सार

बहुत से लोग ऐसे होते हैं कि एक बार की असफलता से हताश हो कर कोशिश करना छोड़ देते हैं, वहीं जो लोग असफलता मिलने के बाद भी बार-बार प्रयास करते हैं, एक दिन जरूर सफलता उनके कदम चूमती है। ऐसी ही कहानी है इस आईएएस टॉपर की।

करियर डेस्क। बहुत से लोग ऐसे होते हैं कि एक बार की असफलता से हताश हो कर कोशिश करना छोड़ देते हैं, वहीं जो लोग असफलता मिलने के बाद भी बार-बार प्रयास करते हैं, एक दिन जरूर सफलता उनके कदम चूमती है। ऐसी ही कहानी है इस आईएएस टॉपर की। उत्तर प्रदेश के बिजनौर के रहने वाले जुनैद अहमद ने इस बार यूपीएससी की परीक्षा में देश भर में तीसरा स्थान हासिल कर आईएएस अधिकारी बनने का अपना सपना पूरा किया। बता दें कि यह सफलता उन्होंने पांचवें प्रयास में हासिल की। इसके पहले 2018 में इंडियन रेवेन्यू सर्विस में उनका सिलेक्शन हो गया था, लेकिन वे आईएएस ही बनना चाहते थे। जुनैद अहमद का कहना है कि उन्होंने अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत की। बार-बार की असफलता से वे कभी निराश नहीं हुए और उन्होंने संकल्प ले लिया कि आईएएस बन कर ही रहेंगे। आखिरकार वे कामयाब हुए। 

मध्यमवर्गीय परिवार से आते हैं जुनैद
जुनैद एक मध्यमवर्गीय परिवार से आते हैं। उनके पिता जावेद हुसैन वकील हैं और मां आयशा रजा हाउस वाइफ हैं। जुवैद की प्रारंभिक शिक्षा बिजनौर में हुई। 10वीं और 12वीं में उन्हें करीब 60 फीसदी अंक मिले। इसके बाद उन्होंने नोएडा की शारदा यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग की डिग्री ली। लेकिन उन्होंने पहले ही यह सोच लिया था कि उन्हें सिविल सर्विस की परीक्षा में सफलता हासिल करनी है और आईएएस बनना है। 

शुरू की तैयारी
साल 2013 से उन्होंने इस परीक्षा के लिए तैयारी शुरू कर दी। इसमें उन्हें फैमिली का पूरा सहयोग मिला। जुनैद ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया की रेजिडेंशियल कोचिंग से परीक्षा की तैयारी में मदद ली। इसका उन्हें काफी फायदा मिला। जुनैद बताते हैं कि वे सुबह जल्दी जाग कर 5 बजे से ही परीक्षा की तैयारी के लिए पढ़ाई में लग जाते थे और अपने दूसरे काम निपटाते हुए 11-12 बजे तक पढ़ते थे। जुनैद का कहना है कि इस दौरान वे जिम भी जाते थे और कभी-कभी फिल्में भी देख लेते थे, लेकिन उन्होंने पूरा फोकस तैयारी पर रखा।

NCERT की किताबों को बताया बेस्ट
रोज 9-10 घंटे तक परीक्षा की तैयारी करने वाले जुनैद ने एनसीईआरटी की किताबों को बहुत बढ़िया बताया। उनका कहना था कि इन किताबों से आधारभूत जानकारी मिल जाती है। उन्होंने कहा कि जनरल स्टडीज या ऑप्शनल सब्जेक्ट की तैयारी में उन्हें एनसीईआरटी की किताबों से बहुत मदद मिली। इस परीक्षा की तैयारी करने वाले कैंडिडेट्स को भी वे एनसीईआरटी की किताबें पढ़ने की सलाह देते हैं। जुनैद बताते हैं कि उनका सबसे प्रिय विषय जियोग्राफी था। बाकी विषयों की तैयारी भी उन्होंने ठीक से की। जुनैद का कहना है कि इस परीक्षा में सफलता का मूल मंत्र यही है कि एक-दो बार असफल होने पर प्रयास करना नहीं छोड़ें। उन्होंने कहा कि वे खुद पांचवें प्रयास में सफल हुए। अगर वे अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित नहीं होते तो जॉब के दूसरे ऑप्शन उनके पास थे, लेकिन उन्होंने जो संकल्प कर लिया था, उसे मेहनत की बदौलत पूरा कर ही लिया।