सार
आईएमए के रिसर्च में शामिल 5,971 लोगों में से 2,383 ने बूस्टर डोज ली थी। इनमें से 30 प्रतिशत को कोविड-19 की तीसरी लहर के दौरान कोरोना संक्रमण हुआ। रिसर्चर्स ने निष्कर्ष निकाला कि दूसरी डोज के बाद बूस्टर के लिए लंबे अंतराल के कारण संक्रमण की संभावना अधिक थी। इसके अलावा, छह महीने के अंतराल से पहले तीसरी डोज देने से संक्रमण दर में कोई फर्क नहीं पड़ा।
नई दिल्ली। देश में कोविड -19 वैक्सीन की बूस्टर डोज (Covid 19 Booster dose) लेने वालों में से 70 प्रतिशत लोगों को कोरोना की तीसरी लहर में संक्रमण नहीं हुआ। यह खुलासा एक अध्ययन में हुआ है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA national Task Force research) की नेशनल टास्क फोर्स के सह अध्यक्ष डॉक्टर राजीव जयदेवन के नेतृत्व में यह अध्ययन 6,000 लोगों पर किया गया।
45 प्रतिशत लोग तीसरी लहर के दौरान चपेट में आए
इसमें कहा गया है कि जिन लोगों ने कोरोना वैक्सीन लगवा ली थी, लेकिन बूस्टर डोज नहीं लगवाया था, ऐसे 45 प्रतिशत लोग तीसरी लहर के दौरान कोरोना वायरस की चपेट में आए। सर्वे में वैक्सीनेशन करा चुके 5,971 लोगों को शामिल किया गया। इनमें से 24 प्रतिशत लोग 40 साल से कम उम्र के थे। इसके अलावा 50 प्रतिशत लोग 40-59 आयु वर्ग जिनमें से 45 फीसदी महिलाएं थीं। इनमें 53 फीसदी स्वास्थ्यर्मियों को शामिल किया गया था।
40 से कम उम्र वाले तीसरी लहर में ज्यादा संक्रमित हुए
अध्ययनकर्ताओं ने बताया कि इसमें शामिल 5,971 लोगों में से 2,383 ने बूस्टर डोज ली थी। इनमें से 30 प्रतिशत को कोविड-19 की तीसरी लहर के दौरान कोरोना संक्रमण हुआ। रिसर्चर्स ने निष्कर्ष निकाला कि दूसरी डोज के बाद बूस्टर के लिए लंबे अंतराल के कारण संक्रमण की संभावना अधिक थी। इसके अलावा, छह महीने के अंतराल से पहले तीसरी डोज देने से संक्रमण दर में कोई फर्क नहीं पड़ा। तीसरी लहर ने 40 वर्ष से कम उम्र के लोगों को सबसे ज्यादा प्रभावित किया और उनमें से लगभग 45 प्रतिशत इस बीमारी की चपेट में आए। रिसर्चर्स ने पाया कि कोवैक्सीन और कोविशील्ड लगवाने वालों में तीसरी लहर के दौरान पॉजिटिविटी रेट समान था।
अध्ययन के नतीजे
40-59 आयु वर्ग के 39.6 प्रतिशत लोग तीसरी लहर में संक्रमित हुए।
60-79 आयु वर्ग के लगभग 31.8 प्रतिशत लोग कोविड से पीड़ित हुए।
80 साल से ऊपर के 21.2 फीसदी लोग संक्रमण की चपेट में आए।