सार

स्कूल दिनों में हम बच्चों को थोड़े समय के लिए मोबाइल देते हैं लेकिन अब उसके पास बड़ी वजह है- ऑनलाइन क्लास। इनके लिए वो मोबाइल-लैपटॉप लंबे समय अपने पास रख सकता है। ऐसे में वो किसी गलत वेबसाइट्स पर न चला जाएं इसका ध्यान पैरेंट्स को रखना होगा।

करियर डेस्क: कोरोना वायरस के कारण महामारी ने पूरे देश में तालाबंदी करवा दी। ऐसे में स्कूल-कॉलेज पूरी तरह बंद है। कई राज्यों में बोर्ड एग्जाम बीच में ही रूकवाने पड़े। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि चार महीने से लागू लॉकडाउन के कारण बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। हालांकि सरकार ने बोर्ड और वार्षिक परीक्षाओं को पोस्टपोन किया है। भविष्य में हालात सामान्य होने पर परीक्षाएं करवाई जाएंगी। भोपाल में 9 जून से बोर्ड की परीक्षाएं शुरू हो गईं। परीक्षाओं के बीच लॉकडाउन में तैयारी को लेकर एशियानेट न्यूज हिंदी (Asianet News Hindi) बच्चों के लिए ऑनलाइन स्टडी को लेकर कुछ खास टिप्स लेकर आया है।

इसके लिए हमने 50, 000 से ज्यादा बच्चों को भविष्य संवार चुके और भोपाल की कई टॉप यूनिवसर्टीज में एकेडैमिक सेवाएं दे रहे प्रोफेसर संदीप जैन (Professor Sandeep Jain) से बातचीत की। संदीप जैन गणित (Maths) के स्पेशलिस्ट हैं और कई विदेशी कॉलेज में भी ऑनलाइन पढ़ा रहे हैं। चंद शब्दों में उनका परिचय देना मुश्किल है। उन्होंने स्कूल स्टूडेंट्स (School Students)  प्रतियोगी परीक्षाएं (Competitive Exam) की तैयारी से लेकर पैरेंट्स सपोर्ट तक के लिए लॉकडाउन में पढ़ाई के बेहतरीन टिप्स दिए-  

सवाल: क्या ऑनलाइन स्टडी के लिए एक प्रॉपर टाइम टेबल होना चाहिए ? 

जवाब: बिल्कुल, ये बहुत जरूरी है, इस लॉकडाउन और महामारी में बच्चों को समझना होगा कि ऑनलाइन सिर्फ सोशल मीडिया या गेमिंग में बिजी रहना नहीं है बल्कि ऑनलाइन स्टडी का एक प्रॉपर टाइम टेबल बनाना होगा। बच्चे ये फिक्स करें कितने घंटे वो यूट्यूब पर लेक्चर सुनेंगे, फिर ऑफलाइन किताबें पढ़ेंगे, अपना होमवर्क करेंगे। पूरे दिन में पढ़ाई मैनेज करने के लिए ऑनलाइन स्टडी टाइम टेबल बनाना चाहिए। बच्चे ऐसा करके खुद को भटकने से बचा सकते हैं और पढ़ाई का नुकसान भी नहीं होगा। मैनेजमेंट से एक स्मार्ट ऑनलाइल स्टडी होगी। 

सवाल: क्या ऑनलाइन स्टडी/ क्लास स्कूल गोइंग बच्चों के लिए बेनिफिशिएल है? 

जवाब: ऑनलाइन क्लास मैच्योर बच्चों के लिए बहुत बेनिफिशिएल है लेकिन स्कूल लेवल पर उतना नहीं। स्कूल गोइंग बच्चे के लिए ऑनलाइन स्टडी उतना उपयोगी नहीं हो सकता है। ये बात मैं 15 साल के टीचिंग अनुभव से कह रहा हूं बहुत से बच्चे ऑनलाइन स्टडी में कंफर्टेबल और सैटिसफाइड नहीं हैं। छोटे बच्चे को कॉपी-पेंसिल पकड़कर पढ़ाने की जरूरत होती है। ब्लैक-व्हाइट बोर्ड पर देखकर पढ़ने की ये आदत उनको हमने डाली हुई है। उसे वन टू वन क्लास की जरूरत है। छोटे-छोटे बच्चों को आप ऑनलाइन फोकस करवाकर पढ़ाई नहीं करवा सकते हैं, साथ ही वो अभी मैच्योर नहीं है जो टीचर के लेक्चर के बाद चीजें खुद से समझ सकें। उनके डाउट्स क्लियर नहीं हो पाए तो 1 डेढ़ घंटे की क्लास बेकार ही चली जाएगी।

