सार
भारत फिर दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर उभरा है। इस लिस्ट से ब्रिटेन बाहर होकर छठवें स्थान पर खिसक गया है। उसकी इकोनॉमी 816 अरब डॉलर रही। इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) के रिकॉर्ड के अनुसार, भारत साल 2021 के आखिरी 3 महीने में ब्रिटेन से आगे निकल गया।
नई दिल्ली. कोरोनाकाल के दौरान आई आर्थिक कठिनाइयों के बावजूद भारत ने अपनी अर्थव्यवस्था को गिरने नहीं दिया। भारत फिर दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर उभरा है। यह उपलब्धि ऐसे समय में मिली है, जब पड़ोसी मुल्क-श्रीलंका और पाकिस्तान की अर्थ व्यवस्था धड़ाम से गिर पड़ी है। वहीं, नेपाल और बांग्लादेश अपनी इकोनॉमी को संभाल नहीं पा रहे हैं। इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) के रिकॉर्ड के अनुसार, भारत साल 2021 के आखिरी 3 महीने में ब्रिटेन से आगे निकल गया। सकल घरेलू उत्पाद यानी(Gross domestic product-GDP) का डेटा बताता है कि भारत यह बढ़त फाइनेंसियल ईयर-2022-23 में भी बरकरार रखे हुए हुए है। भारत की इकोनॉमी 854.7 अरब डॉलर रही।
ये हैं दुनिया के पांच बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देश
IMF के आंकड़े बताते हैं कि अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। इसकी GDP 25350 अरब डॉलर है। दूसरे नंबर पर चीन है। इसकी GDP 19910 अरब डॉलर है। तीसरे नंबर पर जापान है। इसकी GDP 4910 अरब डॉलर है। जबकि चौथे नंबर पर जर्मनी है। इसकी GDP 854.7 अरब डॉलर है। इस लिस्ट से ब्रिटेन बाहर होकर छठवें स्थान पर खिसक गया है। उसकी इकोनॉमी 816 अरब डॉलर रही। दुनियाभर में महंगाई बढ़ने का असर दिखाई दिया है। रोज की जरूरतों की चीजें महंगी होने से ब्रिटेन को यह झटका लगा। यानी पहले वो इस लिस्ट में पांचवें नंबर पर था। दिलचस्प और गौरतलब बात यह है कि एक विशाल आबादी वाले देश भारत में कोरोना की बड़ी मार पड़ने के बावजूद इकोनॉमी संभल गई।
10 साल पहले 11वीं पोजिशन पर था भारत
आपको जानकर ताज्जुब होगा कि 10 साल पहने भारत इस लिस्ट में 11वीं पोजिशन पर था। ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था डगमगाने के पीछे सबसे तेज मुद्रास्फीति यानी महंगाई(inflation) और मंदी की लगातार बढ़ती रिस्क से जूझ रहा है। बैंक ऑफ इंग्लैंड का मानना है कि यह स्थिति 2024 तक रहने वाली है। लेकिन इधर, भारतीय अर्थव्यवस्था के इस वर्ष 7% की दर से बढ़ने का अनुमान लगाया गया है। IMF के अनुसार, 2019 में भी नॉमिनल जीडीपी के मामले में भारत 5वीं बड़ी अर्थव्यवस्था (2.9 लाख करोड़ डॉलर) बनकर उभरा था। तब भी ब्रिटेन (2.8 लाख करोड़ डॉलर) 6th पोजिशन पर था। यह अलग बात रही कि इसके बाद ब्रिटेन पाचवें स्थान पर आ गया और भारत नीचे गिर गया। यह भी बता दें कि हाल ही में MSME इमर्जिंग मार्केट्स इंडेक्स में चीन को पीछे छोड़कर भारत दूसरे स्थान पर पहुंचा था।
भारत का पूर्वानुमान सही साबित होते दिख रहा
26 अगस्त को 'एफई बेस्ट बैंक अवार्ड' कार्यक्रम केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि चालू वित्त वर्ष (2022-23) में भारत की अर्थव्यवसथा 7.4 फीसदी की दर से विकास करेगी। वित्त वर्ष 2023-24 में भी ग्रोथ की रफ्तार बनी रहेगी। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) और विश्व बैंक (World Bank) ने अगले दो वित्त वर्ष के लिए भारत की वृद्धि दर सबसे तेज रहने का अनुमान जताया है। यह अनुमान भारतीय रिजर्व बैंक के अनुमान से भी मेल खाता है।
5 ट्रिलियन इकोनॉमी का ख्वाब
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई मौके पर कह चुके हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) को 5 ट्रिलियन इकोनॉमी बनाना ही लक्ष्य है। 8 वर्षों के कार्यकाल में मोदी ने डिजिटल इंडिया (Digital India) के नारे के साथ देश की आर्थिक स्थिति सुधारने की दिशा में कई बड़े कदम उठाए। इस बीच नोटबंदी, एसेट मोनेटाइजेशन, गिरता शेयर बाजार, कोरोना महामारी, रूस-यूक्रेन युद्ध आदि का भी असर पड़ा, लेकिन भारत ने अपनी इकोनॉमी को संभाले रखा।
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