सार

कोरोना की वजह से महीनों से बंद स्कूलों को खोलने की शुरुआत हो चुकी है। अभी कई राज्यों में नौवीं से बारहवीं तक के स्टूडेंट्स के लिए स्कूल खोले जा रहे हैं। नवंबर से इनके क्लासेस रेगुलर करने की तैयारी चल रही है। ऐसे में अब राजस्थान सरकार ने इन बच्चों की फीस को लेकर बड़ी घोषणा की है। 

करियर डेस्क: कोरोना वायरस की वजह से मार्च के बाद से देश के स्कूल-कॉलेज बंद थे। कई बार पेरेंट्स ने इस  दौरान स्कूल फीस माफ़ी को लेकर सरकार से अर्जी लगाई जिसके बाद कई स्कूलों में सिर्फ ट्यूशन फीस ली है। अब नवंबर से कई राज्यों में नौवीं से लेकर बारहवीं तक की क्लासेस शुरू करने की तैयारी हो रही है। इसे लेकर राजस्थान सरकार ने एक अहम घोषणा की। सरकार ने इन बच्चों की फीस में चालीस प्रतिशत की कमी लाने का फैसला किया है। ये फैसला CBSE द्वारा तीस प्रतिशत फीस माफ़ करने के बाद सामने आया। सरकार ने तर्क दिया कि जब सिलेबस चालीस प्रतिशत कम हो गए हैं तो फीस में भी उतनी कटौती की जाएगी।  

अभिभावकों को राहत 
राजस्थान सरकार के इस फैसले का अभिभावकों ने स्वागत किया है। अभिभावक संघ का कहना है कि कोरोना की वजह से कई परिवारों को आर्थिक समस्या का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में फीस कम करने से बच्चों की पढाई प्रभावित नहीं होगी। राजस्थान सरकार ने एक कमिटी गठित की और अपना नया फैसला सुनाया। कमिटी ने इसके लिए CBSE के फैसले का उदाहरण दिया जिसने 30 प्रतिशत सिलेबस कम कर फीस भी 30 प्रतिशत कम कर दिए। 

फीस को लेकर कमिटी के अन्य फैसले 
राजस्थान सरकार ने फीस को लेकर जो कमिटी बनाई, उसने अन्य फैसले भी लिए। इसमें अभिभावकों को मासिक या त्रैमासिक फीस भरने की छूट होगी। साथ ही स्कूल फीस तभी वसूलेगी जब वो सारे टीचर्स और स्टाफ को सैलरी देगी। साथ ही किसी की छटनी नहीं करेगी। कमिटी ने ऑनलाइन क्लास के फीस को भी निर्धारित कर दिया है। ऑनलाइन क्लास के लिए 60 प्रतिशत फीस भरनी पड़ेगी। स्कूल अगले साल तक यूनिफॉर्म में भी कोई बदलाव नहीं कर पाएंगे। 

स्कूलों में नाराजगी 
राजस्थान सरकार के इस फैसले से निजी स्कूलों में रोष है। निजी स्कूलों के एसोसिएशन वाली कमेटी प्रोग्रेसिव एसोसिएशन स्कूल ऑफ राजस्थान ने कहा कि ये फैसला सही नहीं है। वैसे ही महीनों से स्कूल बंद थे। ऐसे में अब जब स्कूल खुल रहे हैं तो फीस घटाने से उन्हें और नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि वो सरकार के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। 

पहली से आठवीं तक पर कोई फैसला नहीं 
अभी सरकार ने पहली से आठवीं के लिए स्कूल खोलने पर कोई फैसला नहीं लिया है। इस कारण इनके फीस पर कोई भी डिसीजन नहीं लिया गया है। एक बार इसके डेट्स फाइनल होने के बाद इसपर फैसला लिया जाएगा।