ऑनलाइन क्लास में टाइम फिक्स है और छोटे बच्चों के डाउट्स क्लियर नहीं हो पाते हैं। हालांकि बहुत से एप्स और ऑनलाइन क्लास इसे आसान बनाने की कोशिशों में लगी हैं। स्कूल किड्स की पढ़ाई के लिए ऑनलाइन क्लास के मुकाबले होम ट्यूटर मददगार हो सकते हैं। दूसरा पहलू ये भी है कि, कोरोना महामारी के बीच भविष्य में हमें ऑनलाइन स्टडी पर ही निर्भर रहना है ऐसे में इसे और फ्रेंडली बनाना होगा। ये मेरे व्यक्तिगत विचार हैं। 

सवाल: लॉकडाउन में बच्चों की पढ़ाई को लेकर पैरेंट्स के सपोर्ट के लिए क्या टिप्स देना चाहेंगे? 

जवाब: पैरेंट्स के लिए ये एक सुनहरा मौका है जब वो अपने बच्चों की ग्रोथ होते खुद देख सकते हैं। भूखे-प्यासे पसीने से लधथपथ स्कूल से लौटते बच्चे देखते रहने की आदत रही है अब ऐसा नहीं है। बच्चे आपके सामने है उसके भविष्य को संवारने में मदद करें। ऑनलाइन क्लास के बाद डाउट्स क्लियर करने में हेल्प कर सकते हैं, सिलेबस के अलावा अच्छी किताबें पढ़ने को सजेस्ट करें। 

प्रमोट किए गए बच्चों को अगली क्लास का सिलेबस थोड़ा-थोड़ा करके ऑनलाइन बुक्स पढ़ाना शुरू कर सकते हैं। बड़े भाई बहन डाउट्स क्लियर करने में मदद करें। टाइम टेबल को फॉलो करवाने से लेकर बच्चों के मेंटल प्रेशर को भी कम करने की कोशिश करें। ऑनलाइन क्लास के समय घर का माहौल शांत-संतुलित रखें ताकि बच्चा डिस्टर्ब न हो और पढ़ाई को हल्के में न ले। 

सवाल: इंटरनेट टाइम कन्जयूमिंग है इसे बच्चे कैसे मैनेज करें? बच्चा भटक सकता है वो ऑनलाइन गेमिंग जैसे PUBG या किसी गलत वेबसाइट पर बिजी न हो जाए?

जवाब: लॉकडाउन के दौरान ये सवाल बेहद जरूरी हो गया है। स्कूल दिनों में हम बच्चों को थोड़े समय के लिए मोबाइल देते हैं लेकिन अब उसके पास बड़ी वजह है- ऑनलाइन क्लास। इनके लिए वो मोबाइल-लैपटॉप लंबे समय तक अपने पास रख सकता है। ऐसे में पढ़ाई के बहाने बच्चा किसी गलत वेबसाइट्स पर न चला जाएं इसका ध्यान पैरेंट्स को रखना होगा। गेमिंग, सोशल मीडिया, पोर्न साइट्स आदि को लेकर भी पैरेंट्स को अलर्ट रहकर बच्चों को संभालना होगा। ये जरूरी है क्योंकि बच्चा अभी उतना मैच्योर नहीं है वेबसाइट्स हजारों हैं लेकिन उससे उसे कितना और क्या कन्ज्यूम करना उसको अभी इतनी समझ नहीं है। ऐसे में इंटरनेट पर टाइम कन्जयूमिंग जैसे इशू लिए बच्चों को फिक्स टाइम के लिए फोन-लैपटॉप दें। 

सवाल: लॉकडाउन में घर पर बच्चे ऑनलाइन क्लास के प्रेशर को कैसे हैंडल करें? हाल में एक बच्चे ने ऑनलाइन क्लास न अटेंड कर पाने के कारण सुसाइड कर लिया था? 

जवाब: बच्चों को कोई प्रेशर लेने की जरूरत नहीं है, हर स्कूल-कॉलेज गोइंग बच्चे के हाथ में मोबाइल है। टेक फ्रेंडली हैं अधिकतर स्टूडेंट्स प्रमोट किए जा चुके हैं। ऐसे में पढ़ाई या साल खराब होने की टेंशन न पालें। ऑनलाइन क्लास को हल्के में न लें, फोकस होकर पढ़ाई करें, रेगुलर रहें। मोटिवेट रहें अच्छी किताबें पढ़ें। रिलेक्स करें कोरोना की वजह से अगर आपके करियर में गैप आता भी है तो ये जिंदगी से बढ़कर नहीं है। याद रखें, ये महामारी सिर्फ भारत में नहीं वैश्विक स्तर पर फैली है हमें मजबूत रहकर लड़ना है। 

सवाल:  जिन बच्चों के पास मोबाइल आदि की सुविधा नहीं है वो कैसे पढ़ाई मैनेज करें? 

