सार
Crude Oil की कीमत में इजाफे के दो अहम कारण माने जा रहे हैं। पहला अमरीका और युरोप में ठंड (US Cold Storm) बढ़ने के कारण ऑयल शेल जम गए हैं, जिसकी वजह से क्रूड ऑयल (Crude Oil Production) निकालना मुश्किल हो रहा है। दूसरा कारण है युक्रेन-रूस के बीच तनाव (Ukraine-Russia Tension)।
बिजनेस डेस्क। भारत में पेट्रोल और डीजल के दाम (Petrol Diesel Price) 100 दिन से ज्यादा समय से स्थिर हैं। जिसका कारण देश में पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों को माना जा रहा है, लेकिन मार्च के दूसरे सप्ताह में तेजी देखने को मिल सकती है। इसके दो अहम कारण माने जा रहे हैं। पहला अमरीका और युरोप में ठंड (US Cold Storm) बढ़ने के कारण ऑयल शेल जम गए हैं, जिसकी वजह से क्रूड ऑयल (Crude Oil) निकालना मुश्किल हो रहा है। दूसरा कारण है युक्रेन-रूस के बीच तनाव(Ukraine-Russia Tension) । जिसकी वजह से क्रूड ऑयल के दाम (Crude Oil Price) 95 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गए हैं। जिसकी वजह से भारत में पेट्रोल और डीजल के दाम 15 रुपए प्रति लीटर तक बढ़ सकते हैं। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर मौजूदा समय में क्रूड ऑयल के दाम कितने हैं और जानकार चुनाव के बाद पेट्रोल और डीजल के दाम कितना इजाफा हो चुका है।
अमरीका और युरोप में ठंड बढ़ा रही है क्रूड ऑयल के दाम
अमरीका और युरोप में ठंड क्रूड ऑयल की कीमत में इजाफा कर रही है। अमरीका और कनाडा में ठंड बढ़ने के कारण शेल डीप फ्रीज में बदल गए हैं। ऑयल शेल के जमने की वजह से क्रूड ऑयल की माइनिंग करना नानुमकिन हो गया है। जिसकी वजह क्रूड ऑयल की सप्लाई काफी बाधित हो गई है। वहीं दूसरी ओर युरोप में ठंड के कारण डिमांड में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है। ऐसे में क्रूड ऑयल की कीमत में जबरदस्त तेजी देखने को मिल रही है।
ओपेक देश भी नहीं कर रहे हैं प्रोपर सप्लाई
वहीं दूसरी ओर ओपेक देश भी 4 मिलियन बैरल प्रतिदिन के हिसाब सप्लाई ठीक से नहीं कर रही है। ओपेक ने कहा था कि जब तक ओपेक अपने नुकसान को पूरा नहीं कर लेते तब तक वो सप्लाई को टाइट रखते हुए 4 मिलियन बैरल प्रतिदिन के हिसाब सप्लाई करते रहेंगे। इस वादे को पूरा करने में ओपेक नाकाम साबित हुआ है। जिसकी वजह से ब्रेंट क्रूड ऑयल के दाम 96 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गए हैं।
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युक्रेन-रूस टेंशन
युक्रेन-रूस टेंशन की वजह से क्रूड ऑयल की कीमत में बड़ी तेजी देखने को मिल रही है। वास्तव में रूस अगर युक्रेन पर हमला करता है तो अमरीका समेत कई यूरोपीय देश रूस पर प्रतबिंध खासकर निर्यात प्रतबिंध लगा सकता है। रूस यूरोपीय देशों को 300 मिलियन बैरल प्रति दिन क्रूड ऑयल एक्सपोर्ट करता है। अगर यह ऑयल एक्सपोर्ट नहीं होता तो ओपेक और अमरीका पर सप्लाई करने का प्रेशर बढ़ जाएगा और कीमतें ज्यादा होंगी। उसी वजह से युक्रेन और रूस की टेंशन क्रूड ऑयल के दाम बढ़ा रही है।
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15 रुपए तक बढ़ सकते हैं दाम
जानकारों की मानें तो विधानसभा चुनावों की वजह से पेट्रोल और डीजल की कीमत में इजाफा देखने को नहीं मिल रहा है। 100 दिन से ज्यादा हो चुका है, लेकिन पेट्रोल और डीजल की कीमत में कोई बदलाव नहीं हुआ है। आईआईएफएल के वाइस (कमोडिटी एंड करेंसी) अनुज गुप्ता ने कहा कि चुनाव के बाद पेट्रोल और डीजल की कीमत में 15 रुपए प्रति लीटर तक का इजाफा देखने को मिल सकता है।