सार

डिजिटल इंडिया पहल (Digital India Initiative) ने भारत को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसने इंटरनेट पहुंच, डिजिटल बुनियादी ढांचे और ई-गवर्नेंस सेवाओं को बढ़ाया है। 

Digital India Initiative: डिजिटल इंडिया एक पहल है। इसका उद्देश्य बुनियादी ढांचे में सुधार, डिजिटल लिटरेसी में वृद्धि और ई-सेवाओं को बढ़ावा देकर देश को डिजिटल रूप से सशक्त समाज में बदलना है। इस अभियान ने इंटरनेट तक पहुंच बढ़ाई, डिजिटल बुनियादी ढांचे का विस्तार किया, ई-सरकारी सेवाओं को बढ़ाया और एंटरप्रेन्योरशिप व इनोवेशन को बढ़ावा दिया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने 9 साल पहले डिजिटल इंडिया पहल की शुरुआत की थी। इसके तहत 130 करोड़ भारतीयों को डिजिटल बायोमेट्रिक पहचान दी गई। डिजिटल इंडिया ने मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया और आत्मनिर्भर भारत जैसी सरकारी योजनाओं के साथ तालमेल बिठाया है। इससे अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिला है। भारत दुनिया में टेक्नोलॉजी इनोवेशन और मैन्युफैक्चरिंग सेंटर के रूप में स्थापित हुआ है।

UPI ने शहर से गांव तक लेन-देन का तरीका बदला

UPI (Unified payments interface) ने शहर से लेकर गांव तक पैसे की लेन-देन के तरीके को बदल दिया है। भारत अपने मजबूत DPI (Digital Public Infrastructure) मॉडल की बदौलत लीडिंग ग्लोबल फिनटेक इकोसिस्टम बना है। इससे कारोबार करने में आसानी में काफी सुधार हुआ है। उद्यमियों के लिए अपने स्टार्टअप शुरू करना और उसे आगे बढ़ाना आसान हो गया है।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अंतरिम बजट 2024 में इस बात पर जोर दिया था कि कैसे भारत का DPI 21वीं सदी में 'उत्पादन के कारक' के रूप में उभरा है। इसने अर्थव्यवस्था के औपचारिकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

75 करोड़ से ज्यादा यूजर्स के साथ इंटरनेट ने भारत पर बहुत बड़ा प्रभाव डाला है। इसने लोगों के रहने, काम करने और व्यापार करने के तरीके को बदल दिया है। हालांकि, बुनियादी ढांचे, लागत और डिजिटल साक्षरता की कमी के कारण देश में हर किसी के पास इंटरनेट की पहुंच सुनिश्चित करने में अभी भी चुनौतियां हैं। इन चुनौतियों से निपटने के लिए सरकार डिजिटल इंडिया पहल को लागू कर रही है।

2023-24 में UPI से हुए 13,116 ट्रांजेक्शन

हाल के वर्षों में भारत में डिजिटल पेमेंट में बहुत तेज वृद्धि हुई है। वित्त वर्ष 2017-18 में 92 करोड़ UPI ट्रांजेक्शन हुए थे। 2023-24 तक यह बढ़कर 13,116 करोड़ हो गया। पिछले 5 महीने में 7,062 करोड़ UPI ट्रांजेक्शन हुए हैं। UPI रीयल-टाइम पेमेंट में वृद्धि से कारोबार को बढ़ावा मिला है। सरकार की आमदनी बढ़ी है।

क्या है डिजिटल इंडिया? (What is Digital India?)