जवाब: जिन बच्चों के पास मोबाइल लैपटॉप नहीं है वो ग्रुप ऑनलाइन क्लास ज्वाइन करें। आस-पड़ोस के बच्चे जिसके पास सुविधाएं हैं वे उनकी मदद करें। क्योंकि मैं बच्चों को ऑनलाइन क्लास दे रहा हूं तो बेहतर जानता हूं कि मोबाइल लैपटॉप के बिना बच्चे एब्सेंट रह जाते हैं और कई बार वे ऑनलाइन क्लास लेने में कंफर्टेबल भी नहीं रहते। ये वक्त इस गैप को खत्म करने और मदद करने का भी है। ऐसे में दूसरे बच्चों को उनकी मदद करनी होगी। स्कूल लेवल पर वंचित बच्चों को एक्स्ट्रा स्टडी टाइम और सुविधाएं मुहैया करवाने की कोशिश करनी चाहिए। 

सवाल: सरकारी नौकरी या कॉम्पटिटिव एग्जाम की तैयारी कर रहे बच्चों के लिए क्या टिप्स देंगे? 

जवाब: कॉम्पटिटिव एग्जाम, जैसे  यूपीसएसी सिविल सर्विस IAS, IPS बैंक, रेलवे, लॉ और मेडिकल आदि किसी भी एग्जाम की तैयारी कर रहे बच्चों को एग्जाम कैंसिल होने या ये साल खाली जाने का तनाव ज्यादा होगा। लेकिन याद रखें शेर दो कदम पीछे हटता है तो दोगुनी तेजी से आगे बढ़ने के लिए। इसलिए आपको इस मौके को गोल्डन अपॉर्चुनिटी की तरह लेना है। आप मैच्योर हैं और ऑनलाइन यूट्यूब, गूगल, ऑनलाइन एडुकेशन एप्स पर सारा मैटेरियल मौजूद है तो आप इसे कन्जयूम करें। आप घर हैं कोई आपको डिस्टर्ब करने वाला नहीं है जीरो ट्रैवल करना पड़ रहा है। ऐसे में आप प्रॉपर टाइम टेबल के साथ सेल्फ स्टडी से अपनी तैयारी 100 फीसदी पुख्ता कर सकते हैं। 

ऑनलाइन क्लास के बहतरीन ऑप्शन तलाशें फायदा उठाएं, ज्यादा से ज्यादा मॉक टेस्ट दें। हां इस समय कोई डेडलाइन नहीं है तो आप खुद की मेंटल हेल्थ पर भी ध्यान दे सकते हैं, चिल रहकर अपनी तैयारी जीत की शुरू कर दें। पढ़ाई के प्रेशर में रिलेक्स होने के लिए छोटी-मोटी वेब सीरिज देखें या फैमिली मेंबर-दोस्तों से बात करें।

सवाल: कहा जाता है कि एक टीचर सारी जिंदगी स्कूल जाता है तो टीचर होने के नाते इतनी लंबी छुट्टी को कैसे एंजॉय कर रहे हैं?

जवाब: ये समय सिर्फ बच्चों के लिए ही नहीं बल्कि टीचर्स के लिए भी चुनौती लेकर आया है। स्कूल नहीं जाएंगे कॉपी-पेन पकड़कर लेक्चर नहीं देंगे तो कैसे पढ़ाया जाएगा? स्कूल जाकर वन टू वन क्लास लेने वाले शिक्षक वर्क फ्रॉम होम कैसे करेंगे? ये सवाल ऑनलाइन क्लास देने वाले टीचर्स के मन में भी उठे हैं। इस पीरियड में मैं अनलिमिटेड स्टडी कर पा रहा हूं।

इसलिए इस समय मैं सीख रहा हूं, नई तकनीक और नए विषयों को। जो टॉपिक जो विषय मुझसे छूट गए थे जिनमें मुझे महारथ हासिल करनी थी उनके लिए समय निकालकर पढ़ रहा हूं। इस समय मैं मेटा फिजिक्स, क्वांटम फिजिक्स और यौगिक साइंस जैसे विषयों पर बात कर पा रहा हूं जबकि ये मेरे विषय नहीं हैं। दुनिया में जो बेस्ट टीचर इन विषयों पर बात करते हैं मैं खुद उनसे ऑनलाइन क्लास ले रहा हूं।