सार

डेटशीट जारी होने की खबरों से पहले ही प्रैक्टिकल परीक्षाओं की टेंटेटिव तारीखें घोषित भी कर दी गईं। अब लगभग सभी विषयों के सैम्पल पेपर्स भी रिलीज हो चुके हैं। इसमें एक बात नोटिस करने लायक है कि पेपर पैटर्न काफी बदला हुआ है।

करियर डेस्क.  CBSE Exams 2021 Pattern changed: सीबीएसई (CBSE Board)  की परीक्षाओं को लेकर इस समय कई अटकलें चल रही हैं। हालांकि बोर्ड ने मार्च में परीक्षाएं करवाए जाने की पुष्टि कर दी है। इस बीच स्टूडेंट्स के मन में महामारी के कारण परिक्षाओं के आयोजन को लेकर काफी संशय था जो अब खत्म हो गया है। 

दरअसल सीबीएसई बोर्ड की दसवीं और बारहवीं की परीक्षाओं को लेकर बोर्ड के सेक्रेटरी अनुराग त्रिपाठी ने साफ किया कि इस साल परीक्षाएं जरूर होंगी और जल्द ही इनका शेड्यूल रिलीज किया जाएगा। डेटशीट जारी होने की खबरों से पहले ही प्रैक्टिकल परीक्षाओं की टेंटेटिव तारीखें घोषित भी कर दी गईं।

सैम्पल पेपर्स हुए रिलीज

अब लगभग सभी विषयों के सैम्पल पेपर्स भी रिलीज हो चुके हैं। इसमें एक बात नोटिस करने लायक है कि पेपर पैटर्न काफी बदला हुआ है। इन सैम्पल पेपर्स को देखने के बाद एक फॉरमेट सामने आया कि इनमें मल्टीपल च्वॉइस क्वैश्चंस की संख्या बढ़ी दिख रही है। यानी इस बार ज्यादा MC टाइप प्रश्न पूछे जा सकते हैं। कैंडिडेट्स तैयारी के दौरान इन पर विशेष ध्यान दें तो बेहतर होगा।

सिलेबस कम होने के बाद यह दूसरी राहत

जैसा कि सीबीएसई के दसवीं और बारहवीं के रिलीज्ड सैम्पल पेपर्स से साफ है कि इस बार मल्टीपल च्वॉइस क्वैश्चंस ज्यादा आ सकते हैं, अगर ऐसा ही होता है तो स्टूडेंट्स के लिए यह बड़ी राहत की बात होगी। पहले ही सीबीएसई ने सिलेबस कम करके स्टूडेंट्स की काफी परेशानी कम कर दी है। ऐसे में उन्हें कुछ प्रश्नों का प्रारूप बदलने से भी मिलेगी। 

इन्हें भली प्रकार समझने के लिए कैंडिडेट्स से अनुरोध है कि वे सीबीएसई की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर सैम्पल पेपर्स डाउनलोड करें और उन्हें हल भी करें। इससे एक तो उनका अभ्यास होगा दूसरा वे बदले हुए सिलेबस और पैटर्न को ठीक से समझ पाएंगे।

तैयारी में काम आएंगे सैम्पल पेपर 

इस साल के सैम्पल पेपर्स स्टूडेंट्स के लिए बहुत जरूरी हैं क्योंकि इस बार सिलेबस बदल गया है। कोरोना के कारण क्लासेस न हो पाने से बोर्ड ने सिलेबस कम किया ताकि स्टूडेंट्स को समस्या न हो। यह फैसला एक तरफ राहत पहुंचाने वाला है पर एक तरफ उनके लिए नए सिलेबस को भली प्रकार समझना भी जरूरी है।