सार

'विवादों' में घिरे गौतम अडानी(Gautam Adani) को लेकर LIC के इन्वेस्टर्स भी संशय में थे। हालांकि LIC के चेयरमैन एम आर कुमार ने ऐसी तमाम अटकलों को विराम दे दिया है, जिनमें कहा जा रहा था कि इन्वेस्टर्स का पैसा खतरे में है।

नई दिल्ली. अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च(US short seller Hindenburg Research) की कथित रिपोर्ट के बाद 'विवादों' में घिरे गौतम अडानी(Gautam Adani) को लेकर LIC के इन्वेस्टर्स भी संशय में थे। हालांकि LIC के चेयरमैन एम आर कुमार ने ऐसी तमाम अटकलों को विराम दे दिया है, जिनमें कहा जा रहा था कि इन्वेस्टर्स का पैसा खतरे में है। पढ़िए नया अपडेट...

LIC इन्वेस्टर्स को फिक्र करने की जरूरत नहीं

हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद अडानी की विभिन्न कंपनियों के शेयर पर बुरा असर पड़ा था। हालांकि अब शेयरों में सुधार जारी है। लेकिन पिछले कई दिनों से LIC इन्वेस्टर्स संशय में हैं। अब LIC के चेयरमैन एमआर कुमार ने भरोसा दिलाया है कि इन्वेस्टर्स का पैसा सुरक्षित है। बिजनेस टुडे की मानें, तो कुमार ने उनसे बातचीत में कहा कि LIC के पॉलिसी होल्डर्स और शेयर धारकों को अपने इन्वेस्टमेंट्स को लेकर बिलकुल भी टेंशन लेने की जरूरत नहीं है। उनके 1 प्रतिशत पैसे पर भी जोखिम नहीं है। मतलब LIC पॉलिसी होल्डर्स का पैसा सेफ है।

LIC चेयरमैन का यह बयान इसलिए भी मायने रखता है कि क्योंकि 24 जनवरी को हिंडनर्ब की रिपोर्ट रिलीज होने के बाद LIC और SBI पर अडानी ग्रुप को निवेश करने और लोन मुहैया कराए जाने पर सवाल खड़े होने लगे थे। कुमार ने यह भी कहा कि LIC जल्द अडानी ग्रुप के टॉप मैनेजमेंट से बातचीत करेगी, ताकि पूरे मामले को बेहतर तरीके से समझा जा सके। कहा जा रहा है कि 10 दिन के अंदर LIC की एक टीम अडानी ग्रुप के आफिसर्स से फ्यूचर प्लानिंग पर चर्चा करेगी। बता दें कि कुछ दिन पहले खबरें सामने आई थीं कि LIC ने अडानी ग्रुप में अभी कोई निवेश नहीं करने का फैसला किया है।

इससे पहले 9 फरवरी को LIC चेयरमैन ने कहा था कि सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनी यानी एलआईसी अडानी ग्रुप से इस मामले को लेकर स्पष्टीकरण मांगेगा। बता दें कि कुमार को 4 साल पहले भारतीय जीवन बीमा निगम(LIC) का चेयरमैन बनाया गया था।

जानिए इस मामले से जुड़े कुछ फैक्ट्स

इन दिनों बजट सत्र चल रहा है। संसद में 7 फरवरी को केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री भागवत किशनराव कराड ने बताया था कि LIC ने अडानी ग्रुप की अलग-अलग कंपनियों में इक्विटी हिस्सेदारी खरीदने के लिए पिछले कुछ सालों में 30,127 करोड़ रुपये का निवेश किया है। वहीं, राज्यसभा में एक प्रश्न के उत्तर में कराड ने बताया था कि 31 दिसंबर, 2022 तक अडानी ग्रुप की कंपनियों में LIC की कुल भागीदारी 35,917 करोड़ रुपए है। इसमें इक्विटी और लोन दोनों शामिल हैं।

विपक्ष रख चुका है ये मांग

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पिछले दिनों कहा था-LIC, SBI सहित अन्य सरकारी संस्थानों में जो लोगों का पैसा है उसकी जांच होनी चाहिए और इसकी प्रतिदिन रिपोर्ट जनता के सामने रखी जाए। हमने तय किया कि सदन में इस पर चर्चा करेंगे कि जिनका पैसा LIC में है या अन्य संस्थानों में है वो कैसे बर्बाद हो रहा है। लोगों का पैसा चंद कंपनियों को दिया जा रहा है, जिसकी रिपोर्ट आने से कंपनी के शेयर्स गिर गए हैं। सभी पार्टियों के नेताओं ने मिलकर एक फैसला लिया है कि आर्थिक दृष्टि से देश में जो घटनाएं हो रही हैं उसे सदन में उठाना है। क्लिक करके पढ़ें

एक फरवरी को FPO कैंसल कर दिया था

अमेरिकी लघु विक्रेता हिंडनबर्ग रिसर्च(US short seller Hindenburg Research) की विवादास्पद रिपोर्ट को फर्जी करार देने के बावजूद ग्रुप ने एक बड़ा फैसला करके सबको चौंका दिया था। अडानी ग्रुप ने अपनी फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज के 20,000 करोड़ रुपये के फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर (FPO) को 1 फरवरी को वापस ले लिया था। क्लिक करके पढ़ें

यह भी पढे़ं

PNB घोटाला: नीरव मोदी के साले से जुड़ी याचिका बॉम्बे हाईकोर्ट भेजी गई, बैंकों से नहीं निकाला जा सकता है पैसा

NEWS लिखने से भड़के भूमाफिया ने जर्नलिस्ट को गाड़ी से कुचलकर मार डाला, मुंबई में जुटे पत्रकार बोले-ऐसा हमारे साथ भी संभव