सार

कोरोना को लेकर पूरी दुनिया के वैज्ञानिक शोध में जुटे हुए हैं। अमेरिकी रक्षा मुख्यालय पेंटागन के वैज्ञानिकों ने कोरोना की पहचान करने वाली एक माइक्रोचिप विकसित की है। माइक्रोचिप की सहायता से मनुष्य के शरीर में कोरोना वायरस को डिटेक्ट किया जा सकता है। सबसे अहम यह कि माइक्रोचिप कोरोना वायरस को डिटेक्ट करने के साथ खून को फिल्टर कर शरीर से बाहर निकालने में भी मदद करेगा। 

पेंटागन। कोरोना को लेकर पूरी दुनिया के वैज्ञानिक शोध में जुटे हुए हैं। अमेरिकी रक्षा मुख्यालय पेंटागन के वैज्ञानिकों ने कोरोना की पहचान करने वाली एक माइक्रोचिप विकसित की है। माइक्रोचिप की सहायता से मनुष्य के शरीर में कोरोना वायरस को डिटेक्ट किया जा सकता है। सबसे अहम यह कि माइक्रोचिप कोरोना वायरस को डिटेक्ट करने के साथ खून को फिल्टर कर शरीर से बाहर निकालने में भी मदद करेगा। 

किसने विकसित किया यह माइक्रोचिप

रक्षा मुख्यालय पेंटागन में इस नई तकनीक को डिफंेस एडवांस रिसर्च प्रोजेक्ट एजेंसी ने विकसित किया है। इस टीम को महामारी विशेषज्ञ रिटायर्ड कर्नल डाॅ. मैट हैपबर्न ने लीड किया। 

दुनिया की अंतिम महामारी होगी कोविड 19ः डाॅ.हैपबर्न

डीएआरपीए के प्रमुख महामारी विशेषज्ञ डाॅ. मैट हैपबर्न ने दावा किया है कि कोविड-19 दुनिया की अंतिम महामारी साबित होने जा रही है। अब हम भविष्य में किसी भी प्रकार के जैविक या रासायनिक हमले से बचाव के लिए पूरी तरह सक्षम होने जा रहे हैं।

त्वचा के नीचे लगाया जाएगा चिप

डाॅ. हैपबर्न ने बताया कि माइक्रोचिप को शरीर के किसी भी हिस्से में त्वचा के नीचे लगाया जाना है। यह माइक्रोचिप मनुष्य के शरीर में होने वाली रासायनिक क्रियाओं को एनालिसिस करेगी तथा यह पता लगाने में सक्षम होगी कि कितने देर में मनुष्य संक्रमित होने वाला है। माइक्रोचिप में एक टिशू जैसा जेल होगा, जो खून की जांच रिपोर्ट लगातार देता रहेगा। 

कहीं से भी खून की जांच कर सकेंगे

माइक्रोचिप की सहायता से कहीं भी खून की जांच हो सकेगी। जांच रिपोर्ट महज 3 से 5 मिनट में मिल जाएगा। जांच रिपोर्ट तत्काल मिलने से संक्रमण से बचाव भी तेजी से किया जा सकेगा। 

फिल्टर मशीन भी विकसित

पेंटागन ने अपनी एक पैथालाॅजी संस्था की सहायता से एक डायलसिस मशीन भी विकसित की है। वायरस जहां है, यह मशीन तत्काल प्रभाव से वहां से वायरस को फिल्टर कर बाहर देगा। 

अमेरिका ने दी मंजूरी, अब होगा इस्तेमाल

महामारी विशेषज्ञ डाॅ.हैपबर्न ने बताया कि इसका टाॅयल भी किया जा चुका है। हमने पेशेंट-16 पर इसका प्रयोग किया। संक्रमण को खून से फिल्टर कर निकाल दिया गया और वह बिल्कुल स्वस्थ है। अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने इस मशीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है। 

1271 कोरोना संक्रमित सैनिकों पर हुआ प्रयोग

डाॅ.हैपबर्न ने बताया कि माइक्रोचिप व डाॅयलिसिस मशीन का इस्तेमाल हमने अमेरिकी जंगी बेडे थियोडर रूजवेल्ट के सैनिकों पर किया। यहां 1271 सैनिक एक साथ संक्रमित हो गए थे। यही नहीं इन सैनिकों के सहयोग से डाॅ.केवान मोजार्ड भी कोरोना वायरस बनाने के करीब हैं।