सार

रिलायंस और फ्यूचर रिटेल के इस सौदे का अमेजन ने विरोध किया था। अमेजन का कहना था कि सिंगापुर में इमरजेंसी आर्बिट्रेटर ने इस सौदे पर रोक लगा चुकी है।

बिजनेस डेस्क. सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले से रिलायंस और फ्यूचर रिटेल को झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने फ्यूचर रिटेल लिमिटेड के रिलायंस रिटेल में विलय होने के 24 हजार करोड़ के सौदे पर रोक लगा दी है। कोर्ट के इस फैसले से अमेजन को राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने अमेजन के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कहा कि सिंगापुर में आया इमरजेंसी आर्बिट्रेटर का फैसला भारत में लागू करने योग्य है। बता दें कि इमरजेंसी आर्बिट्रेटर ने इस सौदे पर रोक लगाई थी।

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रिलायंस और फ्यूचर रिटेल के इस सौदे का अमेजन ने विरोध किया था। अमेजन का कहना था कि सिंगापुर में इमरजेंसी आर्बिट्रेटर ने इस सौदे पर रोक लगा चुकी है जिस कारण से फ्यूचर रिटेल का रिलायंस में विलय नहीं हो सकता। सुप्रीम कोर्ट से पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने भी फ्यूचर रिटेल को इमरजेंसी आर्बिट्रेटर का आदेश मानने के लिए कहा था।

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न्यायमूर्ति रोहिंटन एफ. नरीमन की अध्यक्षता वाली एकपीठ ने दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा, जिसमें फ्यूचर ग्रुप को सिंगापुर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर (एसआईएसी) में आपातकालीन मध्यस्थ द्वारा पारित आदेश के उल्लंघन में आगे कोई कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया गया था।


क्या है मामला 
दरअसल, साल 2019 में अमेजन ने फ्यूचर समूह की गिफ्ट वाउचर इकाई में 49 फीसदी हिस्सेदारी के लिए 1920 लाख डॉलर का भुगतान किया था। मामले में अमेजन का कहना है कि इस सौदे की शर्तें फ्यूचर समूह को फ्यूचर रिटेल लिमिटेड के कारोबार को रिलायंस को बेचने से रोकती हैं।