सार
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (RBSE) के 12वीं आर्ट्स स्टूडेंट्स का रिजल्ट आज जारी हो गया है। स्टूडेंट्स बोर्ड की ऑफिशियल वेबसाइट पर परिणाम देख सकते हैं।
जयपुर. बारहवीं बोर्ड का परिणाम जारी कर दिया गया है। कुछ ही देर में सभी बच्चों को पता भी लग जाएगा कि किस विषय में उनके कितने नंबर आए हैं....। अब बहुत से छात्र ऐसे भी होंगे जिनकी नजर में उनका पर्चा अच्छा गया है, लेकिन गुरुजी ने नंबर कम दिए हैं...। कुछ ऐसे भी होंगे जो ये सोच रहे होंगे कि प्रश्नों के शॉर्ट उत्तर दिए थे फिर भी उम्मीद से ज्यादा नंबर आ गए....। ऐसे बहुत से सवाल होंगे परीक्षा में नंबरों से संबधित जो आपके दिमाग में होगें.... आईए इनका जवाब हम देते हैं कि परीक्षा में ज्यादा नंबर किसके आते हैं और ज्यादा नंबर कैसे लिए जाते हैं....? कॉपिंया जांच करने के लिए गुरुजी क्या फॉर्मूला अपनाते हैं...?
परीक्षा में गुरुजी इस तरह से करते हैं कॉपियां चैक
दरअसल बोर्ड की परीक्षाएं होने के बाद बोर्ड पर सबसे ज्यादा दबाव रहता है कि परीक्षाओं की उत्तर पुस्किाएं पूरी तरह से गोपनीय रखी जाएं और इन्हें गोपनीय तरीके से ही जांचा जाए। यही कारण है कि बोर्ड परीक्षाओं की सभी कॉपिंया कलेक्ट करने के बाद उनको सेफ हाउस में रखता है। उसके बाद हर जिले में उन टीचर्स को पहले ही चिहिंत कर लिया जाता है जिनसे कॉपियां चैक करानी हैं। फिर उन्हें कॉपिंया भेजी जाती हैं। कॉपिंया भेजने से पहले उसका प्रथम पेज निकालकर बोर्ड रख लेता है और उसकी जगह एक विशेष कोर्ड लगाता हैं। जिसकी जानकारी सिर्फ बोर्ड को ही होती हैं। ऐसा इसलिए किया जाता है कि ताकि किसी तरह से बेईमानी की गुजाईश नहीं रहें। उसके बाद टीचर्स को सवालों के जवाब की एक लिस्ट दी जाती है। इस लिस्ट में कुछ स्टैप अलग से लिखे रहते हैं। इन पूरी स्टैप को फॉलो करने वालों को पूरे नंबर दिए जाते हैं। कॉपिंया चैक होकर आने के बाद बोर्ड रेंडम रूप से इनका मिलान करता है और उसके बाद ये परिणाम तैयार किए जाते हैं।
ये स्टैप होते हैं महत्वपूर्ण, पूरे नंबर दिलाते हैं
कॉपिंया चैक करने वाले शिक्षकों के अनुसार हर शिक्षक को एक मार्किंग शीट दी जाती है। इसी के आधार पर पूरे और कम नंबर मिलते हैं। प्रश्नों के सीधे उत्तर लिखने वालों को कम नंबर मिलते हैं जबकि इन उत्तर को हाईलाइट करने, डायग्राम बनाने और अलग से चिंहित करने वालों को पूरे नंबर दिए जाते हैं। बड़े उत्तर जांचने में परेशानी होती है। शिक्षकों के पास समय कम रहता है। ऐसे में बडे उत्तर पूरे नहंीं पढ़ पाने में कम नंबर मिल सकते हैं। साफ सफाई के अलग से नंबर देय नहीं होते लेकिन साफ और सुंदर लिखावट वाले उत्तर जल्दी पढने में आते हैं तो वे आपको पूरे नंबर जरुर दिला सकते हैं।