सार

कोरोना के नए वेरिएंट BF.7 (जिसे एक्सपर्ट ने BA.5.2.1.7 नाम दिया है) के चलते दुनियाभर में अपनी जीरो कोविड पॉलिसी(Zero-COVID Policy) के चलते सवालों के घेरे में आए चीन ने अपनी फजीहत रोकने एक नया बैन लागू किया है। चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग (NHC) ने रविवार(25 दिसंबर) से दैनिक COVID-19 केस डेटा प्रकाशित करना बंद करने की घोषणा कर दी।ब

वर्ल्ड न्यूज. कोरोना के नए वेरिएंट BF.7 (जिसे एक्सपर्ट ने BA.5.2.1.7 नाम दिया है) के चलते दुनियाभर में अपनी जीरो कोविड पॉलिसी(Zero-COVID Policy) के चलते सवालों के घेरे में आए चीन ने अपनी फजीहत रोकने एक नया बैन लागू किया है। चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग (NHC) ने रविवार(25 दिसंबर) से दैनिक COVID-19 केस डेटा प्रकाशित करना बंद करने की घोषणा कर दी। इसकी ड्यूटी अब चाइनीज सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (चीन की CDC) को सौंप दी गई है। पढ़िए पूरी डिटेल्स...

दुनिया से आंकड़े छुपाने की नई कोशिश, पढ़िए 15 बड़ी बातें
1. हालांकि आब्जरवर्स ने कहा कि महामारी के आंकड़ों की गणना किसी तकनीकी संगठन को सौंपना महामारी के पेशेवर आंकड़े मुहैया कराने का उचित कदम है।

2. NHC ने एक संक्षिप्त बयान में कहा, "एनएचसी अब रविवार से दैनिक महामारी डेटा(daily epidemic data) जारी नहीं करेगा। अब चीन की सीडीसी स्टडी और रिफरेंस के लिए स्पेसिफाइंग Covid​​-19 सूचना जारी करेगी।"

3. सदर्न मेडिकल यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के प्रोफेसर झाओ वेई(Zhao Wei, a professor in the School of Public Health, Southern Medical University) ने पीपुल्स डेली को बताया कि यह कदम इस बात का संकेत है कि हर दिन महामारी की जानकारी जारी करना पहले से ही अनावश्यक है। इस स्टेप से संबंधित अथॉरिटीज के अधिक रिसोर्सेज को क्लिनिकल ट्रीटमेंट जैसे अन्य महत्वपूर्ण चरणों को दूसरे को ट्रांसफर करने में भी मदद मिलेगी। यानी रिसोर्सेज बचेंगे।

4. झाओ वेई ने तर्क दिया कि महामारी की जानकारी जारी करना जनता के लिए एक रिफरेंस के रूप में काम करता है, ताकि वे उन जगहों पर जाने से बच सकें जहां संक्रमण का अधिक खतरा है। लेकिन जैसा कि महामारी फैल गई है, हर रोज सूचना जारी करना अनावश्यक हो जाता है।

5. झाओ वेई ने कहा कि भविष्य में देश गंभीर मामलों के इलाज और मृत्यु दर को कम करने पर अधिक ध्यान केंद्रित करेगा। झाओ के अनुसार, इन पहलुओं से संबंधित डेटा को अभी भी सटीक रूप से गणना और जारी किया जाना चाहिए।

6.ऐसा माना जाता है कि सीडीसी बड़े पैमाने पर मेडिकल इंस्टीट्यूशंस में क्लिनिकल डायग्नोसिस द्वारा रिपोर्ट किए गए COVID-19 डेटा पर निर्भर करेगा और महामारी के ओवरऑल एपिडेमिक ट्रेंड की मॉनिटरिंग करेगा। 

7. इसके अलावा, CDC ने अपने एपेडेमिक रिपोर्टिंग सिस्टम को फिर से परिपूर्ण करने के लिए नए निगरानी तंत्र की एक सीरिज तैयार की है। विशेषज्ञ ने ग्लोबल टाइम्स को बताया कि इसका एपेडेमिक रिपोर्टिंग सिस्टम डेटा को अधिक सटीक बनाने और संक्रमण के जोखिम और स्थानीय सरकारों की COVID-19 महामारी की प्रतिक्रिया को समझने के लिए एक संदर्भ के रूप में सर्विस देने का लक्ष्य रखती है।

8.वास्तविक संक्रमण दर को समझने में सहायता करने के लिए महत्वपूर्ण डेटा स्रोतों में से एक CDC द्वारा टेक्सट मैसेज और ऐप के माध्यम से किए गए ऑनलाइन सर्वेक्षण से आएगा। इसके अलावा, सीडीसी ने कुछ आबादी, कुछ क्षेत्रों और देश के बीच नए संक्रमणों की गणना करने के लिए सैम्पल सर्वे की व्यवस्था की है।

9.चीन के NHC ने 21 जनवरी, 2020 से डेली नई टैली जारी करना शुरू किया, जब महामारी विशेषज्ञों ने पाया कि वायरस मनुष्यों के बीच फैल सकता है। तब देश ने COVID-19 को क्लास बी संक्रामक बीमारी के रूप में वर्गीकृत करने का फैसला किया लेकिन ए श्रेणी की बीमारी की तरह प्रबंधित किया।

10. सभी स्तरों पर और सभी प्रकार के चिकित्सा संस्थानों को COVID-19 रोगियों या संदिग्ध संक्रमणों का निदान करने के बाद एक सटीक समय के भीतर चीन रोग निवारण और नियंत्रण सूचना प्रणाली( China disease prevention and control information system) के माध्यम से सीधे ऑनलाइन रिपोर्ट दर्ज करने की आवश्यकता होती है।

11. चीन के सीडीसी के करीबी विशेषज्ञ ने नाम न छापने की शर्त पर ग्लोबल टाइम्स को बताया कि देश भर के चिकित्सा संस्थान पिछले वर्षों में नए मामलों की रिपोर्ट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे हैं, लेकिन अब वे COVID-19 रोगियों की ट्रीटमेंट पर जोर दे रहे हैं, इसलिए 2 घंटे में नए मामलों की रिपोर्टिंग करना मुश्किल हो जाता है।

12.इधर, चीन में बढ़ते कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते भारत में भी हाईअलर्ट है। भारत सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अलर्ट जारी किया है। उनसे सावधानी बरतने और कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए सभी आवश्यक दिशानिर्देशों का पालन करने का आग्रह किया है। भारत भर के 600 से अधिक जिलों से एकत्रित आंकड़ों के अनुसार, जब कोरोनोवायरस पॉजिटिविटी रेट की बात आती है, तो 8 जिलों को भारत के लिए चिंता के क्षेत्रों के रूप में चिह्नित किया गया था। ये जिले तमिलनाडु और राजस्थान जैसे राज्यों से हैं।

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