सार
महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद रॉयल फैमिली की कवरेज के दौरान हुई एक गड़बड़ी के लिए बीबीसी को शर्मिंदगी झेलनी पड़ी है। यह एक ऐसा वाक्या है जिसे बीबीसी जल्द भुलाना चाहेगा। यह समस्या रॉयल कवरेज के दौरान देखने को मिली।
लंदन. शाही कवरेज के दौरान बीबीसी को सह हेड लगाने में हुई गड़बड़ी की वजह से शर्मनाक स्थिति का सामना करना पड़ा है। दरअसल, महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का गुरुवार को निधन हो गया। इसके बाद से शाही कवरेज के दौरान बीबीसी ने अपने ऑडियो सब हेड में एक शर्मनाक गलती की। जिसमें एक महत्वपूर्ण शब्द सुनाई नहीं दिया।
क्या है वह गलती
ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन ने मूक-बधिरों के लिए स्वचालित सब हेड का उपयोग करता है। स्क्रीन पर सिस्टम द्वारा लिखित शब्दों में अक्सर त्रुटियां भी होती हैं। नए किंग चार्ल्स III और उनकी पत्नी कैमिला के कवरेज के दौरान जब वे स्कॉटलैंड से लंदन पहुंचे तो सब हेड में रेजिना के बजाय योनि शब्द को फ्लैश कर दिया गया। यह शब्द ये समझाने के लिए था कि कैमिला क्वीन रेजिना या एक राज करने वाली रानी नहीं बल्कि नए सम्राट के साथी के रूप में रानी कंसोर्ट होगी। बीबीसी सब हेड में कैमिला के बारे में बातचीत के दौरान क्वीन रेजिना शब्द को गलत ढंग से प्रेजेंट किया गया। इसके बाद तुरंत ट्वीटर पर लोगों ने विरोध शुरू कर दिया।
सोशल मीडिया पर हुआ बवाल
इसके बाद कई अन्य लोगों ने सोशल मीडिया फॉलो किया। यूजर्स ने कहा कि राज्य प्रसारक को अपने ऑडियो उपशीर्षक के साथ अधिक सावधान रहने की आवश्यकता है। यूके में अधिकांश समाचार चैनलों ने अपने सामान्य प्रोग्रामिंग को उस समय स्थगित कर दिया था, जब 96 वर्षीय महारानी का स्कॉटलैंड में बाल्मोरल कैसल निवास पर निधन हो गया। आने वाले दिनों में महारानी का ताबूत स्कॉटलैंड में ब्रिटिश सम्राट के आधिकारिक निवास एडिनबर्ग में पैलेस ऑफ होलीरूड हाउस के लिए लाया गया। इसके बाद इसे शहर के सेंट जाइल्स कैथेड्रल ले जाया जाएगा। जहां रानी को दफनाया जाएगा। वहां जनता उनके ताबूत को देख सकेगी। उसके बाद यह ताबूत लंदन चला जाएगा, जो उसके अंतिम संस्कार से पहले लगभग चार दिनों तक राज्य में रहेगा।
चार्ल्स बने उत्तराधिकारी
शनिवार सुबह इतिहास में पहली बार टेलीविजन पर प्रसारित प्राचीन समारोह में रानी के बेटे और उत्तराधिकारी चार्ल्स को औपचारिक रूप से राजा घोषित किया गया है। किंग चार्ल्स III ने अपने पहले आधिकारिक संबोधन में कहा कि मेरी मां का शासन उसके समर्पण और उसकी भक्ति में अतुलनीय था। इससे पहले राष्ट्र और राष्ट्रमंडल ने उनकी 70 साल की सेवा के लिए धन्यवाद दिया।
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