सार

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने सभी यूनिवर्सिटी के वाइंस चांलसर को एक लेटर लिखा है। बता दें कि भारत में कई राज्य के साथ-साथ केंद्रीय शिक्षा बोर्ड हैं जो डिजिटल दस्तावेज उपलब्ध करा रहे हैं। 

नई दिल्ली.  विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने कॉलेजों से डिजिलॉकर (DigiLocker) खाते में जारी किए गए दस्तावेजों में उपलब्ध डिग्री, मार्कशीट और अन्य दस्तावेजों को वैध दस्तावेजों के रूप में स्वीकार करने का अनुरोध किया है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (University Grants Commission) ने लेटर जारी कर कहा- यूजीसी सभी शैक्षणिक संस्थानों से डिजिलॉकर खाते में जारी किए गए दस्तावेजों में उपलब्ध डिग्री, मार्कशीट और अन्य दस्तावेजों को वैध दस्तावेजों के रूप में स्वीकार करने का अनुरोध करता है। 

यूजीसी ने अपने लेटर में कहा- एनएडी कार्यक्रम की पहुंच बढ़ाने के लिए, सभी शैक्षणिक संस्थानों से डिजिलॉकर खाते में जारी किए गए दस्तावेजों में उपलब्ध डिग्री, मार्कशीट और अन्य दस्तावेजों को वैध दस्तावेजों के रूप में स्वीकार करने का अनुरोध किया जाता है। 

 

 

डिजिलॉकर प्लेटफॉर्म  में मूल जारीकर्ता द्वारा डिजिलॉकर-एनएडी प्लेटफॉर्म के माध्यम से अपलोड किए जाने के बाद छात्रों की डिग्री, मार्क-शीट और अन्य दस्तावेजों को इलेक्ट्रॉनिक रूप में जारी किए गए दस्तावेज़ अनुभाग में खींचने की सुविधा है। डिजिलॉकर प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध ये इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के प्रावधानों के अनुसार वैध दस्तावेज हैं। 

बता दें कि भारत में कई राज्य के साथ-साथ केंद्रीय शिक्षा बोर्ड हैं जो डिजिटल दस्तावेज उपलब्ध करा रहे हैं। यहां तक कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड और कई विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों ने भी प्रमाण पत्र, स्थानांतरण प्रमाण पत्र जैसे डिजिटल दस्तावेज उपलब्ध कराना शुरू कर दिया है।

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