सार
हमारे देश में सरकारी नौकरी का क्रेज ऐसा है कि मामूली पदों पर भी जब बहालियां निकलती हैं तो ज्यादा क्वालिफिकेशन वाले लोग अप्लाई करने का मौका नहीं चूकते।
कोयम्बटूर। हमारे देश में सरकारी नौकरियों के लिए क्रेज देखते ही बनता है। नौकरी सरकारी हो, भले ही चपरासी या स्वीपर की ही क्यों नहीं, उच्च योग्यता रखने वाले कैंडिडेट्स भी इनके लिए अप्लाई कर देते हैं। अभी कोयम्बटूर के सिटी कॉरपोरेशन में सफाईकर्मियों की बहाली के लिए 549 पद निकले तो 7000 इंजीनियर्स, ग्रैजुएट्स और डिप्लोमाधारी कैंडिडेट्स ने भी अप्लाई कर दिया।
कॉरपोरेशन ने ग्रेड-1 सफाईकर्मियों के 549 पदों के लिए एप्लिकेशन मांगे थे। इसके लिए पिछले बुधवार से शुरू हुए तीन दिन तक चलने वाले इंटरव्यू और सर्टिफिकेट वेरिफिकेशन की प्रक्रिया के दौरान 7000 ऐसे कैंडिडेट्स पहुंचे, जिन्होंने इंजीनियरिंग में डिग्री ले रखी थी या डिप्लोमा कोर्स कर रखा था। काफी कैंडिडेट्स ग्रैजुएट और पोस्ट ग्रैजुएट भी थे। यह जानकारी अधिकारियों ने दी।
कुछ मामलों में पाया गया कि सफाईकर्मी के पद पर नियुक्ति के लिए अप्लाई करने वाले कैंडिडेट पहले से ही प्राइवेट फर्म्स में काम कर रहे थे। लेकिन सरकारी और 15,700 रुपए के शुरुआती वेतनमान वाली नौकरी के चलते उन्होंने अप्लाई किया था। इसके अलावा, वे सफाईकर्मी जो पिछले 10 सालों से कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर काम कर रहे थे, उन्होंने भी स्थाई बहाली के लिए अप्लाई किया था।
अधिकारियों का कहना था कि बहुत से ग्रैजुएट कैंडिडेट्स को उनकी योग्यता के अनुरूप नौकरी नहीं मिल सकी थी। वे प्राइवेट फर्म्स में 6 से 7 हजार रुपए के मासिक वेतन पर काम कर रहे थे। उन्हें 12-12 घंटे तक काम करना पड़ता था और उनके जॉब की कोई सिक्युरिटी भी नहीं थी। वहीं, सफाईकर्मियों को प्रति माह 20,000 रुपए मिलते हैं और उन्हें सुबह 3 घंटे और शाम को 3 घंटे काम करना पड़ता है। बीच के समय में वे चाहें तो कोई दूसरा काम कर अतिरिक्त कमाई कर सकते हैं। अधिकारियों ने बताया कि निगम में 2000 स्थाई सफाईकर्मी हैं और 500 सफाईकर्मी कॉन्ट्रैक्ट पर काम करते हैं।