सार
आज टेक्नोलॉजी के बढ़ते दौर में पढ़ने के कई रिसोर्स उपलब्ध हैं। किताबों के भी दो ऑप्शन लोगों के पास हैं। पहला प्रिंटेड किताबें और दूसरा ई-बुक्स। दोनों की अपनी अलग-अलग खासियत है और अलग-अलग वर्ग की अपनी पसंद। जानिए रीडर्स के लिए दोनों में से कौन का ऑप्शन बेहतर।
करियर डेस्क : किताब (Book) जिंदगी का अहम हिस्सा हैं। स्टूडेंट लाइफ से हर उम्र में ये हमारे साथ किसी दोस्त की तरह रहते हैं। किताबों के पन्नों के पलटने से देश-दुनिया, इतिहास और अन्य चीजों की जानकारी होती है। लेकिन डिजिटल युग में अब पन्ने पलटने की बजाय स्वाइप किए जा रहे हैं। टेक्नोलॉजी जैसे-जैसे बदली प्रिंटेड किताबों के साथ ही ई-बुक्स (eBook) का ऑप्शन भी आ गया है। अब युवाओं को ई-बुक ज्यादा रास आने लगा है। इसके कई फायदे भी हैं। आइए जानते हैं प्रिंटेड किताब और ई-बुक में से कौन-सा बेहतर है...
पोर्टेबिलिटी की वजह से ई-बुक को प्रॉयरिटी
आजकल हर किसी को पोर्टेबल चीजें पसंद आ रही हैं। सफर हो या कहीं और लोग किताबों को कैरी करने की बजाय डिजिटल मोड में ले जाना पसंद करते हैं। टेक्नोलॉजी बढ़ी तो इसका फायदा भी मिलने लगा है। मान लीजिए अगर आपको कहीं जाना है और 8 से 10 किताबों ले जानी है तो यह थोड़ा मुश्किलों भरा रहता है लेकिन ई बुक्स आप जितनी चाहे, उतनी आसानी से ले जा सकते हैं। यही कारण है कि पोर्टेबिलिटी की वजह से ही ई-बुक को प्रॉयरिटी दी जा रही है।
ई-बुक और बुक्स में कौन बेस्ट
- ई-बुक रीडर्स के पास फीचर्स ही फीचर्स होते हैं। टेक्नोलॉजी बेहतर होने के साथ-साथ यह और भी बेहतर हो रहा है। जबकि प्रिंटेड बुक्स में इतना अपडेशन नहीं हो पा रहा है।
- ई-बुक्स में बुकमार्किंग, हाइलाइटिंग, नोट-मेकिंग और इन-बिल्ट डिक्शनरी का ऑप्शन होता है, जबकि पेपर वाली किताबों में यह सुविधा नहीं होती है।
- अगर आप ई-बुक्स पढ़ते हैं तो आपको इंटरनेट की आवश्यकता पड़ती है लेकिन प्रिंटेड बुक्स के साथ किसी भी तरह की इंटरनेट या कनेक्टिविटी की जरूरत नहीं होती है। इस हिसाब से आप प्रिंटेड किताब पर भरोसा कर सकते हैं।
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