सार

सी-मार्ट में गौठानों में कार्यरत महिला-स्वसहायता समूह द्वारा तैयार विभिन्न तरह के उत्पाद समेत गांवों में बनने वाले अनेक तरह के उत्पादों को एक छत के नीचे बिक्री के लिए उपलब्ध होंगे। इससे ग्रामीण स्तर पर रोजगार के साधन बढ़ेंगे। 

सुकमा : छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने बुधवार को अपने प्रदेशव्यापी भेंट मुलाकात कार्यक्रम के द्वितीय चरण में सुकमा (Sukma) पहुंचे। जहां उन्होंने जिला मुख्यालय में 58 लाख की लागत से बने सी-मार्ट (छत्तीसगढ़ मार्ट) का लोकार्पण किया और फर्स्ट कस्टमर भी बने। सीएम ने मार्ट से कोदो, कुटकी, रागी, सुगंधित चावल, तिखुर, मसाले की खरीदारी कर मार्ट की बोहनी कराई और। इस दौरान उन्होंने 1348 रुपए का सामान खरीदा। उन्होंने ने सी-मार्ट से खरीदारी की रसीद भी प्राप्त की। जिला मुख्यालय में बस स्टैंड के समीप अब एक ऐसी दुकान का संचालन होगा, जहां एक ही छत के नीचे सुकमा की जनता को स्थानीय तौर पर बनाए गए ढेरों उत्पाद मिलेंगे। मुख्यमंत्री ने नवनिर्मित सी-मार्ट का के सभी उत्पादों का अवलोकन किया और संचालकों से उत्पादों के संबंधध में जानकारी ली। सी मार्ट का संचालन समिति शक्ति महिला समूह ग्राम संगठन द्वारा किया जा रहा है।

सी-मार्ट में सीएम बघेल
सुकमा सी मार्ट में जिले में कार्यरत 35 स्व सहायता समूह द्वारा बनाए जा रहे स्थानीय उत्पाद जैसे शबरी मसाले, शबरी फूड्स, महुआ, काजू, कास्मेटिक, डेली नीड में समान, साबुन, फिनॉइल,  हाइजीन प्रोडक्ट्स जैसे सेनेटरी नैपकीन आदि,  बनोपज से निर्मित उत्पाद, अश्वगंधा चूर्ण, गिलोय, मुलेठी जैसे वन औषधि, एलोवेरा, महुआ। आमला, महुआ लड्डू आदि से लेकर दैनिक उपयोग की वस्तुएं, कुल 81 उत्पाद मार्ट में वर्तमान समय में उपलब्ध हैं। सुकमा सी-मार्ट का संचालन शक्ति महिला समूह ग्राम संगठन ग्राम रामाराम द्वारा किया जाएगा।

ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती पर जोर
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने की दिशा में अनेक प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ सरकार ने महिला स्व-सहायता समूहों, शिल्पकारों, बुनकरों, दस्तकरों, कुम्भकरों और अन्य पारंपरिक एवं कुटीर उद्योगों द्वारा निर्मित उत्पादों को एक ही छत के नीचे विक्रय करने के लिए सकारात्मक पहल है। सी-मार्ट में गौठानों में कार्यरत महिला-स्वसहायता समूह द्वारा तैयार विभिन्न तरह के उत्पाद समेत गांवों में बनने वाले अनेक तरह के उत्पादों को एक छत के नीचे बिक्री के लिए उपलब्ध होंगे। इससे ग्रामीण स्तर पर रोजगार के साधन बढ़ेंगे। सी-मार्ट महिला स्व-सहायता समूहों के सदस्यों के लिए आत्मनिर्भर बनने की राह में मील का पत्थर साबित होगा। उनसे उनकी आमदनी में बढ़ोतरी होगी और आर्थिक स्थिति सुधरेगी।

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