डिजिटल इंडिया पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी मिनिस्ट्री द्वारा शुरू किया गया अभियान है। 1 जुलाई 2015 को नरेंद्र मोदी ने इस पहल की शुरुआत की थी। इसका उद्देश्य इलेक्ट्रॉनिक सेवाओं, प्रोडक्ट मैन्युफैक्चरिंग और रोजगार के अवसरों में समावेशी विकास को बढ़ावा देकर देश की अर्थव्यवस्था में बदलाव लाना है। डिजिटल इंडिया मिशन मेक इन इंडिया, भारतमाला, सागरमाला, स्टार्टअप इंडिया, भारतनेट और स्टैंडअप इंडिया सहित अन्य सरकारी योजनाओं के लिए लाभार्थी के रूप में भी काम करता है।

डिजिटल इंडिया मिशन में टेक्नोलॉजी इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण, इंटरनेट कनेक्टिविटी बढ़ाने, ई-साक्षरता में सुधार लाने तथा सेवाओं की डिलीवरी के लिए टेक्नोलॉजी के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए तैयार की गई विभिन्न परियोजनाएं शामिल हैं। यह तीन प्रमुख क्षेत्रों प्रत्येक नागरिक के लिए उपयोगिता के रूप में डिजिटल बुनियादी ढांचा, मांग पर शासन और सेवाएं तथा नागरिकों का डिजिटल सशक्तिकरण पर केंद्रित है।

टेक्नोलॉजी इंफ्रास्ट्रक्चर 9 पिलर्स पर फोकस है। 1- ब्रॉडबैंड हाईवे, 2- मोबाइल कनेक्टिविटी तक सबकी पहुंच, 3- सार्वजनिक इंटरनेट पहुंच कार्यक्रम, 4- ई-गवर्नेंस प्रोजेक्ट, 5- सेवाओं की इलेक्ट्रॉनिक डिलीवरी (e-Kranti), 6- सभी के लिए सूचना, 7- इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग, 8- नौकरियों के लिए आईटी और 9- अर्ली हार्वेस्ट क्रॉप प्रोग्राम। इस पहल का उद्देश्य करोड़ों भारतीय नागरिकों को सशक्त बनाने और देश भर में समावेशी विकास को बढ़ावा देने के लिए डिजिटल टेक्नोलॉजी का लाभ उठाना है।

डिजिटल इंडिया के उद्देश्य (Objectives of Digital India)

डिजिटल इंडिया अभियान का प्राथमिक उद्देश्य भारत को कई प्रमुख विजन क्षेत्रों में बदलना है। इसमें तकनीकी बुनियादी ढांचे में सुधार, तकनीकी साक्षरता, सेवाओं और संसाधनों में वृद्धि के साथ-साथ एक इंप्रूविंग डिजिटल इकोसिस्टम का निर्माण करके डिजिटल रूप से सशक्त समाज और नॉलेज इकोनॉमी बनाना शामिल है। अन्य उद्देश्यों में शामिल हैं:

  • सभी ग्राम पंचायतों में हाई-स्पीड इंटरनेट कनेक्टिविटी पहुंचाना।
  • विभिन्न विचारों और सोच को एक व्यापक दृष्टिकोण में समेकित करना, जहां प्रत्येक कंपोनेंट को एक बड़े टारगेट के हिस्से के रूप में देखा जाता है।
  • सभी इलाकों में सामान्य सेवा केन्द्रों तक आसान पहुंच की सुविधा प्रदान करना।
  • मौजूदा योजनाओं का पुनर्गठन।

डिजिटल इंडिया पहल

इनमें तीन मुख्य क्षेत्र शामिल हैं। नई डिजिटल सेवाएं, ट्रेनिंग और जागरूकता अभियान।

नई डिजिटल सेवाएं

डिजिटल इंडिया अभियान के तहत नई डिजिटल सेवाएं शुरू करने का उद्देश्य सरकारी सेवाओं को बढ़ाना, पहुंच में सुधार करना और भारतीयों के बीच डिजिटल सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है। इन पहलों को चार रूपों में पेश किया गया है- राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस योजना, MyGov.in, बैक-एंड डिजिटलीकरण और डिजिटल सशक्तिकरण सुविधाएं।

