सार
आज ऐसे कैंडिडेट्स की कमी नहीं जो यूपीएससी की परीक्षा में पहले ही प्रयास में सफलता हासिल कर लेते हैं और वह भी बिना कोई कोचिंग लिए। डॉक्टर अर्तिका शुक्ला ने भी पहले ही प्रयास में देश की सबसे कठिन मानी जाने वाली परीक्षा में सफलता हासिल कर युवाओं के लिए रोल मॉडल बन गई हैं।
करियर डेस्क। आज ऐसे कैंडिडेट्स की कमी नहीं जो यूपीएससी की परीक्षा में पहले ही प्रयास में सफलता हासिल कर लेते हैं और वह भी बिना कोई कोचिंग लिए। डॉक्टर अर्तिका शुक्ला ने भी पहले ही प्रयास में देश की सबसे कठिन मानी जाने वाली परीक्षा में सफलता हासिल कर युवाओं के लिए रोल मॉडल बन गई हैं। बनारस की रहने वाली अर्तिका शुक्ला एमबीबीएस करने के बाद एमडी की पढ़ाई कर रही थीं, लेकिन शुरू से उनका सपना आईएएस अधिकारी बनने का था। उन्होंने एमडी की पढ़ाई के दौरान ही इस परीक्षा के लिए तैयारी शुरू कर दी और साल 2014 में इसमें सफल रहीं। इस परीक्षा में उन्होंने चौथी रैंक हासिल की।
एक साल तक की तैयारी
यूपीएससी परीक्षा की तैयारी अर्तिका शुक्ला ने एक साल तक की। उनका कहना है कि उन्होंने योजना बना कर इस परीक्षा की तैयारी शुरू की। अर्तिका शुक्ला का मानना है कि अगर किसी ने हाईस्कूल के दौरान सभी विषयों की ठीक से पढ़ाई की हो तो उसके लिए इस परीक्षा की तैयारी करना आसान हो जाता है। सिविल सर्विस की परीक्षा में सफलता के लिए 10वीं कक्षा तक के मैथ्स, अंग्रेजी और सामान्य ज्ञान के विषयों की जानकारी बेहद काम आती है। अर्तिका शुक्ला का कहना है कि प्रिलिम्स और मेन्स, दोनों एग्जाम को ध्यान में रख कर एक साथ तैयारी करनी चाहिए।
टाइम टेबल बना कर करें तैयारी
अर्तिका शुक्ला का कहना है कि इस परीक्षा के लिए टाइम टेबल बना कर तैयारी करनी चाहिए। सभी विषयों पर पूरा ध्यान देना चाहिए और सबसे ज्यादा ध्यान समय के सही प्रबंधन पर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोचिंग सेंटर में तैयारी के लिए वह गई थीं, पर दो-तीन दिन के बाद ही वहां जाना छोड़ दिया। वैसे, उनके पेपर लेकर घर पर प्रैक्टिस करने से काफी मदद मिलती है। अर्तिका शुक्ला का कहना है कि पहले लक्ष्य तय कर लेने से ज्यादा फायदा होता है। अगर आपने 10वीं की पढ़ाई के दौरान ही सिविल सर्विस में आने का मन बना लिया तो सफलता की संभावना ज्यादा रहती है।
सोशल मीडिया से बना ली थी दूरी
अर्तिका शुक्ला का कहना है कि सिविल सर्विसेस की परीक्षा की तैयारी के दौरान उन्होंने एक साल तक सोशल मीडिया से दूरी बना ली थी। इससे ध्यान भटकता है। उनका कहना है कि इस परीक्षा में सफलता के लिए एकाग्रता जरूरी है। उन्होंने कहा कि साल भर तक वे फेसबुक से दूर रहीं। शुरू में उन्हें यह थोड़ा अजीब लगा, पर जल्दी ही उन्हें इसकी आदत हो गई। उन्होंने बताया कि वह रात के समय लिखने की प्रैक्टिस किया करती थीं। अर्तिका शुक्ला का कहना है कि साक्षात्कार में सफलता के लिए सेल्फ कॉन्फिडेंस का होना बहुत जरूरी है। इंटरव्यू में किसी सवाल का जवाब नहीं आता हो तो बिना घबराए कह देना चाहिए कि आप इसके बारे में नहीं जानते। इसका अच्छा असर होता है। अर्तिका शुक्ला का कहना है कि टाइम मैनेजमेंट, लक्ष्य पर पूरा ध्यान और व्यवस्थित तैयारी से ही इस परीक्षा में सफलता हासिल की जा सकती है।