सार
दिल्ली की सत्ता पर 15 साल तक राज करने वाली शीला दीक्षित की राजनीतिक विरासत को संभालने के लिए उनकी बेटी लतिका आगे आ सकती है लतिका की राजनीतिक लांचिंग विधानसभा चुनाव में हो सकती है शीला के बेटे संदीप दीक्षित कांग्रेस में सक्रिय हैं और सांसद रहे हैं
नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव का सियासी पारा चढ़ता जा रहा है। आम आदमी पार्टी ने सभी 70 और बीजेपी ने 57 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है जबकि कांग्रेस ने अभी तक अपने प्रत्याशियों के नाम को लेकर मंथन कर रही है। ऐसे में दिल्ली की सत्ता की कमान संभाल चुकी दो महिला नेताओं की बेटियों की सियासी लांचिंग की प्लानिगं चल रही है।
दिल्ली की सत्ता पर 15 साल तक राज करने वाली शीला दीक्षित अब दुनिया में नहीं है। ऐसे में शीला दीक्षित की राजनीतिक विरासत को संभालने के लिए उनकी बेटी लतिका आगे आ सकती है। लतिका की राजनीतिक लांचिंग विधानसभा चुनाव में हो सकती है। शीला के बेटे संदीप दीक्षित कांग्रेस में सक्रिय हैं और सांसद रहे हैं।
शीला दीक्षित की बेटी भी चुनावी मैदान में
सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस पार्टी लतिका को नई दिल्ली सीट से अरविंद केजरीवाल के खिलाफ चुनाव मैदान में उतार सकती है। शीला दीक्षित इसी नई दिल्ली सीट से 15 साल तक जीतकर विधायक और दिल्ली की मुख्यमंत्री बनती रही हैं। ऐसे में नई दिल्ली सीट से लतिका उतरकर अपनी मां की विरासत संभालने का संकेत दे सकती है। 2015 में इस सीट पर कांग्रेस ने किरण वालिया को उतारा था, लेकिन वह तीसरे नंबर रही थी।
सुषमा की बेटी बांसुरी की सियासी लांचिग
दिल्ली की सत्ता पर बीजेपी एक बार ही काबिज रही है, लेकिन पांच साल में तीन मुख्यमंत्री बनाने पड़े थे। बीजेपी की ओर से सत्ता की कमान संभालने वाली सुषमा स्वराज भी रही हैं, 1998 के चुनाव से ऐन पहले दिल्ली की मुख्यमंत्री बनी थी। सुषमा स्वराज का निधन हो चुका है। माना जा रहा है कि सुषमा स्वराज की सियासी विरासत को आगे बढ़ाने के लिए उनकी बेटी बांसुरी आगे आ सकती हैं। बांसुरी की सियासी लांचिंग के जबरदस्त कयास हैं।
बांसुरी अपनी मां की तरह ही तेज तर्रार हैं। वो पेशे से वकालत करती हैं। सूत्रों की मानें तो बीजेपी अरविंद केजरीवाल को नई दिल्ली सीट से घेरने के लिए बांसुरी को चुनावी मैदान में उतार सकती हैं। बीजेपी ने अभी तक नई दिल्ली सीट से किसी भी उम्मीदवार का नाम घोषित नहीं किया है। ऐसे में बीजेपी अगर बांसरी को नई दिल्ली सीट से मैदान में उतारता है केजरीवाल के लिए यह सीट जीतने के लिए लोहे के चने चबाने पड़ सकते हैं।