सार

हाल ही में इंडियन स्टैटिस्टकल इंस्टीट्यूट (ISI), कोलकाता में मैथ की प्रोफेसर नीना गुप्ता को गणित के क्षेत्र में सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों में से एक रामानुजन पुरस्कार मिला है।

करियर डेस्क.  भारत में हर साल 22 दिसंबर को नेशनल मैथमेटिक्स डे (National Mathematics Day) के रूप में मनाया जाता है।  महान गणितज्ञ रामानुजन (Srinivasa Ramanujan) के सम्मान में उनके जन्मदिन 22 दिसंबर को नेशनल मैथमेटिक्स डे के रूप में मनाए जाने की घोषणा की गई थी। वहीं, रामानुजन पुरस्कार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 45 वर्ष से कम आयु के गणितज्ञों को क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट कार्य को स्वीकार करने के लिए दिया जाता है। इसकी स्थापना 2004 में हुई थी और पहली बार 2005 में ब्राजील के गणितज्ञ मार्सेलो वियाना को मिला था। इस यह सम्मान इंडियन गणितज्ञ नीना गुप्ता को दिया गया है। आइए जानते हैं नीना गुप्ता से पहले किसे मिला है ये सम्मान। 

हाल ही में इंडियन स्टैटिस्टकल इंस्टीट्यूट (ISI), कोलकाता में मैथ की प्रोफेसर नीना गुप्ता को गणित के क्षेत्र में सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों में से एक रामानुजन पुरस्कार मिला है। इस पुरस्कार का पूरा टाइटल रामानुजम प्राइज फॉर यंग मैथमेटिशियन है। अलजेब्रिक जियोमेट्रो और कम्यूटेटिव अल्जेब्रा में शानदार कार्य के लिए नीना गुप्ता को ‘विकासशील देशों के युवा गणितज्ञों का 2021 DST-ICTP-IMU रामानुजन पुरस्कार’ दिया गया है।

कौन हैं नीना गुप्ता
वह रामानुजन पुरस्कार जीतने वाली चौथी भारतीय और तीसरी महिला हैं।
उन्हें पहले 2019 में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के लिए शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार मिला था।
उन्होंने 2014 में भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी का युवा वैज्ञानिक पुरस्कार भी जीता था।
उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा डनलप के खालसा हाई स्कूल से की थी, तब से उनकी गणित में गहरी रुचि थी।

किन इंडियन को मिला है ये सम्मान
इससे पहले तीन भारतीय गणितज्ञ को यह सम्मान दिया जा चुका है। सुजाता रामदोरई (2006), अमलेंदु कृष्णा (2015) और ऋतब्रत मुंशी (2018) में ये सम्मान पा चुके हैं। 
सुजाता रामदोरई- सुजाता रामदोरई का जन्म 23 मई 1962 में हुआ। रामदोरई ने 1982 मे सेंट जांसेफ कॉलेज बैंगलूरु मे अपनी बीएससी पूरी की।  भारतीय गणितज्ञ रामदोराई सुजाता को 2006 में इस सम्मान सम्मानित किया गया था। 
अमलेंदु कृष्णा - बीजगणितीय के-सिद्धांत, बीजीय चक्र और उद्देश्यों के सिद्धांत के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए उन्हें बहुमूल्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उन्हें 2015 में यह सम्मान मिला था।

ऋतब्रत मुंशी- इन्हें 2018 में यह सम्मान मिला था। उनके काम का फोकस आधुनिक संख्या सिद्धांत के केंद्र में था, जो अंकगणितीय ज्यामिति, प्रतिनिधित्व सिद्धांत और जटिल विश्लेषण को कई गहन तरीकों से जोड़ता है।  

किसे मिलता है रामानुजन अवार्ड
रामानुजन अवार्ड विकासशील देशों के युवा मैथमेटिशियन को साल 2005 के बाद से हर वर्ष प्रदान किया जाता है। इस अवार्ड को, ‘अब्दुस सलाम इंटरनेशनल सेंटर फॉर थियोरेटिकल फिज़िक्स’ द्वारा भारत सरकार के ‘विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग’ तथा अंतरराष्ट्रीय गणितीय संघ (IMU) के साथ संयुक्त रूप से प्रदान किया जाता है। यह पुरस्कार हर साल 31 दिसंबर को विकासशील देश के उन शोधकर्ताओं को दिया जाता है, जिन्होंने अपने क्षेत्र (मैथ्स के क्षेत्र) में उत्कृष्ट काम किया हो और उनकी उम्र 45 या उससे कम हो। गणितीय विज्ञान की किसी भी शाखा में काम करने वाले शोधकर्त्ता इसके पात्र हैं।

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