सार
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) ने कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) पर शुक्रवार तड़के रायपुर (Raipur) के महादेव घाट (Mahadev Ghat) पर स्नान किया और पवित्र डुबकी लगाई। कार्तिक माह की पूर्णिमा का विशेष महत्व है। इसे देव दिवाली (Dev Diwali) और गंगा स्नान (Ganga Snan) आदि के नाम से भी जाना जाता है।
रायपुर। छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) ने कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) पर शुक्रवार तड़के रायपुर (Raipur) के महादेव घाट (Mahadev Ghat) पर स्नान किया और पवित्र डुबकी लगाई। कार्तिक माह की पूर्णिमा का विशेष महत्व है। इसे देव दिवाली (Dev Diwali) और गंगा स्नान (Ganga Snan) आदि के नाम से भी जाना जाता है। हालांकि, हरिद्वार (Haridwar) के हर की पौड़ी घाट पर गुरुवार की रात ही देव दीपावली मनाई गई।
मुख्यमंत्री बघेल के साथ कई जनप्रतिनिधियों ने भी डुबकी लगाई। इनमें दूधाधारी मठ के महंत रामसुंदर दास, महापौर एजाज ढेबर समेत अन्य जनप्रतिनिधि थे। इसके बाद मुख्यमंत्री ऐतिहासिक हटकेश्वर महादेव मंदिर पहुंचे और दर्शन किए। इसके बाद आरती करके छत्तीसगढ़ की सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना की। बता दें कि पश्चिम विधानसभा के विधायक विकास उपाध्याय की देखरेख में रविवार की रात से ही यहां तैयारियां की जा रही थीं, ताकि मुख्यमंत्री के स्नान में किसी तरह की बाधा न आए।
आज ही चंद्रग्रहण लगेगा.. ये सबसे लंबा ग्रहण
शुक्रवार सुबह से श्रद्धालु गंगा नदी में स्नान कर देवालयों में पूजा-अर्चना करेंगे। बता दें कि आज ही देव दीपावली भी मनाई जाएगी। इसके अलावा आज ही चंद्रग्रहण भी लगने वाला है। भारत समेत दुनिया के कई देशों में यह सबसे लंबा चंद्र ग्रहण दिखाई देगा। 2021 का यह आखिरी चंद्र ग्रहण 580 सालों बाद सबसे लंबा चंद्र ग्रहण बताया गया है। यह आंशिक चंद्र ग्रहण होगा और 15वीं सदी के बाद सबसे लंबा चंद्र ग्रहण होगा। खगोलविदों का मानना है कि धरती से चंद्रमा की दूरी ज्यादा होने के कारण ग्रहण की अवधि ज्यादा रहेगी।
हर साल स्नान के लिए पहुंचते हैं बघेल
रायपुर स्थित ऐतिहासिक महादेव घाट में खारून नदी पर कार्तिक पूर्णिमा के शुभ मुहुर्त पर सूर्योदय के पहले प्रातः 4 बजे से कार्तिक स्नान शुरू हो गए थे। क्षेत्रीय विधायक विकास उपाध्याय लगातार कार्तिक पूर्णिमा को पूरे भक्ति भाव से छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत को जीवंत रखने मनाते आ रहे हैं। मुख्यमंत्री बघेल भी इस आयोजन में हर साल समय से पहले अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं और छत्तीसगढ़ वासियों को संदेश देते रहे हैं कि कार्तिक पूर्णिमा उनकी सांस्कृतिक विरासत है।
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