नेशनल ई-गवर्नेंस प्रोजेक्ट

नेशनल ई-गवर्नेंस प्रोजेक्ट भारत सरकार द्वारा तैयार की गई एक व्यापक योजना है। इसे ICT (Information And Communication Technology) का उपयोग कर शासन के तरीके

को बदलने के लिए विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा शुरू किया गया है। यह सरकारी सेवाओं को डिजिटल बनाने और नागरिकों तक उनकी डिलीवरी में सुधार करने पर केंद्रित है। इस योजना के तहत कई पहल हैं जो SMEs (Small and Medium Enterprises) को लाभ पहुंचा सकती हैं। जैसे- e-Biz portal, ऑनलाइन बिजनेस रजिस्ट्रेशन, लाइसेंस और परमिट देने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म और सरकारी ई-मार्केटप्लेस।

MyGov.in

MyGov.in एक नागरिक सहभागिता वेबसाइट और मोबाइल फोन और स्मार्टफोन एप्लीकेशन है। इसे शासन में जनता की भागीदारी बढ़ाने के लिए बनाया गया है। कई पहलों को लागू किया गया है, जिसमें UMANG नाम का एक एकीकृत मोबाइल ऐप, ई-हॉस्पिटल शामिल है। यह स्वास्थ्य सेवा की पहुंच बढ़ाने के लिए ऑनलाइन सेवाएं देता है। ई-अटेंडेंस रियल टाइम में सरकारी कर्मचारियों की उपस्थिति ट्रैक करता है।

बैक-एंड डिजिटलीकरण

बैक-एंड डिजिटलीकरण सरकारी सेवा वितरण का समर्थन करने के लिए ऑनलाइन बुनियादी ढांचे, सिस्टम और प्रोसेस को आधुनिक और डिजिटल बनाने की पहल का हिस्सा है। ग्रामीण परिवारों को तकनीकी कौशल में ट्रेंड करने के लिए डिजिटल साक्षरता मिशन शुरू किया गया था। यह डेटा-संचालित निर्णय लेने और SME विकास के लिए एक सहायक डिजिटल इकोसिस्टम बनाने में सक्षम होने से SMEs को लाभ पहुंचाता है।

डिजिटल सशक्तिकरण सुविधाएं

डिजिटल इंडिया पहल में डिजिलॉकर शामिल है। यह SMEs को महत्वपूर्ण व्यावसायिक दस्तावेजों को मैनेज करने के लिए सुरक्षित ऑनलाइन प्लेटफॉर्म देता है। इससे कागजी कार्रवाई कम होती है और एफिशिएंसी बढ़ती है। सरकार ईमेल सेवा देने वालों को क्षेत्रीय भाषाओं में ईमेल पते उपलब्ध कराने के लिए भी प्रोत्साहित करती है। भारत सरकार का लक्ष्य प्रत्येक ग्राम पंचायत में कम से कम एक कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) बनाना है।

डिजिटल ट्रेनिंग

PMGDisha ट्रेनिंग में डिजिटल मार्केटिंग, ई-कॉमर्स मैनेजमेंट, फाइनेंस मैनेजमेंट और साइबर सिक्योरिटी शामिल है। PMGDisha का उद्देश्य ग्रामीण परिवारों में ई-साक्षरता को बढ़ावा देना है ताकि वे डिजिटल इकोनॉमी में सक्रिय रूप से भाग ले सकें।

जागरूकता अभियान

हर साल डिजिटल इंडिया शिखर सम्मेलन और पुरस्कार (Digital India Summit & Awards) कार्यक्रम का आयोजन होता है। इस दौरान उद्योग जगत के लोगों के लिए प्रगति, चुनौतियों और योजनाओं पर चर्चा की जाती है। इनोवेशन प्रदर्शित किए जाते हैं।

SME को कैसे डिजिटल इंडिया से मिल रही मदद?

