सार
शिक्षा मंत्री ने आगे बताया कि जनवरी महीने के अंत तक 100 रुपये प्रतिदिन की योजना शुरू की जाएगी। इससे बच्चियों को स्कूल में शामिल होने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। साथ ही स्कूल आने के लिए उनके पास यात्रा के लिए खर्च का पैसा रहेगा।
करियर डेस्क. लड़कियों की शिक्षा के लिए देश में साक्षरता मिशन के अलावा भी बहुत सी योजनाएं चलाई जाती हैं। महिला शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकारें भी समय समय पर प्रेरणात्मक योजनाएं चलाई जाती हैं। ऐसे ही अब असम में भी प्रदेश सरकार ने लड़कियों की शिक्षा के लिए एक जबरदस्त स्कीम की घोषणा की है।
रिपोर्ट के मुताबिक, असम में स्कूल जाने वाली हर छात्रा को कक्षाओं में शामिल होने के लिए प्रतिदिन 100 रुपये मिलेंगे। यह जानकारी असम के असम के शिक्षा मंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने दी। उन्होंने कहा कि बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए यह पहल की जा रही है।
जनवरी अंत से शुरू होगी योजना
शिक्षा मंत्री ने आगे बताया कि जनवरी महीने के अंत तक 100 रुपये प्रतिदिन की योजना शुरू की जाएगी। इससे बच्चियों को स्कूल में शामिल होने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। साथ ही स्कूल आने के लिए उनके पास यात्रा के लिए खर्च का पैसा रहेगा। वो इस पैसे को अपने पढ़ाई और स्कूल आने के लिए इस्तेमाल कर सकती हैं।
टॉपर लड़कियों को स्कूटर का ईनाम
100 रु. योजना के अलावा राज्य सरकार, 12वीं बोर्ड की परीक्षा प्रथम श्रेणी में पास होने वाली छात्राओं को प्रज्ञान भारती योजना के तहत 22,000 दोपहिया वाहन बांट रही है। इस योजना पर 144.30 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
शिक्षा मंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि सरकार उन सभी छात्राओं को स्कूटर मुहैया कराएगी, जो राज्य बोर्ड से प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुई हैं।
भले ही यह संख्या एक लाख के पार हो जाए। 2018 और 2019 में प्रथम श्रेणी में कक्षा 12 की परीक्षा उत्तीर्ण करने वाली सभी छात्राओं को भी स्कूटर प्रदान किए जाएंगे।
ग्रेजुएट छात्राओं के खातों में 2000
असम में ग्रेजुएशन के लिए भी छात्राओं को सरकार आर्थिक मदद दे रही है। शिक्षा मंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने बताया कि ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन की छात्राओं के बैंक खातों में जनवरी के अंत तक 1,500 रुपये और 2,000 रुपये की राशि जमा की जाएगी। यह राशि उनके किताब और अन्य अध्ययन सामग्री आदि की खरीदारी में मददगार होगी। उन्होंने आगे बताया कि दोनों वित्तीय प्रोत्साहन योजना पिछले साल ही शुरू होनी थी, लेकिन कोरोना के कारण शुरू नहीं हो सकी।