सार

लिवजोत सिंह अरोड़ा अभी कक्षा 5 में पढ़ते हैं लेकिन उनके आईक्यू के आधार पर वर्तमान एकेडमिक वर्ष में उन्हें 10वीं की परीक्षा में बैठने की अनुमति दी गई है।

करियर डेस्क. क्या आपने सुना है कि 5वीं कक्षा के बच्चे को बोर्ड परीक्षा में बैठने दिया जाए। नहीं? तो यहां छत्तीसगढ़ से ऐसा मामला सामने आया है। सरकार ने 11 साल के बच्चे को इस काबिल माना है कि वो 10वीं बोर्ड की परीक्षा का सामना करे। इस बच्चे को थ्री इडियट्स फिल्म का रैंचो कहा जा रहा है। 

ये हैं दुर्ग जिले के संतरा बाड़ी में रहने वाले लिवजोत सिंह अरोड़ा (Livjot Singh Arora) जिन्हें दसवीं बोर्ड एग्जाम (10th board Exam) देने का मौका दिया जाएगा। 11 साल लिवजोत अभी कक्षा 5 में पढ़ते हैं लेकिन उनके आईक्यू (IQ) के आधार पर साल 2021 एकेडमिक वर्ष में उन्हें 10वीं की परीक्षा में बैठने की परमिशन दी गई है।

राज्य के जन संपर्क विभाग के अधिकारी ने कहा, “राज्य में यह पहला मामला है जब 12 साल से कम उम्र के किसी बच्चे को कक्षा दस की परीक्षा में बैठने का मौका दिया जा रहा है।”

16 वर्ष के बच्चे के बराबर है IQ

आधिकारिक जानकारी के अनुसार, लिवजोत ने बोर्ड को आवेदन सौंपा था कि वह सत्र 2020-21 के लिए कक्षा दस की बोर्ड परीक्षा देना चाहता है। बताया गया कि दुर्ग जिला अस्पताल में बच्चे के आईक्यू की जांच की गई जिसमें पता चला कि उसका आईक्यू 16 साल के लड़के के बराबर है। इसी के आधार पर समिति ने यह फैसला लिया दसवीं की परीक्षा देने के काबिल हैं।

अन्य राज्यों में भी हो चुका है ऐसा

इसके पहले मणिपुर में नौ वर्ष और 12 वर्ष, बिहार में 9 वर्ष के बच्चे को कक्षा दसवीं की परीक्षा उत्तीर्ण करने का अवसर मिल चुका है। माध्यमिक शिक्षा मंडल के सचिव प्रोफेसर वीके गोयल ने कहा कि दुर्ग के कक्षा पांचवीं के छात्र लिवजोत सिंह अरोरा के आवेदन पर उनके आइक्यू का टेस्ट कराया गया। इसके बाद परीक्षाफल समिति की सहमति ने यह फैसला लिया कि वह दसवीं की परीक्षा दे सकते हैं।