सार
कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता और राहुल गांधी के करीबी रणदीप सिंह सुरजेवाला हरियाणा के कैथल सीट से चुनाव हार गये हैं। भाजपा के लीला राम ने उनको 3500 से ज्यादा वोटों के अंतर से हरा दिया।
कैथल. कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राहुल गांधी के करीबी रणदीप सिंह सुरजेवाला हरियाणा के कैथल सीट से चुनाव हार गये हैं। भाजपा के लीला राम ने उनको 3500 से ज्यादा वोटों के अंतर से हरा दिया। इसी साल हुए जींद विधानसभा के उपचुनाव में सुरजेवाला को हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि इस बार के विधानसभा चुनाव में भूपेंद्र हुड्डा और रणदीप सुरजेवाला को एक साथ पार्टी प्रचार करते नही नज़र आए।
कम आयु में ही पार्टी की प्रमुख जिम्मेदारीयां संभाली
कैथल सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार 52 आयु के रणदीप सिंह सुरजेवाला के पिता शमशेर सिंह सुरजेवाला भी बड़े नेता रहे हैं । वे हरियाणा के कृषि एवं सहकारिता मंत्री रह चुके हैं। रणदीप सिंह सुरजेवाला ने पंजाब यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई की है। यहीं से उन्होने राजनीति विज्ञान में परास्तानक की पढ़ाई भी की है। कानून की पढ़ाई पूरी करने के बाद सुरजेवाला ने 21 वर्ष की आयु में पंजाब व हरियाणा उच्च न्यायालय में प्रैक्टिस शुरू कर दिया था। पिता राज्य के बड़े नेता थे तो उन्ही के साथ पार्टी कार्यालय भी जाया करते थे। इसी रूचि को देख पार्टी ने उनको हरियाणा प्रदेश युवा कांग्रेस का महासचिव का पद दिया था।
जीता पार्टी का विश्वास
सुरजेवाला पार्टी के कितने विश्वासपात्र हैं इस बात से लगाया जा सकता है कि वे लगातार पार्टी के लिए राज्य में जिम्मेदार पद पर रहे और राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी के जिम्मेदार पदों पर रहे। रणदीप सुरजेवाला छह बार ( 1993 उपचुनाव, 1996, 2000, 2009 व 2014) हरियाणा विधानसभा के लिए चुनाव लड़े। इस दौरान उन्होने ओम प्रकाश चौटाला को 1996 और 2005 के चुनावों में हराया, जो तत्कालीन प्रदेश मुख्यमंत्री थे। वर्तमान में वे कैथल सीट से विधायक हैं और इसी सीट से चुनाव भी लड़ रहे हैं। 2014 के चुनाव में जब कांग्रेस की हालत खराब थी तब भी सुरजेवाला ने कैथल की सीट को कांग्रेस के पास रखने में कामयाब रहे थे।
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