नई दिल्ली. येस बैंक को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक के एक्शन के बाद इस मामले पर अचानक ही जमकर हो हल्ला हो रहा है। बैंक में अपना पैसा रखने वाले खाताधरकों को अपना पैसा डूबता हुआ नजर आ रहा है और ये ग्राहक सरकार से मदद की मांग कर रहे हैं, पर इन चीजों की शुरुआत कई साल पहले ही हो चुकी थी। कभी 3 लाख करोड़ रुपये की पूंजी वाला येस बैंक भारत में प्राइवेट सेक्टर का पांचवा सबसे बड़ा बैंक था, पर पूर्व सीईओ राणा कपूर ने क्रेडिट की बजाय अपने रिश्तों के आधार पर एक से एक दिवालिया कंपनियों को लोन बांटे। इनमें मुकेश अंबानी के छोटे भाई अनिल अंबानी की भी कई कंपनियां शामिल थी। 2017 में बैंक ने बैड लोन छिपाने की कोशिश भी की, तब सरकार ने इसके ऊपर शिकंजा कसना शुरू किया। यहीं से येस बैंक के पतन की शुरुआत हुई।