सार
यूआईडीएआई आधार कार्ड सत्यापन (Aadhaar Card Verification) प्रोसेस में एक बड़े बदलाव की योजना बना रहा है, जिसमें मौजूदा पद्धति जल्द ही अप्रचलित हो सकती है। नई योजना के तहत 80 करोड़ लोगों को बड़ी सहुलियत मिलने वाली है।
बिजनेस डेस्क। यूनीक आईडेंटफिकेशन कार्ड जारी करने वाली भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) आधार कार्ड वेरिफिकेशन प्रोसेस में बड़ा बदलाव करने की योजना बना रही है। स्मार्टफोन के साथ सभी आधार-संबंधित सेवाओं के लिए यूनिवर्सल ऑथेटिकेटर बनने की संभावना है। एक बार यह सुविधा शुरू हो जाने के बाद लोगों को अपने काम के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। मौजूदा समय में आधार कार्ड वेरिफिकेशन (Aadhaar Card Verification) प्रोसेस में फिंगरप्रिंट, आईरिस स्कैन और ओटीपी ऑथेंटिकेशन का उपयोग किया जाता है। जल्द ही, मौजूदा प्रोसेस को आपके रजिस्टर्ड स्मार्टफोन को यूनिवर्सल ऑथेंटिकेशन डिवाइस के रूप में बदल दिया जाएगा।
स्मार्टफोन से हो जाएगा सारा काम
इसका मतलब है कि पेंशन या मुफ्त राशन जैसी सरकारी सेवाओं के लाभार्थियों को फिंगरप्रिंट या आईरिस सत्यापन की आवश्यकता नहीं होगी और इसके बजाय वे आसानी से अपने मोबाइल फोन से प्रोसेस को पूरा करने में सक्षम होंगे। यूआईडीएआई कथित तौर पर मोबाइल फोन को एक यूनिवर्सल ऑथेंटिकेटर के रूप में सक्षम करने के लिए टेक प्रोसेस के साथ बड़े बदलाव के लिए तैयार है और इसके जल्द पूरा होने की संभावना है। एक बार जब यह नई सत्यापन पद्धति लागू हो जाने के बाद यूजर अपने घरों में आराम से सरकारी सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे।
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स्मार्टफोन से हो सकेंगे सभी काम
- बैंक खाता खोलना
- राशन कार्ड प्राप्त करना और मुफ्त आपूर्ति का लाभ उठाना
- नया फ़ोन कनेक्शन प्राप्त करना
- पेंशन संबंधी उद्देश्यों में
- ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए
- पैन कार्ड लिंकिंग
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80 करोड़ लोगों के मोबाइन बन जाएंगे ऑथेंटिकेटर
रिपोर्ट के अनुसार भारत में लगभग 120 करोड़ मोबाइल कनेक्शन हैं, जिनमें से लगभग 80 करोड़ नंबर यूनिवर्सल ऑथेंटिकेटर के रूप में उपयोग के योग्य हैं। वर्तमान में सार्वजनिक डोमेन में इस प्रक्रिया के कामकाज के बारे में अधिक जानकारी नहीं है।