सार

दिल्ली विधानसभा चुनाव में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। कुमार विश्वास ने एक ट्वीट कर कहा कि शाहीन बाग में जो लोग बैठे हैं उन्हें केजरीवाल ने ही भेजा है। दरअसल दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया था कि शाहीन बाग में बंद रास्ते की वजह से लोगों को परेशानी हो रही है। 

नई दिल्ली. दिल्ली विधानसभा चुनाव में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। कुमार विश्वास ने एक ट्वीट कर कहा कि शाहीन बाग में जो लोग बैठे हैं उन्हें केजरीवाल ने ही भेजा है। दरअसल दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया था कि शाहीन बाग में बंद रास्ते की वजह से लोगों को परेशानी हो रही है। भाजपा नहीं चाहती कि रास्ते खुलें। भाजपा गंदी राजनीति कर रही है। भाजपा के नेताओं को तुरंत शाहीन बाग जाकर बात करनी चाहिए और रास्ता खुलवाना चाहिए। बता दें कि शाहीन बाग में 40 दिन से सीएए के विरोध में प्रदर्श हो रहा है।

हमसे बेहतर तो तुझे, तू भी नहीं जानता है : कुमार विश्वास 
कुमार विश्वास ने लिखा, "अपने अमानती-गुंडे को भेजकर बिठाओ तुम और उठाएं दूसरे? तुम्हारा निर्वीर्य नायब शाहीन बाग के साथ खड़ा हूं, तुम कह रहे हो हटाओ। अपनी हर गैर-मुनासिब सी जहालत के लिए, बारहा तू जो ये बातों के सिफर तानता है, छल-फरेबों में ढके सच के मसीहा मेरे, हमसे बेहतर तो तुझे, तू भी नहीं जानता है।"

क्या है शाहीन बाग विवाद?
नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के विरोध में 40 दिन से दिल्ली के शाहीन बाग में विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका लगाई थी, जिसमें कहा गया था कि प्रदर्शन की वजह से रास्ता जाम हो गया है। स्थानीय लोगों को आने-जाने में दिक्कत होती है। इस मामले में कोर्ट ने कहा था कि रास्ता खाली करवाने के लिए पुलिस कानून के मुताबिक काम करे। 
- दिल्ली विधानसभा चुनाव में शाहीन बाग, मुद्दा बन गया है। भाजपा का आरोप है कि शाहीन बाग में बैठे लोगों को पैसे दिए गए हैं। वहीं केजरीवाल पर आरोप है कि धरने पर बैठे लोगों को आप ने भेजा है।

क्या है सीएए ?
नागरिकता कानून 2019 भारत के तीन पड़ोसी देशों से धार्मिक उत्पीड़न ही वजह से भारत आने वाले अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने के लिए है। पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश देशों में सिख, जैन, हिंदू, बौद्ध, इसाई और पारसी अल्पसंख्यक हैं। ये तीनों देश मुस्लिम राष्ट्र हैं, इस वजह से उनमें धार्मिक अल्पसंख्यक को उत्पीड़न का शिकार होना पड़ता है। इन लोगों को भारत में नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है।