चंडीगढ़. जिंदगी जीने और कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो 94 की उम्र में आया बुढ़ापा भी लाचार नहीं बना सकता। इस बात को साबित कर दिखाया है चंडीगढ़ की एक दादी है जो लोगों को अपने हाथों के लाजवाब स्वाद की दीवाना बना रही हैं। 94 साल की इन दादी मां का एक ही दुख था कि जिंदगी तो बहुत मजे से जी ली लेकिन कभी खुद से पैसे नहीं कमाए। ये बात उन्होंने अपनी बेटी से बातों-बातों में कह दी और बेटी ने उनके टैलेंट को दुनियाभर में पहचान दिलवा दी। आज हम आपको जिंदादिल दादी की प्रेरणात्मक कहानी सुनाने जा रहे हैं। इस कहानी से आपको भी जिंदगी ने का नया जज्बा मिलेगा।
कई बार असफलता भी सफलता के लिए बड़ी प्रेरणा बन जाती है। कुछ लोग ऐसे होते हैं जो किसी हार के बाद हौसला खो देते हैं, वहीं कुछ उसे चुनौती के रूप में लेते हैं और सफल होकर दूसरों के लिए भी प्रेरणा के स्रोत बन जाते हैं।
नई दिल्ली. रविवार को 71वां गणतंत्र दिवस है। इससे पहले एक बार फिर कैप्टन तानिया शेरगिल चर्चा में हैं। वे गणतंत्र दिवस में परेड की कमान संभालेंगी। वे 147 जवानों वाले पुरुष कंटीजेंट का नेतृत्व करेंगी। इससे पहले तानिया ने सेना दिवस पर दिल्ली के करियप्पा परेड मैदान में पुरुषों की सभी टुकड़ियों का नेतृत्व कर इतिहास रचा है। तानिया गुरुवार को राजपथ पर हुई फुल ड्रेस रिसर्सल में भी नजर आईं। इस मौके पर हम उनसे जुड़ी कुछ खास बातें बता रहे हैं।
CBSE बोर्ड परीक्षा बेहद नजदीक हैं। ऐसे में कम समय में बच्चों को अपनी पढ़ाई पूरा करना है।एग्जाम के दिनों में आपको अपने खानपान पर पूरा ध्यान देना चाहिए।
नई दिल्ली. शारीरिक अपंगता कई बार मजबूत इरादों के सामने कमजोर पड़ जाती है। अगर इंसान ठान ले और मन के भीतर हौसला जगा ले कुछ कर गुजर जाने का तो दुनिया की सारी खुशियां और नेमतें उसके कदमों में होती हैं। ऐसी ही एक संघर्ष की कहानी है जो आपको भीतर तक झकझोर देगी। इस कहानी से देश का हर स्टूडेंट प्रभावित होगा। खासतौर पर यूपीएससी की तैयारी करने वाले छात्रों को ये कहानी जरूर जाननी चाहिए। ये कहानी है एक दृष्टिहीन शख्स की जिसने आंखों की रोशनी के बिना देश का बड़ा अधिकारी बनने का सपना देखा और उसे पूरा भी कर दिखाया।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने छात्रावास की नियमावली में संशोधन के फैसले को चुनौती देने वाली जेएनयू छात्र संघ की याचिका पर विश्वविद्यालय से जवाब मांगा।
इंडियन बैंक में स्पेशलिस्ट अफसरों के पदों के लिए वैकेंसी निकली है। इन पदों के लिए ग्रैजुएट उम्मीदवार अप्लाई कर सकते हैं।
सीबीएसई बोर्ड परीक्षा बेहद नजदीक हैं। ऐसे में कम समय में बच्चों को कैसे पढ़ाई करें। रिवीजन किसी सब्जेक्ट का करें। समय को कैसे मैनेज करें। साथ ही बच्चों की इस परीक्षा में अभिभावकों की क्या भूमिका है ये सब बता रहीं हैं
अगर इंसान अपना एक लक्ष्य तय कर ले और उसे हासिल करने के लिए ईमानदारी से पूरी मेहनत करे तो कोई मुश्किल उसकी सफलता में बाधक नहीं बन सकती।
नई दिल्ली. हर शख्स सफलता का सपना देखता है लेकिन उस सफलता का स्वाद चखने के लिए बहुत कम लोग ही मेहनत करते हैं। कहते हैं नो पेन नो गेन। ऐसे ही एक नौजवान ने देश की सुरक्षा करते-करते भी अपने उस सपने को साकार किया जिसे वो मन के भीतर जी रहा था। हम आपको बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) के एक जवान की कहानी सुनाने जा रहे हैं जिसने सीमा पर तैनात रहकर आईएएस बनकर दिखाया।