सार

जी-20 शिखर सम्मेलन की बैठक दिल्ली स्थित भारत मंडपम में हो रही है। जी-20 उन ताकतवर देशों का समूह है, जिनकी अर्थव्यवस्था दुनिया में टॉप पर है। क्या आप जानते हैं जी20 के सदस्य कौन-कौन हैं?

G20 Summit in Delhi 2023: जी-20 शिखर सम्मेलन की बैठक दिल्ली स्थित भारत मंडपम में हो रही है। ये बैठक 9 और 10 सितंबर को होगी, जिसमें दुनियाभर के कई राष्ट्राध्यक्ष शामिल हो रहे हैं। भारत इस बार जी20 का मेजबान है। बता दें कि जी-20 उन ताकतवर देशों का समूह है, जिनकी अर्थव्यवस्था दुनिया में टॉप पर है। इस ग्रुप में शामिल होने वाले देशों की कुल GDP दुनिया भर के कुल देशों की 80 प्रतिशत है।

G20 में कौन-कौन से देश शामिल?

जी-20 में भारत के अलावा रुस, फ्रांस, इटली, जर्मनी, मेक्सिको, कोरिया, ऑस्‍ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, ब्रिटेन, जापान, अमेरिका, अर्जेंटीना, तुर्की और यूरोपीय यूनियन शामिल हैं। पूरी दुनिया की करीब 60 प्रतिशत आबादी इन्हीं 20 देशों में रहती है। इसमें यूरोपीयन यूनियन में शामिल फ्रांस, इटली और जर्मीनी को अलग बताया गया है क्योंकि ये यूरोप की एडवांस इकोनॉमी में शामिल हैं। 

दुनिया में होने वाला 75% कारोबार जी20 देशों के बीच 

बता दें कि दुनिया में होने वाला 75% कारोबार इन्हीं जी20 देशों के बीच होता है। क्षेत्रफल के आधार पर देखें तो दुनिया के 8 बड़े देश इसमें शामिल हैं। आबादी के आधार पर दुनिया के टॉप-4 बड़े देश भारत, चीन, अमेरिका और ब्राजील इसमें शामिल हैं। संयुक्त राष्ट्र की सबसे ताकतवर इकाई UNSC में वीटो पावर रखने वाले पांच देश (अमेरिका, यूके, चीन, रूस और फ्रांस) जी20 में शामिल हैं।

G20 का क्या है एजेंडा?

G20 के सभी देश ग्लोबल इकोनॉमी के साथ ही आर्थिक स्थिरता, जलवायु परिवर्तन और स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करते हैं। जी-20 समूह का मुख्य काम सभी देशों के बीच आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देना है। ग्रुप ऑफ 20 फोरम औपचारिक संगठन के बजाय अपने सदस्य देशों के बीच खुली बातचीत को बढ़ावा देता है। G20 अलग-अलग बैकग्राउंड वाले नेताओं को एक मंच प्रदान करता है, जहां वे अपनी ग्लोबल प्रियॉरिटीज तय कर सकते हैं।

इस बार क्या है G20 की थीम?

G20 सम्मेलन इस बार भारत में हो रहा है, ऐसे में इसकी थीम भी भारतीय संस्कृति और परंपराओं की झलक दिखाने वाली है। इस बार जी20 की थीम 'वसुधैव कुटुंबकम' है। ये संस्कृत का श्लोक है, जो बताता है कि पूरी पृथ्वी ही एक परिवार है। भारत की भी यही कोशिश है कि एक पृथ्वी, एक परिवार और एक भविष्य के आधार पर सभी देशों की समस्याओं का हल निकाला जाए।

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