सार

RBI ने रेपो रेट में बढ़ोतरी कर दी है। 0.50% रेपो रेट के बढ़ने से आपके लोन पर इसका काफी असर पड़ेगा। लोन लेना भी महंगा हो जाएगा। इसको लेकर अगर आप कन्फ्यूज हैं, तो हम आपको पूरा गणित बता देते हैं। 

बिजनेस डेस्कः RBI ने रेपो रेट में बढ़ोतरी कर दी है। 0.50% रेपो रेट को बढ़ा दिया गया है। इस फैसले के बाद आम आदमी के जेब पर काफी असर पड़ने वाला है। क्योंकि अब लोन लेना महंगा हो गया है। इससे ईएमआई भी ज्यादा देना होगा। अगर आपने पहले से लोन लिया हुआ है, तो आपका ईएमआई नहीं बढ़ेगा। अगर आपने पहले से फ्लेक्सिबल लोन लिया हुआ है, तो फिर आपके ईएमआई में बढ़ोतरी हो सकती है। जानें पूरा गणित।

रेपो रेट से कैसे जुड़ा है EMI
रेपो रेट वह दर होती है, जिस पर RBI से बैंकों को कर्ज मिलता है। वहीं रिवर्स रेपो रेट उस दर को कहते है, जिस दर पर बैंकों को RBI पैसा रखने पर ब्याज देती है। अभी यह 3.35% है। RBI जब रेपो रेट घटाता है, तो बैंक भी ग्राहकों के लिए ब्याज दरों को कम करते हैं। इससे EMI भी घट जाता है। ऐसे ही जब रेपो रेट में बढ़ोतरी की जाती है तो ब्याज दरों में भी बढ़ोतरी होती है। ऐसे में ग्राहकों को महंगे दर पर लोन लेना पड़ता है। 

रेपो रेट बढ़ने का कैसे पड़ेगा असर
इसे एक उदाहरण से समझते हैं। मान लें कि अजय ने एक हाउस लोन लिया है। उन्होंने 7.55% के रेट पर 30 लाख का लोन 20 साल के लिए लिया है। लोन की EMI 24,260 रुपए होती है। 20 साल में अजय को इस दर से 28,22,304 रुपए का ब्याज देना होगा। यानी, उसे 30 लाख के बदले कुल 58,22,304 रुपए चुकाने होंगे।

इतने में ही आरबीआई रेपो रेट में 0.50% इजाफा कर देता है। उसी दौरान अजय का कोई दोस्त लोन लेने पहुंचता है तो बैंक उसे 7.55% के रेट पर लोन देती है। जबकि उसने भी 30 लाख का ही लोन लिया होता है। लेकिन अब उसकी EMI 25,187 रुपए की बनती है। यानी अजय की EMI से 927 रुपए ज्यादा उसके दोस्त को देने होंगे। इस कारण अजय के दोस्त को 20 सालों में कुल 60,44,793 रुपए चुकाने होंगे। यह रकम अजय की रकम से 2,22,489 ज्यादा होती है। यह निश्चित रूप से कर्ज लेने वालों के लिए घाटे का सौदा है। 

जानें कितना बढ़ा EMI
रकमअवधिब्याज दरकिस्त (रुपए में)संशोधित दरकिस्त (रुपए में)बढ़ोतरी (रुपए में)
30 लाख रुपए20 साल7.5%24,1688%25,093925
20 लाख रुपए20 साल7.5%16,1128%16,729617
10 लाख रुपए20 साल7.5%8,0568%8,364308

पहले से चल रहे लोन पर पड़ेगा असर?
जानकारी दें कि होम लोन की ब्याज दरें 2 तरह से होती हैं पहली फ्लोटर और दूसरी फ्लेक्सिबल। फ्लोटर कैटेगरी में आपकी ब्याज दर एक जैसी रहती है। जब तक आप उस लोन की चुका नहीं देते, आपको एक सामान ही ईएमआई देना होगा। इसका रेपो रेट बढ़ने और घटने से कोई वास्ता नहीं होता है। वहीं फ्लेक्सिबल कैटेगरी में अगर आपने लोन लिया है तो आपको लोन पर रेपो रेट बढ़ने का असर जरूर पड़ेगी। इससे आपकी पहले की ईएमआई बढ़ जाएगी। 

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