सार
यूपीएससी द्वारा आयोजित की जाने वाली सिविल सर्विस की परीक्षा में कई कैंडिडेट्स तो प्रिलिम्स और मेन्स एग्जाम में पास कर जाते हैं, लेकिन इंटरव्यू में उनसे कभी ऐसे सवाल पूछ लिए जाते हैं कि उसका जवाब दे पाना मुश्किल हो जाता है।
करियर डेस्क। यूपीएससी द्वारा आयोजित की जाने वाली सिविल सर्विस की परीक्षा में कई कैंडिडेट्स तो प्रिलिम्स और मेन्स एग्जाम में पास कर जाते हैं, लेकिन इंटरव्यू में उनसे कभी ऐसे सवाल पूछ लिए जाते हैं कि उसका जवाब दे पाना मुश्किल हो जाता है। दरअसल, इंटरव्यू में पूछे जाने वाले सवालों का मकसद कैंडिडेट का प्रेजेंस ऑफ माइंड जानना होता है। इंटरव्यू के दौरान ही कैंडिडेट की पर्सनैलिटी का आकलन किया जाता है। इसलिए सिविल सेवा की परीक्षा में सफल उम्मीदवारों का कहना है कि इंटरव्यू के दौरान सेल्फ कॉन्फिडेंस हमेशा बनाए रखना चाहिए। इंटरव्यू के दौरान कई सवाल सिर्फ कैंडिडेट्स के आत्मविश्वास को परखने के लिए किए जाते हैं। कई सवाल तो ऐसे होते हैं कि अच्छा-खासा आदमी चकरा जाए।
राजस्थान के रहने वाले अक्षत जैन ने साल 2018 की यूपीएससी की परीक्षा में दूसरी रैंक हासिल की थी। उन्होंने अपने इंटरव्यू के बारे में बताया कि उनसे तरह-तरह के सवाल पूछे गए। इंटरव्यू बोर्ड में बैठे अधिकारियों ने जनरल नॉलेज, उनकी हॉबी और कई दूसरे सवाल भी पूछे। उनके कॉलेज के दिनों से जुड़े अनुभवों के बारे में भी उनसे बताने को कहा गया। उन्होंने सारे सवालों के जवाब दिए। सभी उनके जवाब से संतुष्ट भी थे।
अक्षत जैन बताते हैं कि इसके बाद उनसे एक ऐसा सवाल पूछा गया कि उनका दिमाग चकरा गया। उनसे पूछा गया कि पानी की जो बोतल रखी हुई है, उसके ढक्कन का आकार सर्कुलर है, जबकि बोतल का आकार ऐसा नहीं है। उनसे कहा गया कि क्या वे इसकी वजह जानते हैं। अक्षत कहते हैं कि उन्हें इसका जवाब नहीं मालूम था। इसलिए बिना देर किए उन्होंने साफ कह दिया कि इसकी वजह नहीं पता। फिर उनसे आगे इसके बारे में कोई सवाल नहीं किया गया। अक्षत जैन ने कहा कि दरअसल बोर्ड के मेंबर्स कैंडिडेट का सेल्फ कॉन्फिडेंस जानने के लिए ऐसे सवाल करते हैं। इसलिए किसी सवाल का जवाब नहीं मालूम तो साफ कह देना चाहिए। गोलमोल जवाब देने या घबरा जाने से अच्छा असर नहीं पड़ता है। गलत जवाब देने से बेहतर है यह बताना कि इस सवाल का जवाब नहीं मालूम।