजी की मांग तेजी से बढ़ी और निवेशकों ने खुलकर पैसा लगाया। 26 साल की उम्र में फैबियन हेडिन की नेटवर्थ 14,336 करोड़ रुपए तक पहुंच गई।
शेन कोपलान: प्रीडिक्शन मार्केट का पोस्टर बॉय
शेन कोपलान कुछ समय तक दुनिया के सबसे युवा सेल्फ-मेड अरबपति भी रहे। वे प्रीडिक्शन मार्केट प्लेटफॉर्म पॉलीमार्केट के फाउंडर हैं। 7 अक्टूबर को न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज की पैरेंट कंपनी इंटरकॉन्टिनेंटल एक्सचेंज ने पॉलीमार्केट में 17,920 करोड़ रुपए का निवेश किया। इससे कंपनी की वैल्यू 80,640 करोड़ रुपए पहुंच गई और शेन कोपलान की नेटवर्थ 8,960 करोड़ रुपए हो गई।
एलेक्जेंडर वांग: AI इंडस्ट्री में सबसे बड़ा सौदा करने वाले अरबपति
एलेक्जेंडर वांग ने 2016 में Scale AI की शुरुआत की थी। उनकी कंपनी एआई डेटा इंफ्रास्ट्रक्चर में ग्लोबल लीडर बन चुकी है। जब मेटा ने Scale AI की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी 1,25,440 करोड़ रुपए में खरीदी, तो 28 साल की उम्र में एलेक्जेंडर वांग की नेटवर्थ 28,672 करोड़ रुपए पहुंच गई।
लुआना लोप्स लारा: ब्राजील से ग्लोबल प्रीडिक्शन मार्केट तक
ब्राजील की लुआना लोप्स लारा ने प्रीडिक्शन मार्केट में सही समय पर कदम रखा। टेक और डेटा को समझकर उन्होंने ऐसा प्लेटफॉर्म बनाया, जिसने उन्हें 29 साल की उम्र में 11,648 करोड़ रुपये की नेटवर्थ तक पहुंचा दिया। वे इस युवा अरबपति क्लब की सबसे चर्चित नामों में शामिल हैं।
तारेक मंसूर: डेटा और फ्यूचर की भविष्यवाणी
अमेरिका के तारेक मंसूर ने प्रीडिक्शन मार्केट सेक्टर को मेनस्ट्रीम बनाने में अहम भूमिका निभाई। उनके प्लेटफॉर्म ने दिखाया कि डेटा से भविष्य के ट्रेंड्स को समझा जा सकता है। 29 साल की उम्र में उनकी नेटवर्थ 11,648 करोड़ रुपए है।
एड क्रेवेन: ऑनलाइन कसीनो से अरबों की कमाई
ऑस्ट्रेलिया के एड क्रेवेन इस लिस्ट का सबसे अलग नाम हैं। उन्होंने ऑनलाइन कसीनो और डिजिटल एंटरटेनमेंट को ग्लोबल बिजनेस बना दिया। 29 साल की उम्र में उनकी नेटवर्थ 25,088 करोड़ रुपए तक पहुंच चुकी है।


