सार
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने नयी वैकल्पिक आयकर व्यवस्था के जटिल होने के विशेषज्ञों के दावों के बीच रविवार को कहा कि इससे ‘कुछ आयवर्ग’ के करदाताओं को निश्चित तौर पर लाभ होगा
नई दिल्ली: वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने नयी वैकल्पिक आयकर व्यवस्था के जटिल होने के विशेषज्ञों के दावों के बीच रविवार को कहा कि इससे ‘कुछ आयवर्ग’ के करदाताओं को निश्चित तौर पर लाभ होगा। उन्होंने कहा कि आयकर व्यवस्था में अचानक बदलाव से करदाताओं पर दबाव नहीं पड़े इसलिये नई व्यवस्था को वैकल्पिक रखा गया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को लोकसभा में पेश आम बजट में नयी आयकर व्यवस्था की घोषणा करते हुए कहा कि नयी व्यवस्था के तहत कई तरह की छूट और कटौतियों को समाप्त किया गया है। हालांकि, सरकार ने शनिवार शाम को ही स्पष्टीकरण जारी करते हुए उन कुछ छूटों और कटौतियों की सूची जारी की है, जो नयी कर व्यवस्था में भी लागू रहेंगे।
व्यवस्था को सरल बनाने की दिशा में उठाया कदम
उन्होंने यहां कहा, ‘‘पिछली रात कुछ स्पष्टीकरण जारी किये गये, आज और जारी किये जायेंगे। यदि लोगों को पुरानी कर व्यवस्था की तुलना में नयी व्यवस्था में अधिक कर का भुगतान करना पड़ेगा, तो मैं ऐसी कोई व्यवस्था लाती ही क्यों?’’उन्होंने नयी कर व्यवस्था का बचाव करते हुए कहा कि हो सकता है इससे सभी करदाताओं को लाभ नहीं हो, लेकिन निश्चित तौर पर ‘कुछ आयवर्ग’ में आने वाले करदाताओं को लाभ होगा। सरकार ने व्यवस्था को सरल बनाने की दिशा में कदम उठाया है।
मूल्यांकन करना होगा कौन सी व्यवस्था लाभदायक
हालांकि, विशषज्ञों का मानना है कि कॉरपोरेट आयकर की तरह व्यक्तिगत आयकर के मामले में भी वैकल्पिक व्यवस्था से प्रणाली में सिर्फ जटिलता ही आएगी। क्लियरटैक्स के संस्थापक अर्चित गुप्ता ने कहा, ‘‘वैकल्पिक नयी व्यवस्था के कारण करदाताओं को इसका मूल्यांकन करना होगा कि उनके लिये कौन सी व्यवस्था लाभदायक है। दीर्घकालिक बचत को प्रतिबद्ध तथा 80सी के माध्यम से निवेश कर रहे करदाताओं को निराशा हाथ लगेगी और संभव है कि कर बचत करने वाली संपत्ति श्रेणियों में निवेश करने के बारे में वे हतोत्साहित हों।’’
नई प्रणाली को समझने का समय मिले
बायोकॉन की चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक किरण मजूमदार शॉ ने ट्वीट किया कि छूट समाप्त करने से व्यक्तिगत आयकर दाताओं को नुकसान होगा तथा उपभोक्ता खर्च पर असर पड़ेगा। वित्त मंत्री ने कहा की सरकार ने कर ढांचे को सरल बनाने का कदम उठाया है, लेकिन अचानक होने वाले बदलाव से करदाता दबाव में नहीं आयें और उन्हें नई प्रणाली को समझने का समय मिले इसलिये नई और पुरानी दोनों व्यवस्थाओं का विकल्प रखा है।
नई व्यवस्था से करदाताओं पर बोझ कम होगा
उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्री ने व्यक्तिगत आयकर की सात स्लैब वाली नई व्यवस्था की घोषणा की है। वित्त मंत्री ने कहा है कि नई व्यवस्था से करदाताओं पर बोझ कम होगा। पुरानी व्यवस्था में जहां पांच लाख तक, पांच से दस लाख तक और दस लाख रुपये से अधिक की आय पर क्रमश: पांच, 20 और 30 प्रतिशत की दर से आयकर लगाने का प्रावधान है वहीं नए ढांचे में 15 लाख रुपये तक आय के विभिन्न स्तरों पर पांच, दस, 15, 20, 25 प्रतिशत और 30 प्रतिशत की दर से कर का प्रस्ताव किया गया है।
एक के बाद एक नई रियायतें इसमें जोड़ी
संवाददाताओं के सवाल के जवाब में वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘पिछले कई सालों के दौरान जितनी सरकारें आई उन्होंने एक के बाद एक नई रियायतें इसमें जोड़ी हैं। कुल मिलाकर आयकर कानून में अब तक 120 तक छूट, रियायतें जुड़ गईं। नये करदाता इस पूरी सूची में अपनी सहूलियत के मुताबिक रियायत को तलाशते हैं।’’
नई व्यवस्था में जाने पर क्या बचत को मिलने वाला प्रोत्साहन समाप्त नहीं हो जायेगा? इस सवाल पर वित्त मंत्री ने कहा, बचत करने से किसी को रोका नहीं जायेगा। ‘‘आप खर्च कीजिये, बचत कीजिये यह पूरी तरह आपके विवेक पर है। लेकिन पूरी व्यवस्था में सुधार लाने के बारे में सोचना होगा।’’
(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)
(फाइल फोटो)