सार
WHO की चेतावनी के बीच दक्षिण अफ्रीका से कोरोना का नए वैरिएंट ओमिक्रोन (new variant Omicron) का खतरा टल गया है। लिहाजा यहां से कर्फ्यू हटा लिया गया है। यहां हुए एक अध्ययन(study) में सामने आया है कि इस वैरिएंट से संक्रमित मरीजों के अस्पताल में भर्ती होने की संख्या में कोई वृद्धि नहीं हुई है।
नई दिल्ली. कोरोना का नए वैरिएंट ओमिक्रोन (new variant Omicron) को लेकर लगातार नई-नई स्टडी सामने आ रही हैं। इससे पता चलता है कि यह वैरिएंट डेल्टा के मुकाबले कम जानलेवा है। हालांकि दुनिया के कई देशों में Corona की तीसरी लहर आ चुकी है। कई देश चौथी लहर तक का सामना कर रहे हैं। इसे देखते हुए WHO चीफ टेडरोस एडनोम गेब्रियासिस (Tedros Adhanom Ghebreyesus) ने कोरोना महामारी को लेकर दुनिया को चेतावनी दी थी। खासकर, भारत में तीसरी लहर की आशंका जताई है। दुनियाभर में एक हफ्ते के अंदर कोरोना वायरस के 11% केस बढ़ गए हैं।
दक्षिण अफ्रीका से खतरा टला
ओमिक्रोन का पहला केस दक्षिण अफ्रीका में सामने आया था। हालांकि अब यहां संक्रमण का खतरा कम हुआ है। दक्षिण अफ्रीका से बाहर किए गए एक अध्ययन(study) से पता चला है कि कोरोनावायरस के मामलों में यहां कोई वृद्धि नहीं हुई है। इस वैरिएंट अस्पताल में भर्ती होने और मौतों में भी उछाल नहीं आया है।
इस स्टडी में दक्षिण अफ्रीका के शहर तशवेन(Tshwane) के मामले देखे गए। यहां कोरोना के मामलों में चौथी बार वृद्धि हुई है। यहां कोरोना तेजी से फैला लेकिन शुरुआत के चार हफ्ते में ही कम भी हो गया। स्टडी में यहां के अस्पतालों के रिकॉर्ड देखे गए। यहां 5 दिसंबर को कोरोना की लहर चरम पर थी। यहां लोगों में संक्रमण फैलाने में ओमिक्रोन 95 प्रतिशत तक जिम्मेदार है। दक्षिण अफ्रीका के मेडिकल रिसर्च काउंसिल के एड्स और तपेदिक अनुसंधान के निदेशक फरीद अब्दुल्ला(Fareed Abdullah) ने twitter पर लिखा, "जिस गति से ओमिक्रोन से चौथी लहर बढ़ी, चरम पर पहुंची और फिर घट गई, वह चौंका देने वाली है। चार सप्ताह में पीक और अन्य दो में तेजी गिरावट।
अमेरिका का हाल
एक दिन पहले दुनियाभर में कोविड-19 के 17 लाख से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं। भारत में भी मामलों में अचानक वृद्धि देखी जा रही है। संयुक्त राज्य अमेरिका और पश्चिमी यूरोप, विशेष रूप से कोविड-19 हॉटस्पॉट बन गए हैं।
यह भी जानें
भारत में कॉर्बेवैक्स के आपातकालीन उपयोग को मंजूरी मिलने पर प्रोफेसर पीटर होटेज ने कहा-कॉर्बेवैक्स न केवल भारत के लिए बल्कि विश्व स्तर पर उपयोगी होगा क्योंकि अधिकांश अफ्रीकी महाद्वीप, भारत के आसपास के पड़ोसी देश और अमेरिका में बड़े पैमाने पर लोग वैक्सीनेटेड नहीं है। भारत में 18 वर्ष और उससे अधिक उम्र के वयस्कों के लिए कॉर्बेवैक्स का आपातकालीन उपयोग को मंजूरी मिलना एक महान बाल चिकित्सा प्रोफ़ाइल होगा।
आदित्य नेगी (उपायुक्त, शिमला जिला प्रशासन, हिमाचल प्रदेश) ने कहा- यहां पर 31 दिसंबर को लोग ज़्यादा आते हैं। इसके मद्देनज़र हमने शिमला को 7 सेक्टर में बांटा है और सभी जगह SDM और मजिस्ट्रेट तैनात हैं। पुलिस ने शिमला को 6 सेक्टर में बांटा है,सभी जगह पुलिसबल तैनात हैं। हमारा फोकस है कि कोरोना नियमों का पालन हो। जो भी कोरोना नियमों का पालन नहीं करेगा तो उसके ख़िलाफ़ नियम अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
देश में गुरुवार को कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन से महाराष्ट्र के पिंपरी चिंचवाड़ में पहली मौत दर्ज की गई है। देश में नया वैरिएंट 28 दिन में 25 राज्यों तक फैल गया है।
नए साल का जश्न मनाने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक गोवा पहुंचे। गोवा सरकार ने 31 दिसंबर को होने वाले कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए कोविड-19 नेगेटिव रिपोर्ट व वैक्सीन की दोनों डोज़ का सर्टिफिकेट अनिवार्य कर दिया है।
असम के स्वास्थ्य मंत्री केशब महंता ने कहा-15 से 18 साल के बच्चों का टीकाकरण 3 जनवरी से शुरू होगा। पहले शिक्षा संस्थान के सभी 15 से 18 साल के बच्चों को वैक्सीन लगाई जाएगी।
लखनऊ में प्रतिदिन नाइट कर्फ्यू रात 11 बजे से सुबह 5 बजे तक रहता है। नए साल पर भी भी ये कर्फ्यू लागू रहेगा। किसी भी प्रकार का सार्वजनिक समारोह 11 बजे के पूर्व खत्म हो जाना चाहिए।
जानिए भारत में कहां पाबंदियां
दिल्ली (Delhi) में 'येलो अलर्ट' है। रात 11 बजे से सुबह पांच बजे तक नाइट कर्फ्यू रहेगा।
महाराष्ट्र में सार्वजनिक स्थानों पर 5 से अधिक व्यक्ति रात 9 बजे से सुबह 6 बजे तक जमा नहीं हो सकेंगे।
हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, कर्नाटक, केरल में भी नाइट कर्फ्यू है।
गुजरात के 8 शहरों (अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत, राजकोट, भावनगर, जामनगर, गांधीनगर और जूनागढ़) में नाइट कर्फ्यू रात 11 बजे से सुबह 5 बजे तक रहेगा।
असम में 31 दिसंबर को नाइट कर्फ्यू नहीं होगा हालांकि इसके बाद रात 11.30 बजे से सुबह छह बजे तक रात का कर्फ्यू लागू रहेगा।
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