सार
छत्तीसगढ़ में सांप के काटने से एक 12 वर्ष के बच्चे को इतना गुस्सा आया कि उसने भी सांप को दो बार काट लिया। इससे सांप लहुलूहान हो गया। घटना में बच्चा तो बिल्कुल स्वस्थ है, लेकिन सांप की मौत हो गई है।
जशपुर(chhattisgarh). सांप का नाम सुनते ही लोग डर से कांप उठते हैं। लेकिन छत्तीसगढ़ में सांप के काटने से एक 12 वर्ष के बच्चे को इतना गुस्सा आया कि उसने भी सांप को दो बार काट लिया। इससे सांप लहुलूहान हो गया। घटना में बच्चा तो बिल्कुल स्वस्थ है, लेकिन सांप की मौत हो गई है। इस घटना के बाद आस-पास के गांव के लोग बच्चे को देखने उसके घर पहुंच रहे हैं।
छत्तीसगढ़ में नागलोक के नाम से विख्यात जशपुर जिले के रहने वाले पहाड़ी कोरवा जनजाति के 12 साल के बच्चे दीपक राम को सांप ने काट लिया। सांप के काटने से एक बच्चे को इतना गुस्सा आया कि उसने भी सांप को दो बार काट लिया। इससे सांप लहुलूहान हो गया और उसकी मौत हो गई। बच्चे को इलाज के अस्पताल ले जाया गया जहां इलाज के बाद वह बिलकुल स्वस्थ है।
बहन के घर गया था बच्चा
12 साल के बच्चे दीपक राम के मुताबिक कि वो अपनी बहन के घर बगीचा विकासखंड के पंडरापाठ खेलने के लिए गया हुआ था। उसी दौरान एक नाग ने उसके हाथ में काट लिया। नाग ने उसके हाथ को भी जकड़ लिया था। इससे उसे बहुत गुस्सा आया और उसने भी बदले में नाग को अपने दांतों से दो बार काट लिया, जिससे उसकी चमड़ी अलग हो गई। सांप को गहरा घाव लगा और उसने वहीं मौके पर ही दम तोड़ दिया। बच्चे को इलाज के अस्पताल ले जाया गया जहां इलाज के बाद वह बिलकुल स्वस्थ है।
सांप को लेकर है ये अंधविश्वास
जशपुर जिले में सांप को लेकर ये अंधविश्वास भी है कि अगर वहां किसी सांप ने काट लिया और अगर उसने भी बदले में उसे काट लिया, तो फिर सांप के विष का उसके शरीर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। जशपुर जिले के फरसाबहार तहसील से लगे इलाकों को नागलोक के नाम से जाना जाता है। जिले के तपकरा, पत्थलगांव और इसके आसपास के गांवों में किंग कोबरा और करैत जैसे बेहद विषैल सांप पाए जाते हैं।