सार
गुजरात की सियासत में पिछले 27 सालों से एक ही पार्टी काबिज है और वह है भारतीय जनता पार्टी। 1995 के बाद से आज तक यहां किसी की दाल नहीं गली और लगातार बीजेपी सत्ता में है। लेकिन इसी सूबे में 8 ऐसी भी विधानसभा सीटें हैं जहां अभी तक बीजेपी का खाता भी नहीं खुल सका है।
अहमदाबाद(Gujrat). गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 में आज द्वितीय चरण का मतदान जारी है। दोपहर 3 बजे तक गुजरात विधानसभा चुनाव के दूसरे और आखिरी चरण में तीन बजे तक 50.51 फीसदी मतदान हुआ है। गुजरात की सियासत में पिछले 27 सालों से एक ही पार्टी काबिज है और वह है भारतीय जनता पार्टी। 1995 के बाद से आज तक यहां किसी की दाल नहीं गली और लगातार बीजेपी सत्ता में है। लेकिन इसी सूबे में 8 ऐसी भी विधानसभा सीटें हैं जहां अभी तक बीजेपी का खाता भी नहीं खुल सका है। उनमें से कुछ सीटों पर आज मतदान जारी है।
2022 के चुनाव में भी जहां बीजेपी गुजरात की सत्ता को बरकरार रखने की कवायद में जुटी है, वहीं कांग्रेस और आप ये दो प्रमुख राजनीतिक पार्टियां इस बार बीजेपी के विजयरथ को रोकने का हर संभव प्रयास कर रही हैं। इस बार बीजेपी ने 182 सीटों वाले राज्य गुजरात में 160 प्लस का टारगेट रखा है। इसके लिए गुजरात बीजेपी के नेताओं के साथ ही केन्द्रीय नेताओं ने भी पूरी ताकत झोंकी थी। हांलाकि मतदाताओं का फैसला आज EVM में बंद हो जाएगा। लेकिन इन सब के बीच बीजेपी का सबसे बड़ा फोकस उन 8 सीटों पर जीत दर्ज करना होगा जिनपर आजादी के बाद से आज तक कभी कमल नहीं खिल सका है। ये आठ सीटें बोरसद, झगडिया, आंकलाव, दाणीलीमडा, महुधा, गरबडा, भिलोड़ा और व्यारा विधानसभा हैं।
इसलिए जीत दर्ज करने में नाकामयाब रही बीजेपी
बीजेपी राज्य में पिछले 25 सालों से सत्ता में रही है लेकिन एसटी और मुसलमानों के बीच गहरी पैठ बनाने में नाकामयाब रही है। राज्य में कांग्रेस ने सरकार बनाने का फॉर्मूला तैयार करने का दावा जरूर किया है लेकिन 2022 में बीजेपी और कांग्रेस के सामने आम आदमी पार्टी भी मैदान में डटी हुई है। कहा जा रहा है कि राज्य में 15 फीसदी आबादी एसटी की है जिनमें पैठ बनाने के उद्देश्य से बीजेपी ने द्रोपदी मुर्मू को राष्ट्रपति बनाया है। ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी इन इलाकों में साल 2022 के चुनाव क्या कर पाती है।
1962 में गुजरात में हुआ था पहला चुनाव
महाराष्ट्र से 1960 में अलग होकर अस्तित्व में आए गुजरात में साल 1962 में पहला चुनाव हुआ था। सूबे में कांग्रेस सत्ता में आई लेकिन 1995 के चुनाव में बीजेपी ने जीत दर्ज कर आई तो फिर 27 सालों से लगातार काबिज है। 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से जरूर बीजेपी को चुनौती मिली, लेकिन अपनी सत्ता को बचाए रखने में सफल रही।
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