सार

आजकल करियर के नए-नए ऑप्शन सामने आ रहे हैं। जिसमें अच्छी खासी सैलरी के साथ नाम और शोहरत भी है। इसी में शामिल है करियर या एजुकेशनल काउंसलर। अगर आप करियर काउंसलर बनना चाहते हैं तो जानें योग्यता, कोर्स, कॉलेज और करियर स्कोप...

करियर डेस्क : अक्सर जब किसी स्टूडेंट्स को ये समझ नहीं आता कि करियर (Career) में आगे क्या करना चाहिए? किस कोर्स की पढ़ाई करनी चाहिए? जॉब ठीक रहेगा या स्टडी? फ्यूचर के लिए क्या बेस्ट होगा? ऐसे वक्त एजुकेशनल काउंसलर (Education Counsellor) या करियर काउंसलर आपकी मदद कर सकता है। आप उसके पास जाकर अपने करियर से रिलेटेड किसी भी समस्या का समाधान पा सकते हैं। एक एजुकेशनल काउंसलर आपको हर छोटी से छोटी और सही जानकारी देता है और आपके करियर को आगे बढ़ाने में मदद करता है। साथ ही वह अपना भी फ्यूचर बनाता है। अगर आप भी एजुकेशन काउंसलर बनकर खुद का भविष्य बेहतर करना चाहते हैं तो चलिए जानते हैं इससे संबंधित एलिजिबिलिटी, कोर्स, कॉलेज और स्कोप..

योग्यता
अगर आप करियर काउंसलर बनने के लिए डिप्लोमा और बैचलर्स कोर्स करना चाहते हैं तो आपको 12वीं पास होना चाहिए। मास्टर डिग्री कोर्स के लिए संबंधित विषय से ग्रेजुएशन की डिग्री अनिवार्य होगी। इसके बाद आप एडमिशन पा सकते हैं।

करियर काउंसलर कौन-सा कोर्स 
करियर काउंसलर के लिए कोई स्पेशल कोर्स नहीं होता है। ग्रेजुएशन लेवल पर साइकोलॉजी, सोशियोलॉजी, सोशल वर्क सब्जेक्ट लेकर इस फील्ड में करिर बनाने में आसानी होती है। ग्रेजुएशन के बाद इसी से मास्टर्स भी कर सकते हैं। इन विषयों से समाज और पर्सन दोनों की समझ अच्छी होती है और इसका फायदा भी मिलता है। अगर आप कुछ सालों तक किसी यूनिवर्सिटी या कॉलेज में पढ़ाते हैं तो इस एजुकेशनल एक्सपीरियंस से आप इसमें करियर बना सकते हैं। कई स्टूडेंट्स भी एजुकेशनल एक्सपीरिएंस से इस क्षेत्र में करियर बना सकते हैं। उन्हें पढ़ाई के दौरान से ही प्रैक्टिस शुरू कर देनी चाहिए।

कहां से कर सकते हैं कोर्स

  • दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU), नई दिल्ली
  • बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU), वाराणसी
  • जामिया मिल्लिया इस्लामिया (JMI), नई दिल्ली
  • अशोक विश्वविद्यालय, सोनीपत, हरियाणा

कहां-कहां करियर स्कोप

  • कोर्स पूरा करने के बाद किसी स्‍कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी या कोचिंग सेंटर्स में जॉब कर सकते हैं।
  • कई इंस्टीट्यूट में एजुकेशनल या करियर काउंसलर की डिमांड रहती है।
  • न्यूज़ पेपर, मैग्‍जीन या चैनल्स में भी काम करने के बेशुमार मौके मिलते हैं। एजुकेशनल टॉपिक या करियर काउंसलर की सलाह जैसे कॉलम भी निकलते हैं।
  • खुद का इंस्टीट्यूट भी खोल सकते हैं।
  • सेमिनार और अन्य प्रोग्राम में स्पेशल तौर पर इनवाइट किया जाता है और अच्छा-खासा पेड किया जाता है।

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