डिजिटल तकनीक का इस्तेमाल हम खुदरा दुकानों से लेकर सरकारी दफ्तरों तक में रोजमर्रा की जिंदगी में तेजी से कर रहे हैं। डिजिटल इंडिया कनेक्टिविटी, तकनीक अपनाने और ई-गवर्नेंस के अवसर प्रदान करके SME को सशक्त बनाता है। इससे उनके लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विस्तार करना संभव हो जाता है।

डिजिटल इंडिया मिशन की चुनौतियां

डिजिटल इंडिया मिशन से अनेक लाभ हुए हैं, लेकिन इसकी कुछ चुनौतियां भी हैं। एक बड़ी चुनौती देश के कई हिस्सों में अधिक उपयुक्त तकनीकी बुनियादी ढांचे की आवश्यकता है। कनेक्टिविटी में सुधार और ब्रॉडबैंड पहुंच का विस्तार करने के प्रयासों के बावजूद कई समुदायों को अभी भी हाई-स्पीड इंटरनेट तक पहुंच की जरूरत है। खासकर ग्रामीण और अलग-थलग इलाकों में।

एक और कठिनाई लोगों में तकनीकी ज्ञान और कौशल की कमी रही है। तकनीकी कौशल अंतर को दूर करने के लिए आईटी ट्रेनिंग और ई-साक्षरता को बढ़ावा दिया गया है। इसके लिए भारतनेट और कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) जैसे पहल किए गए हैं। साइबर सिक्योरिटी और डेटा प्राइवेसी को लेकर भी चिंताएं हैं। सरकार ने इन्हें दूर करने के लिए राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा नीति और साइबर स्वच्छता केंद्र जैसे प्रयास शुरू किए हैं।

डिजिटल इंडिया का असर

इंटरनेट की पहुंच में वृद्धि: डिजिटल इंडिया प्रोग्राम का भारतीय अर्थव्यवस्था के कई क्षेत्रों पर काफी प्रभाव पड़ा है। इससे टेक्नोलॉजी और डिजिटल सेवाओं तक पहुंच में सुधार हुआ है। देशभर में इंटरनेट की पहुंच बढ़ी है। यह 2014 में 20% से बढ़कर 2021 तक 50% से ज्यादा हो गई है। इससे ऑनलाइन बैंकिंग, ई-कॉमर्स और सरकारी सेवाओं जैसी डिजिटल सेवाओं तक पहुंच बढ़ी है, जिससे डिजिटल डिवाइड कम हुआ है और वित्तीय समावेशन बढ़ा है।

डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार: भारत के डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार हुआ है। सरकार ने भारतनेट परियोजना जैसे महत्वपूर्ण निवेश किए हैं। इससे 2,74,246 किलोमीटर के ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क बिछाए गए हैं। इसने 1.15 लाख से अधिक ग्राम पंचायतों को जोड़ा है। इससे हाई स्पीड इंटरनेट नेटवर्क में सुधार हुआ है।

ई-गवर्नेंस का रूपांतरण: डिजिटल इंडिया मिशन से ई-गवर्नेंस को बल मिला है। डिजिटल पहचान पत्र और आधार कार्यक्रम अपनाने से नागरिकों के लिए ऑनलाइन सरकारी सेवाओं तक पहुंच आसान हो गई है। इससे भ्रष्टाचार कम हुआ है। UPI जैसी ऑनलाइन पेमेंट सिस्टम से डिजिटल इकोनॉमी को बढ़ावा मिला है।

SME इकोसिस्टम: डिजिटल इंडिया पहल ने भारत में एंटरप्रेन्योरशिप और इनोवेशन में सुधार किया है। इस पहल ने भारतीय स्टार्ट-अप इकोसिस्टम के विकास को बढ़ावा दिया है। सरकार स्टार्ट-अप इंडिया और अटल इनोवेशन मिशन जैसी पहलों के इसे सहायता दे रही है।