सार
आईआईटी खड़गपुर के स्नातक ने एक ऐसा उपकरण बनाने का दावा किया कि जिसे जब वाहनों के साइलेंसर पाइप के पास फिट किया जाएगा तो वह वायु प्रदूषण पर लगाम लगाएगा। छात्र ने इसे ‘‘पीएम 2.5’’ नाम दिया है। आईआईटी खड़गपुर के मैकेनिकल इंजीनियरिंग स्नातक देवयान साहा ने दावा किया।
नई दिल्ली. आईआईटी खड़गपुर के स्नातक ने एक ऐसा उपकरण बनाने का दावा किया कि जिसे जब वाहनों के साइलेंसर पाइप के पास फिट किया जाएगा तो वह वायु प्रदूषण पर लगाम लगाएगा। छात्र ने इसे ‘‘पीएम 2.5’’ नाम दिया है। आईआईटी खड़गपुर के मैकेनिकल इंजीनियरिंग स्नातक देवयान साहा ने दावा किया। उन्होंने कहा कि इस उपकरण को जब कार में लगाया जाएगा तो यह अपने आसपास 10 कारों से निकलने वाले प्रदूषण के असर को खत्म कर सकता है।
'मिट्टी की तरह जमीन पर सुरक्षित गिर जाते हैं'
एम्स में शोधार्थी रहे साहा ने कहा, ‘‘हमारे द्वारा विकसित की गई तकनीक में इलेक्ट्रिक ऊर्जा और तरंग ऊर्जा का इस्तेमाल कर पीएम 2.5 जैसे प्रदूषकों को इस हद तक प्रभावित किया जाता है कि वे वातावरण से अन्य प्रदूषक कणों को आकर्षित करने वाले चुम्बक की तरह काम करते हैं। जैसे ही उनका आकार बड़ा होता है तो वे भारी हो जाते हैं और मिट्टी की तरह जमीन पर सुरक्षित गिर जाते हैं।’’
उन्होंने कहा कि प्रदूषण की समस्या का गहरायी से अध्ययन करने के बाद उन्होंने पाया कि असली कसूरवार पीएम 2.5 नहीं है बल्कि उसका सूक्ष्म आकार है जिसके कारण वह हमारे फेफड़ों और खून में आसानी से घुस जाता है। साहा अपने उत्पाद का वाणिज्यिक दृष्टि से उपयोग करने के लिए विभिन्न संगठनों से बातचीत कर रहे हैं।