सार

अगर आप कम रकम में इन्वेस्टमेंट करना चाहते है, तो SIP एक बेहतर ऑप्शन है। म्यूचुअल फंड में किस्तों में निवेश करने की विधि को एसआईपी कहा जाता है। इसमें हर हफ्ते, हर महीने या तिमाही में निवेश करना होता है।

बिजनेस डेस्क. सिस्टमैटिक इन्वेस्ट प्लान यानी SIP पर निवेशक काफी भरोसा करते है। बीते कुछ सालों से म्यूचल फंड सही है नाम से कैपेंन चला था। इसके चलते SIP और म्यूचल फंड देश भर में काफी लोकप्रिय बना। भारत में एसआईपी का कॉन्सेप्ट साल 1990 में आया था। अब इसकी पॉपुलिरीटी इतनी बढ़ी की 8 साल में इन्वेस्टमेंट की रकम 16 हजार 65 करोड़ रुपए बढ़ीं। आपको बता दें कि साल 2016 में SIP इन्वेस्टमेंट की 2,122 करोड़ रुपए थी। फरवरी 2024 में यह बढ़कर 19 हजार 187 करोड़ रुपए हो गई है।

तेजी से बढ़ रहे SIP के अकाउंट्स

एसोसिएशन ऑफ म्यूचअल फंड्स इन इंडिया के मुताबिक, म्यूचल फंड में लगभग 8.2 करोड़ अकाउंट्स हैं। वहीं, साल 2015 में इन खातों की संख्या सिर्फ 73 लाख थी । यानी के बीते 9 सालों में इन SIP खातों की संख्या में 11 गूना से ज्यादा बढ़ोतरी हुई है।

शेयर बाजार में तेजी से बढ़ रहा SIP

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, शेयर बाजार में तेजी और रिटेल इन्वेस्टर्स के बढ़ोत्तरी के कारण सिस्टैमेटिक प्लान से म्यूचल फंड के बिजनेस में इन्वेस्टमेंट बढ़ा है। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले समय में इसमें और तेजी आ सकती है।

जानें क्या होता है SIP

एसआईपी अपने आप में निवेश नहीं है। यह सिर्फ इन्वेस्टमेंट की प्रोसेस है। इसमें निवेश करना यानी म्यूचुअल फंड में निवेश करना है। आपने सुना होगा एसआईपी म्यूचुअल फंड के अधीन है। इसका मतलब है कि SIP में निवेश करना यानी म्यूचुअल फंड में निवेश करना है। म्यूचुअल फंड में किस्तों में निवेश करने की विधि को एसआईपी कहा जाता है। इसमें हर हफ्ते, हर महीने या तिमाही में निवेश करना होता है।

यह भी पढ़ें…

Indigo ने दिखाया दम, बनी तीसरी सबसे बड़ी एयरलाइन कंपनी, जानें मार्केट कैप

फटाफट बुक कर लें ट्रेन टिकट, 12 अप्रैल को कई घंटों तक बंद रहेगी सर्विस