सार
2013 और 2015 के विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल के पास योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण जैसे चाणक्य रणनीतिकार थे तो कुमार विश्वास जैसे भीड़ जुटाकर माहौल बनाने वाले स्टार नेता थे।
नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के चीफ और सीएम अरविंद केजरीवाल भले अपनी जीत को लेकर आस्वस्त नजर आ रहे हैं, मगर उनकी राजनीतिक राह इस बार आसान नहीं है। दिल्ली के 2020 विधानसभा चुनाव में न तो केजरीवाल के साथ रणनीतिकार दिख आ रहे हैं और न ही गली-गली घूमकर प्रचार करने वाले वॉलंटियर नजर आ रहे हैं। केजरीवाल को दिल्ली के रणक्षेत्र में अकेले ही अभिमन्यु की तरह बीजेपी की भारी भरकम फौज का मुकाबला करना पड़ रहा है।
2013 और 2015 के विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल के पास योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण जैसे चाणक्य रणनीतिकार थे तो कुमार विश्वास जैसे भीड़ जुटाकर माहौल बनाने वाले स्टार नेता भी थे। इसके अलावा आशुतोष जैसे कुशल सियासी समीकरण बिछाने वाला पत्रकार भी उनकी टीम में शामिल था। आम आदमी पार्टी के लिए हजारों की तादाद में वॉलंटियर देश के अलग-अलग शहरों से आकर केजरीवाल की जीत के लिए गली-गली और घर-घर जाकर वोट मांग रहे थे। इन्हीं वॉलंटियर के सहारे अरविंद केजरीवाल 2013 में 28 और 2015 के विधानसभा चुनाव में 67 सीटें जीतने में कामयाब रहे थे, जिसके दम पर सत्ता के सिंहासन पर भी काबिज हुए थे।
इस बार के दिल्ली विधानसभा चुनाव में केजरीवाल के साथ न तो कोई रणनीतिकार नजर आ रहा है और न ही स्टार प्रचारक। इतना ही नहीं वॉलंटियर भी गायब हैं। ऐसे में केजरीवाल अकेले ही चुनाव की कमान संभाले हुए हैं। वो एक दिन में तीन-तीन रोड शो कर रहे हैं और पार्टी के प्रत्याशियों को जितानें के लिए अकेले ही पसीना बहा रहे हैं।
कार्यकर्ताओं में नहीं दिख रहा समर्पण
वॉलंटियर की जगह पार्टी कार्यकर्ताओं ने भले ही मोर्चा संभाल लिया हो, मगर पहले जैसी ललक और पार्टी के प्रति समर्पण नजर नहीं आ रहा हैं। इस बार के चुनाव में बाहर से भी कोई खास वॉलंटियर नहीं आए हैं। पार्टी के उम्मीदवार से जुड़े हुए नेता और कार्यकर्ता ही प्रचार कर रहे हैं। जबकि 2015 के चुनाव में विश्विद्यालय के छात्र भी केजरीवाल को जिताने के लिए सिर पर आम आदमी पार्टी की टोपी लगाए घर-घर घूम रहे थे।
केजरीवाल से कर लिया किनारा
बीजेपी के सांसद रमेश बिधूड़ी ने कहा कि केजरीवाल की सच्चाई से हर एक शख्स वाकिफ हो चुका है। ऐसे में अब उनके झांसे में कोई आने वाला नहीं है। इस बात को वॉलंटियर भी समझ चुके हैं और केजरीवाल के साथ रहने वाले नेता भी। इसीलिए वो सब साथ छोड़कर चले गए हैं और इस चुनाव में दिल्ली की जनता भी उनका साथ छोड़कर बीजेपी के हाथों को मजबूत करेगी।
वॉलंटियर बन गए हैं कार्यकर्ता
आम आदमी पार्टी के राजेंद्र नगर से उम्मीदवार राघव चड्डा ने कहा कि ऐसा नहीं है कि वॉलंटियर प्रचार नहीं कर रहे हैं, लेकिन बड़ी तादाद में वो पार्टी से जुड़ गए हैं और कार्यकर्ता बन गए हैं तो ऐसे में आप उनकी पहचान नहीं कर पा रहे हैं। हमने दिल्ली की हर बूथ पर 10 वॉलंटियर तैनात किए गए हैं और साथ ही 50 लोगों की एक टीम हर बूथ पर प्रचार करने के लिए लगाई गई है।