सार

ओडिशा में सब्जी विक्रेताओं, मछुआरों और वंचित तबकों से आने वाले लोगों के बच्चों को मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के लिए होने वाली 'नीट' परीक्षा की तैयारी कराने के लिए एक गैर सरकारी संगठन ने 'जीत जिंदगी' अभियान शुरू किया है
 

भुवनेश्वर: ओडिशा में सब्जी विक्रेताओं, मछुआरों और वंचित तबकों से आने वाले लोगों के बच्चों को मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के लिए होने वाली 'नीट' परीक्षा की तैयारी कराने के लिए एक गैर सरकारी संगठन ने 'जीत जिंदगी' अभियान शुरू किया है। यह वैसा ही अभियान है जैसा कि गणित के शिक्षक आनंद कुमार गरीब तबके के बच्चों को इंजीनियरिंग की परीक्षा की तैयारी कराने के लिए 'सुपर 30' चलाते हैं। 

गैरसरकारी संगठन ने  शुरू किया अभियान 

गैरसरकारी संगठन 'जिंदगी' ने ओडिशा में 'जीत जिंदगी' के नाम से वंचित तबके के बच्चों तक पहुंचने के लिए एक अभियान शुरू किया है। संगठन प्रमुख अजय बहादुर सिंह ने कहा, ''मैं कई मेधावी एवं प्रतिभाशाली युवाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव करने के लिए प्रतिबद्ध हूं।'' उन्होंने कहा, ''इस अभियान की शुरुआत यहां से हुई है। मैं राज्य के कई अन्य स्थानों और बाहर भी जाऊंगा ताकि उन प्रतिभाओं को मदद मिल सके जिन्हें संसाधन और उचित मार्गदर्शन की कमी के कारण मंजिल नहीं मिल पाती।''

14 विद्यार्थियों ने पास कर ली नीट की परीक्षा

सिंह ने कहा कि 'जिंदगी' को शुरू करने की प्रेरणा उन्हें अपने खुद के जीवन से मिली है दरअसल, ओडिशा के जिंदगी फाउंडेशन के मालिक अजय बहादुर सिंह खुद एक डॉक्टर बनना चाहते थे लेकिन पारिवारिक परिस्‍थतियों की वजह से उनका ये सपना पूरा नहीं हो सका। इसके बाद ही उन्‍होंने इस फाउंडेशन की शुरूआत की। यह संस्था नीट की तैयारी कर रहे वंचित छात्र-छात्राओं को भोजन, आवास, कोचिंग और पढ़ने की सुविधा मुफ्त में सुविधा मुहैया कराता है।। उन्होंने 2016 में गरीब बच्चों की मदद के लिए 'जिंदगी फाउंडेशन' की शुरुआत की। 2018 में इसके 14 विद्यार्थियों ने नीट परीक्षा पास कर ली और 12 को ओडिशा के मेडिकल कॉलेजों में दाखिला मिल गया।

(फाइल फोटो)