सार

छत्तीसगढ़ में आरक्षण मुद्दे को लेकर युवाओं की नौकरी पर संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है। हाईकोर्ट ने 58 प्रतिशत रिजर्वेशन सिस्टम को रद्द कर दिया है। वहीं, राज्यपाल अनुसुइया उइके ने इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात भी की है। 

करियर डेस्क। आरक्षण की वजह से छत्तीसगढ़ सरकार राज्य सेवा परीक्षा-2021 यानी स्टेट सर्विस एग्जाम-2021 का रिजल्ट घोषित नहीं कर रही है। इससे करीब 5 लाख युवाओं के भविष्य और नौकरी को लेकर संकट की स्थिति खड़ी हो गई है। जिन सेगमेंट का रिजल्ट जारी होना है, उसमें फॉरेस्ट सर्विस एग्जाम और इंजीनियरिंग सर्विस समेत कई और भर्ती वर्ग हैं। बताया जा रहा है कि इनकी परीक्षाएं ठीक से हुईं। रिजल्ट भी बन गए, मगर अब इसमें आरक्षण का पेंच फंस गया है, जिससे रिजल्ट जारी नहीं हो रहे हैं। 

यही नहीं, देखा जाए तो इस परीक्षा में बहुत से ऐसे छात्र भी शामिल हुए थे, जिनकी उम्र सीमा इस बार खत्म हो रही है। ऐसे में अगर परीक्षा अटकी और रिजल्ट जारी नहीं किए गए, तो उनके द्वारा संबंधित सेवा में दी गई परीक्षा बेकार साबित होगी। दरअसल, छत्तीसगढ़ पब्लिक सर्विस कमीशन यानी राज्य सेवा आयोग के जरिए फॉरेस्ट सर्विस एग्जाम, स्टेट सर्विस एग्जाम, असिस्टेंट डायरेक्टर, इंजीनियरिंग सर्विस, फिजियोथेरेपिस्ट, रिसर्च आयुर्वेद मेडिकल अफसर, सीएमओ साइंटिफिक अफसर और चपरासी भर्ती के लिए परीक्षा हुई थी। 

पीएससी-2021 के उम्मीदवारों का इंटरव्यू भी हो चुका है 
इन परीक्षाओं के लिए 5 लाख से अधिक अभ्यर्थियों से आवेदन किया था और योग्य पाए जाने पर परीक्षा में शामिल हुए थे। प्रारंभिक परीक्षा हुई। फिर डाक्युमेंट अटेस्ट हुए और फिजिकल टेस्ट भी पूरा कर लिया गया। पीएससी-2021 के उम्मीदवारों का तो इंटरव्यू भी हो चुका है, मगर अब रिजल्ट जारी नहीं किया जा रहा और भर्तियों पर रोक का अंदेशा जताया जा रहा है। हालांकि, कुछ परीक्षा ऐसी हैं अभी जिनमें इंटरव्यू नहीं हुआ है और अंतिम निर्णय की वजह से उहापोह की स्थिति बनी हुई है। 

हाईकोर्ट ने 58 प्रतिशत रिजर्वेशन सिस्टम को रद्द कर दिया है 
सबसे ज्यादा चिंता की स्थिति उन युवाओं के लिए बनी हुई है, जिनका यह अंतिम अवसर होगा। उम्र सीमा की वजह से अब आगे वे सरकारी परीक्षा देने के लिए योग्य नहीं होंगे। आरक्षण को लेकर छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुइया उइके ने मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात भी की थी। राज्यपाल के अनुसार, राज्य में आरक्षण की स्थिति अभी जीरो है। हाईकोर्ट ने भी 58 प्रतिशत रिजर्वेशन सिस्टम को रद्द कर दिया है। राज्य सरकार ने विधानसभा में 76 प्रतिशत रिजर्वेशन का बिल पास किया है। मगर इस स्थिति में भी आरक्षण का मुद्दा अटक गया है।