सार

भारत में बीते कुछ साल में UPI या ऑनलाइन पेमेंट का चलन बढ़ा है। ऐसे में इस आदत की वजह से लोगों में जरूरत से ज्यादा खर्च लत लग रही है। IIT दिल्ली ने हाल ही में UPI के इस्तेमाल को लेकर सर्वे किया। UPI के चलते 74% लोग जरूरत से ज्यादा खर्च कर रहे हैं।

बिजनेस डेस्क. भारत में पिछले कुछ सालों से UPI यानी यूनिफाइड पेमेंट्स सिस्टम का चलन काफी बढ़ा है। बड़े-बड़े शॉपिंग मॉल से लेकर छोटी सी दुकान पर पेमेंट के लिए UPI का इस्तेमाल किया जाता है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि लोगों की UPI के इस्तेमाल की आदत से फिज़ूलखर्च बढ़ रहा है। ऐसे में इस सर्विस की दूसरी पक्ष भी दिखाई पड़ता है।

जानें क्यों बढ़ रहा UPI से फिजूलखर्ची

ऑनलाइन पेमेंट यानी UPI के इस्तेमाल का कारण स्मार्टफोन है। देश की जनसंख्या के एक बड़े हिस्से तक स्मार्टफोन पहुंच चुका है।  ऐसे में स्मार्टफोन से किसी चीज का पेमेंट आसानी से कर सकते है। ऐसे में ये फिजूलखर्ची का कारण बन रहा है।

IIT दिल्ली ने हाल ही में किया सर्वे

IIT दिल्ली ने हाल ही में UPI के इस्तेमाल को लेकर सर्वे किया। इस सर्वे के मुताबिक, UPI और दूसरे डिजिटल पेमेंट ऑप्शन की वजह से लगभग 74% लोग जरूरत से ज्यादा खर्च कर रहे हैं। इसके तीन कारण सामने आए है।

  1.  ऑनलाइन पेमेंट की प्रोसेस आसान होती है। इसके चलते यूजर बिना सोचे समझे खर्च करते है।
  2. नकद पैसे न रखना- अब कई लोग नकद पैसे रखना कम कर चुके है। उन्हें कैश के मुकाबले ऑनलाइन पेमेंट करना आसान लगता है। आसान पेमेंट मेथड के चलते लोग गैर-जरुरती सामान भी बिना सोचे समझे खरीद लेते है। लेकिन कैश रखने के चलते आप के पास इतने पैसे नहीं होते और आप सोच-समझकर खर्च करते है।
  3. UPI किसी दूसरे डिजिटल पेमेंट में कोई दिक्कत नहीं होती। ऐसे में दोस्तों या रिश्तेदारों से फौरन उधार का लेन-देन करते है। और अपना खर्च बढ़ाते हैं।

UPI इंडस्ट्री में जबरदस्त ग्रोथ

 नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के मुताबिक अप्रैल में UPI ट्रांजैक्शन 1330 करोड़ रुपए रहा। इसमें बीते साल के मुकाबले 50% की ग्रोथ हुई है। बीते साल 11,768 करोड़ रुपए का ऑनलाइन ट्रांजैक्शन हुआ था। इसमें UPI सेक्टर की दो दिग्गज कंपनियां फोनपे और गूगल पे शीर्ष पर बने हुए हैं। फोनपे ने 6500 मिलियन और गूगल पे ने 5027.3 मिलियन पर ट्रांजैक्शन हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक, अप्रैल के बीच फोनपे की हिस्सेदारी 47.3% बढ़कर 48.8% हो गई है। वहीं गूगल पे की हिस्सेदारी 36.7% से बढ़कर 37.8% हो गई है। पेटीएम के क्रेड ने अप्रैल में 138.46 मिलियन ट्रांजैक्शन किया था।

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